
अयोध्या/लखनऊ (विजय उपाध्याय).अयाेध्या में राम जन्मभूमि और आसपास की 67 एकड़ भूमि विकसित करने का खाका तैयार है। पूरा क्षेत्र हाईटेक सिटी के तौर पर विकसित हाेगा। कड़ी सुरक्षा में ग्रीन बेल्ट के बीच जन्मभूमि पर रामलला विराजेंगे।
विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उनके संगठन के मॉडल पर बनने वाले मंदिर के गर्भगृह और रामदरबार का मुख पूर्व की ओर होगा। मंदिर के दरबार से सीधे हनुमानगढ़ी के दर्शन होंगे। प्रस्तावित मंदिर की ऊंचाई 145 फीट है। पूरे क्षेत्र काे रामकोट नाम दिया गया है। श्रद्धालुओंऔर पूरे क्षेत्र की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।
ट्रस्ट-लैंडस्केप एक साथ सामने लाने की तैयारी
मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट की घाेषणा के साथ ही ट्रस्ट काे भूमि सौंपने की प्रक्रिया और 67 एकड़ जमीन विकसित करने का ब्लूप्रिंट सामने लाने की तैयारी है। 67 एकड़ में तीन गांवाें की भूमि है। यह गांव ज्वालापुर, रामकोट और अवधखास हैं। गर्भगृह का हिस्सा रामकोट में है। इसलिए पूरे क्षेत्र को रामकोट की परंपरागत पहचान देने का प्रस्ताव है। ट्रस्ट के गठन, लैंडस्केप और भूमि सौंपने की प्रक्रिया के कानूनी पहलुओं पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। राम मंदिर में ट्रस्ट काे हर चीज नए सिरे से तैयार करनी है, जबकि बाकी मंदिरों की व्यवस्था ट्रस्ट काे साैंपी गई थी।
वैष्णव रामानंदी पद्धति से ही रामलला की पूजा
ट्रस्ट के गठन के साथ ही बाद में उठने वाले सवालों का भी ध्यान रखा जा रहा है। विहिप पदाधिकारी ने कहा कि अस्थायी मंदिर में वैष्णव रामानंदी पद्धति से पूजा हो रही है। यही आगे भी जारी रहेगी। 1994 में हाईकोर्ट ने भी वैष्णव रामानंदी पद्धति से पूजा का निर्णय दिया था।
नव्य अयोध्या 2031 की तैयारी के लिए बैठक
उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए महायोजना 2031 पर काम शुरू किया है। नव्य अयोध्या के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्रमुख सचिव पर्यटन जितेंद्र कुमार की अध्यक्षता में प्रस्तुतीकरण हुआ। इसमें कई सुझाव आए, जो विजन डाॅक्युमेंट में जोड़े जाएंगे।
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