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सीएए के खिलाफ जामिया के सामने 47 दिन से प्रदर्शन जारी, छात्रों के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय की भी भागीदारी

नई दिल्ली. शाहीन बाग की तरह दिल्ली की जामिया मिल्लियाइस्लामिया यूनिवर्सिटी के सामने भी सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। 47 दिन से जामिया के मौजूदा और पूर्व छात्र आंदोलन कर रहे हैं। अब इसमें जामिया नगर का मुस्लिम समुदाय भी शामिल है। शुरुआत में प्रोटेस्ट चंद घंटे होता था। करीब 10 दिन से यह चौबीस घंटे होने लगा। संचालन के लिए 90 लोगों की कोऑर्डिनेशन कमेटी है। दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान भी होना है। दैनिक भास्कर टीम ने जामिया के विरोध प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वहां से ये ग्राउंड रिपोर्ट।

विरोध के विभिन्न तरीके
कोऑर्डिनेशन कमेटी हर दिन का शेड्यूल बनाती है। वो ही यह भी तय करती है कि कब किसको भाषण के लिए बुलाना है। हालांकि, विरोध का तरीका सिर्फ भाषण नहीं हैं। पेंटिंग, शायरी और चरखा चलाकर भी असहमति व्यक्त की जाती है। कुछ बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया है। वो अलग-अलग हावभाव से सीएए-एनआरसी का विरोध करते हैं।

महिलाओं की भूमिका अहम
जामिया मिलिया में करीब 17 हजार छात्र हैं, जिसमें35 फीसदी छात्राएं हैं। पास ही जामिया नगर बस्ती है। यहां की मुस्लिम महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हैं। वे शिफ्ट में आती हैं। दोपहर 12 से 1.30 और शाम 4 से 7 बजे के बीच प्रदर्शनकारियों की तादाद सबसे ज्यादा होती है। हालांकि, रात होते-होते चंद लोग ही रह जाते हैं। कुछ टेंट हैं। रात में यहां कोऑर्डिनेशन कमेटी के लोग सोते हैं।

रोज करीब दो हजार लोग जुटते हैं
कोऑर्डिनेशन कमेटी के एक सदस्य बताते हैं- जामिया के सामने चल रहे प्रदर्शन में प्रतिदिन करीब 2 हजार लोग शामिल होते हैं। नामी हस्तियां जैसे जोया हसन, अरुंधति रॉय, मेधा पाटकर और संदीप पांडे यहां आंदोलनकारियों को संबोधित कर चुके हैं। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद कुछ छात्रों के मुताबिक, वेपढ़ाई के साथ आंदोलन भी कर रहे हैं। सीएए-एनआरसी के विरोध में करीब एक हजार पोस्टकार्ड राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस को भेजे जा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस उन्हें शांतिपूर्ण रैली की मंजूरी नहीं देती। वे यह भी कहते हैं कि जब तक सीएए कानून वापस नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

30 जनवरी को अफरा-तफरी मची
जामिया के सामने चल रहा यह प्रदर्शन 30 जनवरी को अचानक सुर्खियों में आ गया। दोपहर करीब एक बजे प्रदर्शनकारी राजघाट तक मार्च निकाल रहे थे। मार्च गेट नंबर 1 के सामने पहुंचा। इसी दौरान एक युवक ने फायर कर दिया। एक छात्र घायल हुआ। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। मार्च भी रोक दिया गया। कुछ लोगों ने बैरिकेड्स पार करने की कोशिश की। इन्हें हिरासत में लिया गया। बाद में ये रिहा कर दिए गए। देर रात तक पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी होती रही।

पुलिस के लाइब्रेरी में घुसने के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन
आरोप है कि 15 दिसंबर को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में पुलिस गई। तब परीक्षाएं भी चल रहीं थीं। छात्र इससे नाराज हो गए। बवाल बढ़ा तो परीक्षाओं की तारीख बढ़ाकर सर्दी की छुट्टियोंका ऐलान कर दिया गया। 6 जनवरी को यूनिवर्सिटी खुली। 9 से परीक्षाएं भी शुरू हो गईं। दो दिन बाद वीसी ऑफिस का घेराव हुआ। हालात बिगड़े तो परीक्षाएं फिर आगे बढ़ा दी गईं। 27 जनवरी को ये फिर शुरू हुईं।



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Jamia Protest Today | Jamia CAA Protest Bhaskar Ground Report [Updates]; Jamia Millia Islamia Students, Muslims Community Demonstrate Against Citizenship Amendment Act


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