कोरिया.छतीसगढ़ केएक गांव में हुई शादीचर्चा में है।दूल्हा और दुल्हन दोनों ही दृष्टिबाधित हैं। दोनों की जातियां भी अलग-अलग हैं।बुधवार को कोरिया जिले के डुमरिया गांव में मध्य प्रदेश के ग्वालियर से बारात पहुंची। शादी में शामिल हुए बाराती भी दृष्टिबाधित थे। दृष्टिबाधित युवक और युवती की मुलाकात विश्वविद्यालय में संगीत की पढ़ाई के दौरान हुई। यहीं दोनों के बीचप्यार पनपा।
बिन बुलाए पहुंच गए मेहमान देखने अनोखी शादी
डुमरिया गांव के सभी लोगों के लिए इस शादी को देखना एक रोचक अहसास से भरा था। लिहाजा बिना निमंत्रण के ही पूरा गांव दादू राम पनिका के घर पहुंचा गया। इन्हीं की बड़ी बेटी गूंजा की शादी हुई। जन्म से ही देख न सकने वाली गूंजा पढ़ाई में अच्छी थी। पिता ने भी साथ दिया तो बेटी चित्रकूट के रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय पढ़ने चली गई। यहां ब्रेल लिपि के माध्यम से बीएड की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही ग्वालियर के सूरज से मुलाकात हुई। सूरज भी देख नहीं सकते और यहां संगीत कला में आईटीआई कर रहे थे।
दोनों ही परिवारों से इस जोड़े के प्यार को कबूला और शादी के लिए राजी हो गए। बारात में माधव अन्ध आश्रम में संगीत सीखने वाले 20 से ज्यादा दृष्टिबाधित शिष्य बाराती बनकर आए। इस आश्रम में सूरज खुद संगीत भी सिखाते हैं। कई नेता मंच पर इस जोड़े को आशीर्वाद देने पहुंचे। शादी समारोह के दौरान आर्केस्ट्रा में भी दृष्टिबाधित युवकों ने अपनी दिलचस्प प्रस्तुतियां दी।
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