वॉशिंगटन. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा। पोम्पियो ने कहा कि पूरी दुुनिया 26/11 के हमलों के बाद दहशत में थी,लेकिन 11 साल बाद भी उस हमले को अंजाम देने वाले अपराधियों को सजा नहीं दी जा सकी। प्रेस से बातचीत के दौरान पोम्पियो ने हमले में मारे गए 6 अमेरिकियों समेत 166 लोगों को श्रद्धांजलि दी।पोम्पियो ने आगे कहा कि यह मृतकों के परिवारों के लिए दुख की बात है कि जिन्होेंने भी मुंबई हमले की साजिश रची, उन्हें अब तक सजा नहीं दी जा सकी।
26/11 हमलों में पाकिस्तान की भूमिका के खिलाफ दूतावास के बाहर प्रदर्शन
अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर मंगलवार को अल्पसंख्यक समूह के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे मुंबई हमलों में इस्लामाबाद की भूमिका के खिलाफ आवाज उठाने पहुंचे हैं। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे जुर्म रोकने पर भी आवाज उठाई। उनके हाथ में मुहाजिरों का नरसंहार रोकने और बलूचिस्तान की आजादी से जुड़े बैनर भी मौजूद थे।
ट्रम्प भी कह चुके हैं आतंकियों पर कार्रवाई की मांग
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले साल मुंबई हमले की बरसी पर ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था- मुंबई आतंकवादी हमले की 10वीं बरसी पर न्याय के लिए अमेरिका भारत के लोगों के साथ खड़ा है। हम कभी भी आतंकियों को जीतने नहीं देंगे या जीत के करीब नहीं आने देंगे। पोम्पियो ने भी कहा था कि वे पाकिस्तान से हमले के जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा और दूसरे आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहेंगे। उनके इस बयान के बाद अमेरिका ने हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित करने की कोशिशों को तेज कर दिया था। इस साल अमेरिका को हाफिज को को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में सफलता मिली।
मुंबई हमले में 6 अमेरिकी समेत 166 लोगों की मौत
26 नवंबर 2008 को 10 आतंकी कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस पर हमला किया था। इसमें 166 लोग मारे गए थे। इनमें 28 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। करीब 60 घंटे मुठभेड़ चली थी। एक आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ा गया था।
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