नई दिल्ली.दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। 15 दिसंबर से महिलाएं धरना दे रही हैं। युवा और बुजुर्ग भी साथ हैं। दुकानें और शो रूम बंद हैं। इनका किराया 40 हजार से 3 लाख रुपएतक है। कारोबारियों को काफी नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद वे विरोध प्रदर्शन के साथ हैं।
सिर्फ सफाई के लिए खुल रही दुकानें
शाहीन बाग रोड न. 13A से कुछ फासले पर करीब 800 मीटर क्षेत्र में सीएए-एनआरसी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी है। महिलाओं के साथ कुछ युवा और बुजुर्ग भी हैं। आधे-अधूरे मन से ही सही लेकिन दुकानदार भी शामिल हैं। कालिंदीकुंज-शाहीन बाग रोड के इस हिस्से में लगभग 250 दुकानें हैं। बड़े ब्रांड्स के शो रूम हैं तो छोटी दुकानें भी। ये 40 दिन से बंद हैं। किराया 40 हजार से 3 लाख के बीच है। आजकल शटर उठते हैं, सफाई होती है और फिर गिरा दिए जाते हैं। सिलसिला बदस्तूर जारी है।
भविष्य के फायदे के लिए ये नुकसान मंजूर
हर महीने डेढ़ लाख रुपए किराया देने वाले एक दुकानदार नाम बताने से परहेज करते हैं। वे कहते हैं, “यहां 90 फीसदी दुकानेंकिराए पर हैं। इनमें 60 फीसदी मुस्लिम दुकानदार हैं तो 40 प्रतिशत हिंदू भी। सभी ने मर्जी से कारोबार बंद रखा है। नुकसान बहुत हो रहा है। सरकार भेदभाव वाला कानून न लाती तो कुछ नहीं होता। हम आज विरोध नहीं करेंगे तो कल नुकसान ज्यादा होगा। सीएए के बाद एनआरसी लाया जाएगा। लोगों को लाइन में लगना पड़ेगा।”
प्रदर्शनकारियों से एकतरफ का रोड खोलने के लिए कहा था, बात नहीं बनी
एक कार मैकेनिक बताते हैं, “हमारे दुकान मालिक हिंदू हैं। हमने उन्हें बताया कि इस महीने धंधा नहीं हुआ तोउन्होंने किराया माफ कर दिया। 10 कर्मचारी हैं। उनको आधी सैलरी देकर छुट्टी पर भेज दिया। दुकानें खोलने से भी क्या फायदा। रोड दोनों तरफ से बंद है। वॉलेंटियर्स से एक तरफ का रोड खोलने की अपील की, लेकिन बात नहीं बनी। अब सुप्रीम कोर्ट से ही उम्मीद है।”
बड़े ब्रांड्स बंद कर सकते हैं फ्रेंचाइजीस
यहां एक बड़े ब्रांड का शो रूम है। उसके एक कर्मचारी के मुताबिक, “सर्दियों में हर महीने करीब 15 लाख की सेल करते थे। इस बार स्टॉक बचा रह गया। अगले सीजन में इसे डिस्काउंट पर बेचना पड़ेगा। नुकसान की वजह से कई लोगों की नौकरी चली गई। गलत कानून का खामियाजा हिंदू-मुस्लिम सभी उठा रहे हैं। 1 महीने में फ्रेंचाइजीस ने करीब एक हजार कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया। कुछ ब्रांड तो यहां की फ्रेंचाइजीस ही बंद करने वाले हैं। प्रदर्शन लंबा चला तो दिक्कतें बढ़ जाएंगी।”
क्या कहते हैं प्रदर्शनकारियों के वॉलेंटियर
धरना-प्रदर्शन की व्यवस्था देख रहे लोगों में से एक आबिद शेख कहते हैं, “नुकसान सभी को हो रहा है। लेकिन धरना भी जरूरी है। सभी दुकानदार हमारे साथ हैं। जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।”
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