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चेन्नई में 900 ग्राम की प्रीमैच्योर बच्ची को पेसमेकर लगाया गया

चेन्नई. एक किलोग्राम से भी कम वजन की प्रीमैच्योर बच्ची को चेन्नई के निजी अस्पताल में पेसमेकर लगाया गया। बच्ची का जन्म 27 हफ्ते की गर्भावस्था के बाद ही हो गया था। डॉक्टरों का कहना है कि उसके हृदय में जन्मजात ब्लॉकेज था। सामान्य व्यक्ति का हृदय एक मिनट में 140 से 160 बार धड़कता है, लेकिन उसका हृदय 55 से 60 बार ही धड़क रहा था।

सूरिया हॉस्पिटल की वरिष्ठ कंसल्टेंट नियोनैटसेलॉजिस्ट दीपा हरिहरण ने बताया कि दुनिया में अब तक ऐसे सिर्फ तीन मामले ज्ञात हैं, जिनमें एक किलो ग्राम से कम वजन की प्रीमैच्योर बच्ची को पेसमेकर लगाया गया हो। भारत का यह मामला चौथा है। इस बच्ची की मां को ल्यूपस नामक बीमारी थी। इस वजह से वह कई सालों से गर्भधारण नहीं कर पा रही थी। उसका दो बार गर्भपात हो चुका था।

पहले 900 ग्राम वजन था, 70 दिन बाद अब ढाई किलो

इस बार गर्भावस्था के दौरान स्टेरॉइड थेरेपी के बावजूद बच्ची ने 10 मई 2019 को जन्म ले लिया। जन्म से ही बच्ची की धड़कन 40 से 45 प्रति मिनट थी। पेसमेकर लगाए जाने के दिन उसका वजन 900 ग्राम था। बच्ची के सीने में बहुत कम जगह थी। इसलिए पेसमेकर उसके पेट में लगाना पड़ा। सर्जरी के बाद उसे 70 दिन के लिए वेंटीलेटर पर रखा गया था। हाल ही में अस्पताल से छुट्टी दिए जाते समय उसका वजन ढाई किलो हो गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, अब तक माना जाता था कि ल्यूपस पश्चिम की महिलाओं को ही प्रभावित करता है, लेकिन अब ऐसे मामले यहां भी दिखाई दे रहे हैं।

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प्रीमैच्योर बच्ची को चेन्नई के निजी अस्पताल में पेसमेकर लगाया गया।


from Dainik Bhaskar /national/news/aircraft-will-take-passengers-to-north-pole-for-first-time-in-2023-tickets-worth-46-lakhs-01688919.html
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