मुंबई (विनोद यादव).शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी महाराष्ट्र महाविकास अघाडी में शामिल होने के बावजूद कांग्रेस अपने सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से भीतर ही भीतर डरी हुई है। कांग्रेस के रणनीतिकारों को लग रहा है कि पवार ने जिस तरह से उद्धव ठाकरे को विश्वास में लेकर नियंत्रण हासिल किया है। वह भविष्य में कांग्रेस के लिए आत्मघाती हो सकता है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एनसीपी को कमजोर करने के लिए ही कांग्रेस हाईकमान ने दिल्ली से पृथ्वीराज चव्हाण को राज्य का सीएम बनाया था। पर पृथ्वीराज के कार्यकाल में ही एनसीपी के साथ संबंध बिगड़ने शुरू हुए और 2014 में एनसीपी ने कांग्रेस से अलग चुनाव लड़ा। एनसीपी धीरे-धीरे राज्य के ग्रामीण इलाकों में जड़ें मजबूत कर रही है। कांग्रेस इसी बात से डरी हुई है कि यदि एनसीपी फिर से महाराष्ट्र में मजबूत हो गई, तो भविष्य में उसे भाजपा के साथ एनसीपी से भी मुकाबला करना होगा। क्योंकि शरद पवार के अभी भी पीएम मोदी से ज्यादा खराब नहीं हुए हैं।
रात को ही मुंबई पहुंचे अहमद पटेल और वेणुगोपाल: महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे पहले से ही मुंबई में मौजूद हैं। इस बीच राज्य के नेताओं को लगा कि शरद के समक्ष मंत्रियों के संभावित विभागों को लेकर कांग्रेस नेता कमजोर साबित हो रहे हैं, तो उन्होंने इसकी जानकारी कांग्रेस हाईकमान को दी। फौरन रात में ही सोनिया ने अहमद पटेल और महासचिव केसी वेणुगोपाल को मुंबई भेज दिया।
कांग्रेस में मंत्रिपद के लिए चल रही है लॉबिंग
कांग्रेस नेताओं को लगता है कि चुनाव में दलित, पिछड़े वर्ग और मुस्लिम लोगों ने ज्यादा वोट दिया है। इसी वजह से अनुसूचित जाति पूर्व कैबिनेट मंत्री वर्षा गायकवाड, नितिन राऊत और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रणिति शिंदे का नाम चर्चा में है। मुंबई से कांग्रेस के 4 विधायक हैं। इसमें 3 मुस्लिम और एक दलित हैं। दो विधायकों ने अहमद पटेल के समक्ष और एक ने वेणुगोपाल से मुलाकात कर लॉबिंग की है। कांग्रेस को मंत्रियों का चयन करने में सबसे अधिक परेशानी का सामना विदर्भ में करना पड़ रहा है। क्योंकि यहां से भी कई पुराने दिग्गज जीते हैं।
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from Dainik Bhaskar /maharashtra/mumbai/news/how-will-mahavikas-aghadi-government-despite-being-in-government-congress-is-scared-of-pawar-126152966.html
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