हैदराबाद. तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले में 26 वर्षीय वेटरनरी डॉक्टर से गैंगरेप और हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही बरती गई थी। मामले में शनिवार को तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। डॉक्टर से 25 नवंबर की रात सामूहिक दुष्कर्म हुआ। अगले दिन सुबह अधजली हालत में शव मिला था। घटना के बाद देशभर में आक्रोश है। वहीं, ओडिशा के भुवनेश्वर और कटक पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर महिलाओं से अपील की है कि वे अजनबियों से बात न करें।
साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जानर ने कहा, ‘‘सब-इंस्पेक्टर एम रवि कुमार, हेड कॉन्स्टेबल पी वेणु गोपाल रेड्डी और ए सत्यनारायण गौड को मामले की जांच के बाद अगले आदेश तक सस्पेंड कर दिया गया है।’’
चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा
साइबराबाद पुलिस ने चार आरोपियों मोहम्मद आरिफ, जोलू शिवा, जोलू नवीन और चिंताकुंटा चेन्नाकेशवुलु को गिरफ्तार किया। आरिफ की उम्र 26 साल है, जबकि बाकी आरोपियों की उम्र 20 साल है। ये सभी ट्रक ड्राइवर और क्लीनर हैं, जिन्होंने शराब पीने के बाद 7 घंटे तक डॉक्टर के साथ दरिंदगी की थी। इसके बाद पीड़ित को शादनगर के बाहरी इलाके में जला दिया था। चारों आरोपियों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
घटनाओं को सुनकर दुख होता है: प्रियंका
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। यह घटना सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि देश में हो रही रेप और हत्या की घटनाएं चिंता का विषय हैं। घटनाओं को सुनकर दुख होता है। उसे व्यक्त करने लिए शब्द नहीं हैं। हमें एक समाज के तौर पर इनके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
‘कोई वकील आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा’
शादनगर के स्थानीय कोर्ट से संबंधित बार एसोसिएशन ने घटना के चारों आरोपियों का केस लड़ने से इनकार कर दिया है। बार एसोशिएसन ने कहा- कोई भी वकील अदालत में चारों आरोपियों की पैरवी करने नहीं जाएगा और उन्हें कानूनी सहायता भी उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। दुष्कर्म और हत्या के आरोपियों को महबूबनगर के फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश किया गया।
हैदराबाद से दिल्ली तक लोगों ने विरोध जताया
डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म के खिलाफ हैदराबाद में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बेंगलुरु हाईवे जाम कर दिया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए। राजधानी दिल्ली में भी घटना के बाद महिला सुरक्षा के मुद्दे पर युवती अनु दुबे ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा पीड़ित के परिवार से मिलने पहुंचीं। उन्होंने बताया कि परिवार पुलिस के रवैये से नाराज है। पुलिस अपने क्षेत्राधिकार को लेकर लड़ रही थी, इस वजह से कार्रवाई में देरी हुई। अगर पुलिस तेजी दिखाती, तो उन्हें बचाया जा सकता था। रेखा शर्मा ने कहा कि दोषियों को मौत की सजा मिलनी चाहिए। तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसई सुंदरराजन ने भी पीड़िता के परिजन से मुलाकात की।
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