गुलमर्ग (इशफाक-उल-हसन).दुनिया की सबसे खूबसूरत पर्वत श्रृंखला, बर्फ से ढंके पहाड़ और सस्ती सुविधाएं दुनिया भर के पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर की तरफ आकर्षित करती हैं। हर साल लाखों लोग कश्मीर की वादियों में घूमने आते हैं और कभी न भूलने वाला अनुभव लेकर जाते हैं। लेकिन अब कश्मीर को ये पर्यटक नसीब नहीं हो पा रहे हैं। राजनीतिक उथल-पुथल इसकी बड़ी वजह है।
हालात ये हैं कि कश्मीर आने वाले पर्यटकों की संख्या 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। वही दिसंबर में आने वाले पर्यटकों की संख्या एक साल में 5 गुना तक घट गई है। जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग के आंकड़ों की मानें, तो कश्मीर आने वाले देश-दुनिया के पर्यटकों की संख्या 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इस दौरान पहली बार इनकी संख्या 5 लाख से नीचे रही है। इसकी वजह यहां लगातार बदलते राजनीतिक हालात हैं। इसका नुकसान पर्यटन क्षेत्र और स्थानीय कारोबारियों को भुगतना पड़ा है। कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक इससे राज्य को कुल 17,800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इनमें 9,191 करोड़ रुपए का नुकसान तो अकेले पर्यटन क्षेत्र को हुआ है।
2012 में 13 लाख पर्यटक पहुंचे थे: कश्मीर पहुंचने वाले पर्यटकों का आंकड़ा एक साल में पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा 13 लाख पर्यटक 2012 में घाटी में पहुंचे थे। 2011 में 7.36 लाख, जबकि 2010 में करीब 10 लाख टूरिस्ट यहां पहुंचे थे। 2013 और 2014 में लगातार दो साल 11 लाख से ज्यादा पर्यटक जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे।
ट्रैवल एजेंट्स के मुताबिक कश्मीर में अनिश्चितता और अगस्त से इंटरनेट सेवाओं के बंद होने से भी नुकसान हुआ है। कश्मीर टूरिज्म अलायंस के प्रेसिडेंट मंजूर अहमद पख्तून बताते हैं कि इंटरनेट सेवाओं की कमी की वजह से व्यापारिक गतिविधियां कम हो गई हैं। सर्दी और बर्फ चरम पर होने के बावजूद एडवेंचर स्पोर्ट्स भी नहीं हो पा रहे हैं।
दिसंबर में पर्यटकों की संख्या 5 साल में पहली बार 32,000 से कम
दिसंबर महीने में बर्फबारी, एडवेंचर और कश्मीर की खूबसूरती निहारने सबसे ज्यादा टूरिस्ट आते हैं, लेकिन 2019 में यह भारी निराशाजनक रहा। इतना ही नहीं, 5 साल में दिसंबर में पर्यटकों की संख्या 7 हजार से कम रही है। इससे पहले कभी भी दिसंबर में 32 हजार से कम पर्यटक नहीं आते थे।
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