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जस्टिस नरीमन ने सॉलिसिटर जनरल से कहा- सरकार से सबरीमाला मामले में अति महत्वपूर्ण असहमति आदेश पढ़ने को कहें

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को जमानत देने के आदेश को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका खारिज कर दी। दिल्ली हाईकोर्ट ने शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी थी। कोर्ट ने याचिका दायर करने के लिए को फटकार भी लगाई। जस्टिस नरीमन ने ईडी के पक्षकार सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि जिस प्रकार एजेंसी नागरिकों से बर्ताव कर रही है वह सही नहीं है।

जब जज कोर्ट की कार्यवाही समाप्त कर रहे थे मेहता ने दोबारा अनुरोध किया कि याचिका खारिज न की जाए। इसके बाद जस्टिस नरीमन ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘‘ कृपया अपनी सरकार से कल सबरीमाला मामले पर दिए गए असहमति आदेश पढने के लिए कहें, जो अति महत्वपूर्ण है। अपने अधिकारियों को सूचित करें और सरकार को इसे पढने के लिए कहें।’’

सबरीमला केस पर पुनर्विचार याचिका 7 जजों की बेंच को भेजी गई

गुरुवार को सुप्रीमा कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने सबरीमाला केस में पुनर्विचार याचिका 3:2 के बहुमत से सुनवाई के लिए 7जजों की बेंच को भेज दिया था।चीफ जस्टिस, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस एएम खानविलकर ने केस बड़ी बेंच को भेजने का फैसला दिया। जस्टिस फली नरीमन और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस पर असहमति जताते हुए आदेश जारी किया था।

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प्रतीकात्मक फोटो


from Dainik Bhaskar /national/news/supreme-court-justice-nariman-govt-must-read-extremely-important-dissent-order-in-saba-01687609.html
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