
वॉशिंगटन. अमेरिका में एक बड़े अध्ययन ने बाइपास सर्जरी और स्टेंट पर सवाल उठाए हैं। स्टडी में पाया गया है कि जिन मरीजों का इलाज दवाइयों से हुआ है, उन्हें उन लोगों की तुलना में अधिक दिल के दौरे नहीं पड़े जिनकी बाइपास सर्जरी हुई है या स्टेंट डाला गया है। यही स्थिति मौतों के संख्या के मामले में है। ये निष्कर्ष उन मरीजों से संबंधित हैं जिनकी धमनियों में बहुत अधिक ब्लॉकेज थे। स्टेंटिंग और बाइपास से एंजाइना के कारण सीने में दर्द से पीड़ित कुछ मरीजों को लाभ हुआ है।
शनिवार को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सालाना बैठक में इस रिसर्च का ब्योरा दिया गया। बेलर मेडिकल कॉलेज, ह्यूस्टन में कार्डिएक केयर सेंटर के डायरेक्टर डॉ. ग्लेन लेवाइन कहते हैं, यह बहुत ही महत्वपूर्ण परीक्षण है। स्टडी के परिणामों को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की इलाज की गाइडलाइन में शामिल किया जाएगा। यह स्टडी उन स्टडी से अलग है जिनका कहना है कि स्टेंट और बाइपास का ज्यादा उपयोग हो रहा है।
सर्जरी और दवाइयों से इतना अंतर
इस्कीमिया नामक नई स्टडी बहुत बड़ी है। उसका स्वरूप भी व्यापक है। इसका लक्ष्य स्टेंट और बाइपास के फायदों पर सवालों का निपटारा करना है। स्टडी में 5179 लोगों पर साढ़े तीन वर्ष तक नजर रखी गई। सभी मरीजों के हृदय की धमनियों में गंभीर और हल्का ब्लॉकेज था। जिन लोगों ने स्टेंट या बाइपास सर्जरी से इलाज कराया उनके बीच 145 लोगों की मौत हुई। उसकी तुलना में केवल दवाइयां लेने वाले मरीजों के बीच 144 मौतें हुईं। स्टेंट और बाइपास समूह वाले लोगों मेंदिल के दौरों की संख्या 276 जबकि दवाइयां लेने वालों के बीच यह आंकड़ा 314 रहा।
दवाइयों से पूरी धमनी की सफाई संभव
शोधकर्ताओं को पता लगा कि किसी मरीज की सकरी हो चुकी धमनी किसी एक जगह पर ब्लॉक नहीं होगी। पूरी धमनी में ब्लॉकेज रहेगा। यह नहीं कहा जा सकता है कि इनमें से किस ब्लॉकेज के कारण दिल का दौरा पड़ेगा। स्टेंट और बाइपास से केवल उस क्षेत्र का इलाज होता है जहां धमनी सकरी हो चुकी है, लेकिन दवाइयों से धमनियों के पूरे सिस्टम का इलाज संभव है। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. डेविड मेरॉन कहते हैं, जब भी कोई डॉक्टर ब्लॉकेज देखता है, तो उससे जल्द छुटकारा पाने के लिए स्टेंटिंग और सर्जरी का निर्णय ले लिया जाता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2NUjZAg
0 Comments:
Post a Comment