वॉशिंगटन(एलिसन क्रुएगर). अमेरिका में थैंक्सगिविंग का नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। अब लोग परिचितों के अलावा अजनबियों को भी इसका हिस्सा बनाने लगे हैं। वजह काफी सकारात्मक है। आज की पीढ़ी ऐसे लोगों को अपने जश्न में शामिल कर उन्हें भी अहसास कराना चाहती है कि वे अकेले नहीं हैं। दरअसल अमेरिका में अकेले, परिवार से अलग रह रहे लोगों या बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है। ऐसे लोगों के अकेलेपन, खालीपन को दूर करने का विचार दोनों ही पक्षों के लिए फायदेमंद बनकर उभर रहा है।
एडम नाओर और उनकी दोस्त ने मैनहट्टन स्थित अपने अपार्टमेंट पर थैंक्सगिविंग डे डिनर के लिए बाकायदा विज्ञापन दिया। इसमें कहा गया कि हर उस अकेले व्यक्ति का स्वागत है, जिसे अधिक सामाजिक-मजेदार डिनर करना हो। नोआर कहते हैं, उनका परिवार कैलिफोर्निया में रहता है, दोस्त का परिवार जर्मनी में रहता है। इसलिए हम अपनी खुशी में ऐसे लोगों को शामिल करना चाहते हैं, जो अकेले रहते हैं।
एक जैसी विचारधारा के लोग अपने आप जुड़ते हैं
नोआर की तरह कई लोग घर में छोटा आयोजन करते हैं, जबकि कुछ बड़े आयोजन करते हैं। नए ट्रेंड के असफल होने की गुंजाइश भी है। पहली बार आने वाले लोग असहज, अकेलापन महसूस कर सकते हैं, लेकिन इन पार्टियों में एक जैसी विचारधारा के लोग अपने आप जुड़ जाते हैं। अब अमेरिकी अपनी छुटि्टयां अपने बच्चों या परिचितों के बजाय एकसमान विचारधारा के लोगों के साथ बिताना चाहते हैं।
पार्टी में 50 में से 20 लोग अजनबी थे
जीसले सोटो ने थैंक्सगिविंग फीस्ट के लिए 50 मेहमानों को बुलाया। उनमें से 20 लोग ऐसे हैं, जिनसे वे कभी नहीं मिली हैं। जीसले शाकाहारी हैं। ऐसे में परिवार के साथ खाने में असहज महसूस करती हैं। इसलिए उन्होंने शाकाहारी लोगों को बुलाना शुरू कर दिया।
सूची में 80 साल तक की मेहमान शामिल
सारा स्कॉट हिचिंग्स पिछले पांच साल से लोगों को थैंक्सगिविंग डे पर रेडिट के जरिए न्योता देती हैं। वे कहती हैं, मेरे मेहमानों में 80 वर्षीय महिला भी है। इस साल उनके यहां 80 लोग जुटे। अमेरिकी मानते हैं कि परिवार या दोस्तों के साथ जश्न कभी पुराने मुद्दों पर कड़वाहट ला देता है। लेकिन अनजानों के मामले में मनमुटाव की संभावना नहीं रहती।
(दैनिक भास्कर से विशेष अनुबंध के तहत)
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