World Wide Facts

Technology

भास्कर की थीम पर बिल गेट्स...अक्सर हम परिवार को अहमियत नहीं देते, बाद में हमें पछतावा होता है

मैं अपने फाउंडेशन के माध्यम से उन तमाम चुनौतियों का समाधान खोज रहा हूं, जो दुनियाभर के सामने हैं। इसके लिए मेरे परिवार और दोस्तों ने मुझे प्रेरित किया है। ये वो काम है जो पत्नी मेलिंडा की मदद के बिना संभव नहीं था। उनके व्यक्तित्व ने ही मुझे समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक और ऊर्जावान बनाया। इसका सबसे अच्छा उदाहरण सहारा अफ्रीका का है। वहां हम टॉयलेट की समस्या का समाधान खोज रहे थे। हमें वहां की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कम पानी, स्वच्छता और अारोग्य को ध्यान में रखते हुए टॉयलेट बनाना था। लेकिन इस काम में हर स्तर पर चुनौतियां थी। एक समय के बाद यह काम निराशाजनक लगने लगा था। लेकिन मेलिंडा की वजह से ही यह काम हो सका। उनकी मदद, गाइडेंस और भरोसे की वजह से ही मैंने कई प्रोजेक्ट्स को सामान्य से अधिक समय दिया। यही अतिरिक्त प्रयास समाधान की वजह भी बना।


मैं समस्याओं की जड़ में पहुंचने की कोशिश करता हूं, इसके लिए घंटों अध्ययन करता हूं। रीडिंग, रिफ्लेक्टिंग और रिइमेजिंग वो तीन हथियार हैं, जिनसे मैं हर मुश्किल का सामना करता हूं। इन्हीं से मेरे भीतर समस्याओं के समाधान की आग हमेशा जलती रहती है।


जब मेरी मां को कैंसर हुआ तो वह मेरे जीवन का सबसे कठिन दौर था। कल्पना कीजिए मेरे पास दुनियाभर का पैसा था, लेकिन फिर भी मैं इस बीमारी को खत्म नहीं कर सकता था। मेरी मां ने ही मुझे समाज कल्याण के कामों के लिए प्रेरित किया था। बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन उन्हीं की इच्छाओं का परिणाम है। जिस दिन मेरी मां का निधन हुआ, वो मेरे जीवन का सबसे दुखद पल था। मैं आज भी उन्हें याद करता हूं। तब से हमने करोड़ों डॉलर कैंसर रिसर्च और स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने में लगाए हैं। हालांकि मुझे अफसोस है कि जीवन के आरंभिक दिनों में मैं मां की बातों पर ध्यान नहीं देता था। मुझे याद है उन्होंने मेलिंडा को लिखा था, जिनके पास बहुत कुछ होता है, उनसे अपेक्षाएं भी बहुत होती हैं। मैं फाउंडेशन के माध्यम से जो कर रहा हूं वो इस वजह से ही है।


मेरे काम और व्यक्तिगत जीवन का संतुलन दो स्तंभों पर निर्भर करता है। पहला है- बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की टीम। यह टीम पूरा काम निष्ठा के साथ करती है, जिसकी वजह से मुझे असल मुद्दों की तरफ ध्यान देने का समय मिल पाता है। दूसरा स्तंभ है, मेलिंडा और हमारे बच्चे। मेरे अनोखेपन को मेलिंडा ने हमेशा स्वीकार किया है और भरपूर साथ दिया है। हालांकि अब मैं उतना व्यस्त नहीं हूं, जितना माइक्रोसॉफ्ट में अपनी जिम्मेदारियों के दिनों में हुआ करता था। मेरा वर्क कल्चर उन लोगों पर निर्भर है, जो मेरे साथ काम करते हैं और उन कामों को आसान बनाते हैं।


मेरे पास भारत से लगाव के कई कारण हैं। यहां तक कि स्टीव जॉब्स ने भी यौगिक संयम भारत से ही सीखा। मुझे भारत का मूल्य सिस्टम बेहद पसंद है। भारतीय युवाओं को मेरा संदेश है कि अपने माता-पिता का ध्यान रखो और अपने परिवार को भरपूर समय दो। हम अक्सर परिवार को अहमियत नहीं देते हैं। जब हम बूढ़े हो जाएंगे तब इस बात का पछतावा होगा।

मैंने देखा है कि भारतीय भी पश्चिमी मीडिया और उनकी मान्यताओं से संचालित हो रहे हैं। लेकिन उन्हें दुनिया से सवाल करना सीखना चाहिए। अपनी क्षमताओं और गहरे ज्ञान पर भरोसा करना चाहिए। उनकी तकनीकी कुशाग्रता मुझे पसंद है। आत्मविश्वास के साथ इस कुशाग्रता का संयोजन चमत्कार कर सकता है।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
माइक्रोसॉफ्ट और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के फाउंडर बिल गेट्स की संपत्ति 7.8 लाख करोड़ रुपए है। वे 2.5 लाख करोड़ रुपए परोपकार में लगा चुके हैं।


from Dainik Bhaskar /national/news/bill-gates-on-bhaskars-theme-often-we-dont-value-the-family-later-we-regret-it-126559539.html
Share:

Related Posts:

0 Comments:

Post a Comment

Definition List

header ads

Unordered List

3/Sports/post-list

Support

3/random/post-list