नई दिल्ली.केंद्र सरकार ने 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किया है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि बंगाल सरकार की झांकी का प्रस्ताव विशेषज्ञ समिति के पास दो बार गया। दूसरी बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद इसे खारिज कर दिया गया। इससे पहले 2018 में भी बंगाल की झांकी परेड में शामिल नहीं की गई थी। इस साल परेड समारोह के लिए कुल 56 झांकियों के प्रस्ताव आए थे, जिनमें से 28 को चुना गया है। ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो समारोह के मुख्यअतिथि होंगे।
मंत्रालय के मुताबिक, बंगाल सरकार की झांकी को पहले परेड की प्रक्रिया के हिसाब से चुना गया था। साल 2020 की गणतंत्र दिवस परेड में कुल 56 झांकियों के प्रस्ताव आए थे। इनमें 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रालयों या विभाग से थे। इनमें से 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 22 प्रस्तावों और मंत्रालयों तथा विभागों की 6 झांकियों को परेड के लिए चुना गया है। इसके लिए विशेषज्ञ समिति ने 5 दौर की बैठक की।
विशेषज्ञ समितिअपनी सिफारिश रक्षा मंत्रालय को भेजती है
गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं। झांकी का चयन एक विशेषज्ञ समिति करता है, जिसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला और नृत्यकला से संबंधित व्यक्ति शामिल होते हैं। यह समिति प्रस्तावों पर विचार कर अपनी सिफारिश रक्षा मंत्रालय को भेजती है। समय की बाध्यता को देखते हुए सीमित संख्या में हीझांकियोंका चयन होता है।
2018 में भी पश्चिम बंगाल की झांकी शामिल नहीं हुई थी
पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच नागरिकता संशोधनकानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर लगातार टकराव चल रहा है। गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल की झांकी को शामिल न किए जाने से दोनों सरकारों में टकराव बढ़ सकता है। 2018 में भी बंगाल की झांकी परेड में शामिल नहीं की गई थी और उसका प्रस्ताव खारिज हो गया था।
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