इस्लामाबाद (शाह जमाल).भारत के जवाहरलाल नेहरू विवि. (जेएनयू) की तर्ज पर पाकिस्तान में भी यूनिवर्सिटी के छात्र नारेबाजी कर रहे हैं। ‘कहकर लेंगे आजादी, लड़कर लेंगे आजादी। हम क्या मांगें आजादी, पढ़ने की आजादी।’ इस तरह की नारेबाजी यहां पिछले कई दिनों से चल रही है। प्रगतिशील व वामपंथी छात्र संगठनों ने बेहतर शिक्षा और बेहतर शैक्षिक माहौल की मांग के साथ 29 नवंबर को विद्यार्थी एकजुटता मार्च निकालने का ऐलान किया है। यह ऐलान ऐसे समय में किया गया है जब देश में फीस बढ़ोत्तरी, कैंपसों में पुलिस की छात्रों पर कार्रवाइयों और उनकी गिरफ्तारियों को लेकर विद्यार्थियों में असंतोष पनप रहा है।
छात्रों ने आरोप लगाया है कि हक और जायज सुविधाएं मांगने पर देशद्रोह की धाराएं लगाई जा रही है। लाहौर के छात्रनेता और प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फेडरेशन के प्रमुख हैदर कलीम ने कहा, ‘हम सड़कों पर उतरने के लिए इसलिए मजबूर हुए हैं कि हर छात्र को दाखिले से पहले एक शपथपत्र भरने को कहा जा रहा है। वैसे तो छात्र संघों पर प्रतिबंध नहीं है लेकिन कई आदेशों के जरिए ऐसी पाबंदी थोपी जा रही है, ताकि विद्यार्थी राजनीति में हिस्सा न ले सकें।
भीड़ द्वारा मारे गए मशाल खान की याद में सार्वजनिक छुट्टी की मांग
छात्र संगठनों का कहना है कि अपने विचार के लिए भीड़ द्वारा मार दिए गए छात्र मशाल खान की याद में 13 अप्रैल को सार्वजनिक छुट्टी घोषित की जाए। मशाल की हत्या 13 अप्रैल 2017 को कर दी गई थी।
पीने का पानी मांगने पर आतंकी कहा जा रहा
बलूचिस्तान यूनिवर्सिटी के छात्र दानिश बलोच ने कहा कि यहां छात्रों के साफ पीने के पानी की मांग पर आतंकवादी कहा जा रहा है। छात्रा सिदरा इकबाल ने कहा, ‘बलूचिस्तान में यूनिवर्सिटी सेना की छावनियां लगने लगी हैं।’ हाॅस्टल में रहने वाली छात्राओं के लिए समय की पाबंदी लगा दी गई है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/protest-in-pakistan-like-jnu-126152968.html
0 Comments:
Post a Comment