
नई दिल्ली. भाजपा नेता राम माधव ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में फिर से राजनीतिक गतिविधियां बहाल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली से कोई नया राजनीतिक वर्ग पैदा नहीं किया जा रहा। हम घाटी के नेताओं का सम्मान करते हैं। कोई नेता पैदा नहीं होता उन्हें नए बने केंद्र शासित प्रदेश में लोगों का विश्वास जीतना होगा। भाजपा हमेशा से जमीनी स्तर के नेताओं के नेतृत्व के पक्ष में रही है।
नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि चाहे उमर अब्दुल्ला हों, चाहे महबूबा मुफ्ती हों एक बार फिर उन्हें वापस आना चाहिए और अपनी राजनीतिक गतिविधियां बहाल करनी चाहिए। मुझे पूरा भरोसा है कि राज्य की राजनीति में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से दोनों ही नजरबंद हैं। केंद्र ने लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को भी केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है।
‘घाटी में ‘पॉलिटिक्ल स्पेस’ खोलने का फैसलाकेंद्र सरकार करेगी’
राम माधव ने 2015 में पीडीपी के साथ गठबंधन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ‘पॉलिटिक्ल स्पेस’ खोलने का फैसला केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन और केंद्र सरकार द्वारा लिया जाएगा। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के अब करीब 100 दिन हो गए हैं। घाटी में जल्द ही राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने के लिएमैं अपनी पार्टी में भी बात कर रहा हूं।
हिरासत से बाहर आने के बाद घाटी के नेता प्रदर्शन कर सकते हैं: राम माधव
यह पूछे जाने पर कि कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने से सरकार को क्या रोक रही है, इस पर राम माधव ने कहा कि सरकार भले ही अपना रुख बताए या न बताए, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि जिस दिन ये नेता बाहर आएंगे उस दिन निश्तित तौर पर प्रदर्शनों का नेततृत्व करेंगे। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ये प्रदर्शन लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण हों। उम्मीद है कि कोई भी विरोध न करे, लेकिनयह लोकतंत्र है तो प्रदर्शन तो होंगे ही।
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