नई दिल्ली. भारत और जापान शनिवार को पहली बार 2+2 समिट में शामिल होंगे। इस बैठक में दोनों देश परस्पर सहयोग और कूटनीति पर चर्चा होगी। जापान की तरफ से विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी और रक्षा मंत्री तारो कोनो दिल्ली आएंगे। यहां वे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके बाद दोनों नेता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्वायत्ता पर होगी बातचीत
भारत और जापान के प्रतिनिधिमंडल के बीच रक्षा और द्विपक्षीय सुरक्षा के मुद्दे पर बातचीत होगी। इसके अलावा भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत जापान की प्राथमिकताओं और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र वार्ता का अहम हिस्सा होंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस मुलाकात के जरिए दोनों देशकूटनीतिक और वैश्विक साझेदारी को नए सिरे से तैयार करेंगे।जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में 13वींभारत-जापान सालाना समिट के दौरान2+2 समिट की नींव रखी थी।
अमेरिका जता चुका है समर्थन
भारत कई बार हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता जारी कर चुका है। इसी के चलते क्षेत्र में भारत का दखल बढ़ाने के लिए अमेरिका ने पिछले साल प्रशांत कमांड का नाम बदल कर हिंद-प्रशांत कमांड कर दिया था। दोनों देश इस क्षेत्र में रक्षा संबंध और व्यापार को मजबूत करने में जुटे हैं।जापान से पहले भारत अमेरिका के साथ 2+2 समिट में शामिल हो चुका है।
चीन के ओबोर के जवाब में साथ आ रहे हिंद प्रशांत क्षेत्र के देश
भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापारिक और कूटनीतिक गतिविधियों में जापान और ऑस्ट्रेलिया को भी शामिल कर रहा है। यह सभी देश भारत के साथ चीन की विस्तारवादी वन बेल्ट, वन रोड (ओबोर) के जवाब में अपनासहयोगबढ़ा रहे हैं। माना जा रहा है कि भारत-जापान के बीच 2+2 समिट इसी दिशा में बड़ा कदम होगा।
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from Dainik Bhaskar /national/news/defense-foreign-ministers-meeting-mutual-cooperation-and-diplomatic-issues-will-be-discussed-126172022.html
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