World Wide Facts

Technology

कोच सत्यपाल 10 साल से ट्रेनिंग दे रहे, सैलरी से खिलाड़ियों को जूते और सप्लीमेंट दिलाते हैं

खेल डेस्क. इसी महीने दुबई में हुई वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय टीम ने अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। टीम ने दो गोल्ड सहित कुल नौ मेडल हासिल किए। भारतीय टीम इवेंट में 24वें स्थान पर रही, जो उसकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग भी है। भारत ने पैरालिंपिक-2020 के लिए 13 कोटे भी हासिल किए।

खिलाड़ियों की मेहनत के साथ-साथ इस शानदार प्रदर्शन के पीछे कोच सत्यपाल सिंह की मेहनत भी जिम्मेदार रही। सत्यपाल करीब 10 साल से देश के पैरा-एथलीट्स को ट्रेनिंग देते आ रहे हैं। दुबई जाने वाली टीम में भी उनके कोच किए खिलाड़ी थे। खिलाड़ियों की बेहतरी के प्रति सत्यपाल की लगन का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि वे अपनी सैलरी से ही खिलाड़ियों की जूते और सप्लीमेंट्स जैसी जरूरतों को पूरा कराते हैं। कई बार खिलाड़ियों की पार्टिसिपेशन फीस भी खुद ही भर देते हैं।

कोच सत्यपाल खिलाड़ियों की फीस भी भर देते हैं

दुबई में हुए इवेंट से पैरालिंपिक में क्वालिफाई करने वाले अंकुर को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) से मदद न मिलने के बाद उनकी 2 लाख रुपए फीस सत्यपाल ने ही भरी थी। भारत ने पैरालिंपिक-2020 के लिए 13 कोटे भी जीते।

सत्यपाल कहते हैं- मेरे खिलाड़ीकिसी से कम नहीं हैं
खेल और खिलाड़ी कोई भी हों, सफल होने का एक ही तरीका है- अनुशासन। कोच का काम सिर्फ इतना होता है कि वो खिलाड़ियों को उनकी खुद की क्षमताओं से वाकिफ करा सके। फिर पैरा-एथलीट्स के साथ तो काम और भी आसान हो जाता है, क्योंकि ये खिलाड़ी खुद ही काफी मोटिवेट रहते हैं। मेरे खिलाड़ी किसी मेडल और पैसे से ज्यादा इस बात को साबित करने के लिए खेलते हैं कि वे भी किसी अन्य खिलाड़ी की तरह बिल्कुल सामान्य हैं और वे भी शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।

उनका कहना है, "मैं 10 साल से ये काम कर रहा हूं और हर दिन इन खिलाड़ियों को देखकर मेरा मोटिवेशन कुछ बढ़ा हुआ ही रहता है। कभी-कभी सुविधाओं और पैसों की समस्या तो सामने आ जाती है, लेकिन मैंने सोच लिया है कि कभी इस बात को लेकर किसी से शिकायत नहीं करूंगा। जब मैंने पैरा-एथलीट्स के साथ जुड़ने की ठानी थी तो ये सब बातें दिमाग में नहीं थीं। फिर अब ये सब क्यों सोचना? मुझसे अपने स्तर पर जो हो पाता है, मैं करता हूं। इन सब बातों के जिक्र से मैं बचता हूं। मैं अपने एथलीट्स पर सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार रहता हूं। बदले में मेडल लाना उनका काम। मैंने अब तक अपने एथलीट्स पर अपने पास से करीब 23 लाख रुपए खर्च किए हैं। ये एथलीट्स 50 मेडल लेकर आए। यानी हमारी टीम लगातार अच्छा कर रहे हैं। यही काफी है।"

DBApp

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पैरा एथलेटिक्स कोच सत्पपाल सिंह। (फाइल फोटो)


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2XHGyvv
Share:

Related Posts:

0 Comments:

Post a Comment

Definition List

header ads

Unordered List

3/Sports/post-list

Support

3/random/post-list