ऑकलैंड. न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने 40 साल पहले हुए एक विमान हादसे के लिए माफी मांगी है। 1979 में न्यूजीलैंड का एक विमान अंटार्कटिका में स्थित 3794 मीटर ऊंची माउंट इरेबस की पहाड़ियों में क्रैश हो गया था। इसमें 257 लोगों की मौत हुई थी। जांच में न्यूजीलैंड की सरकारी विमान कंपनी की गलती की बात सामने आई थी। हालांकि, क्रैश की जिम्मेदारी से बचने के लिए तब सरकार और एयरलाइन ने जांचकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें गलत डेटा मुहैया कराया था। अब न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवार से औपचारिक माफी मांगी है।
मृतकों में 237 यात्री और 20 क्रू मेंबर शामिल थे। इनमें ज्यादातर न्यूजीलैंड के नागरिक थे। इसके अलावा अमेरिकी, कनाडाई, जापानी और ऑस्ट्रेलियाई भी मरने वालों में शामिल थे। पहले पायलट्स की चूक को हादसे की वजह माना गया, लेकिन सार्वजनिक प्रदर्शनों के बाद क्रैश की जांच के लिए रॉयल कमीशन ऑफ इंक्वायरी बैठाई गई। जांच में सामने आया कि विमान में लगे कंप्यूटर के नेविगेशन सिस्टम में बदलाव और इस बारे में पायलटों को जानकारी न देने से हादसा हुआ।
सरकार ने नकार दी थी जांच रिपोर्ट
जांच आयोग के प्रमुख पूर्व जस्टिस पीटर महोन ने यहां तक कह दिया था कि एयर न्यूजीलैंड के गवाहों ने जिम्मेदारी लेने से बचने के लिए फर्जी सबूत मुहैया कराए। उन्होंने एयरलाइन की जानकारियों को झूठ का पुलिंदा बताया था। हालांकि, न्यूजीलैंड की सरकार ने उनकी रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। एयर न्यूजीलैंड ने महोन की रिपोर्ट की आलोचना की थी।
‘हादसे के लिए पायलट जिम्मेदार नहीं थे: आर्डर्न
प्रधानमंत्री आर्डर्न ने भी ऑकलैंड में स्थित गवर्मेंट हाउस में हादसे के लिए सरकार की तरफ से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि तब की सरकार और एयरलाइन ने अपने काम से पीड़ित परिवारों को बहुत दुख पहुंचाया। उन्होंने कहा कि हादसे के लिए पायलट जिम्मेदार नहीं थे। सरकारी एयरलाइन की गलतियों की वजह से आपके परिजन आपसे दूर हुए। इससे पहले 2009 में एयर न्यूजीलैंड ने पहली बार पीड़ित परिवारों से माफी मांगी थी।
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