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निर्भया का मोबाइल और उसके दोस्त के जूते-घड़ी तक ले गए थे दुष्कर्मी, उन्हीं के कपड़ों से बस साफ की और जला दिए

नई दिल्ली. निर्भया दुष्कर्म मामले के चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा को फांसी देने के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया। इसके मुताबिक 22 जनवरी को सुबह 7 बजे दोषियों को फांसी दी जाएगी।16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने निर्भया से गैंगरेप किया था। इसके बाद निर्भया के दोषियों ने उसका और उसके दोस्त का सारा सामान छीन लिया और उसे आपस में बांट लिया था। इतना ही नहीं, दोषियों ने उनके कपड़े भी उतार लिए थे और उन कपड़ों से बस भी साफ की। बाद में दुष्कर्मियों ने सबूत मिटाने के लिए कपड़ों को जला दिया। दोषियों की दलील थी कि वे गरीब हैं और इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है। लेकिन, निर्भया और उसके दोस्त ने बयान में सभी 6 दोषियों के नाम भी लिए थे।

दुष्कर्मियों ने मोबाइल, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, घड़ी, अंगूठी, जूते सब छीन लिए

निर्भया के दोस्त ने गैंगरेप के तीन दिन बाद यानी 19 दिसंबर 2012 को दोपहर 3:30 बजे अपना बयान दर्ज कराया था। उसके मुताबिक, ‘‘दुष्कर्मियों ने उसके पास से सैमसंग के दो स्मार्टफोन, वॉलेट (जिसमें 1000 रुपए थे), सिटी बैंक का क्रेडिट कार्ड, आईसीआईसीआई बैंक का डेबिट कार्ड, कंपनी आईडी कार्ड, दिल्ली मेट्रो का स्मार्ट कार्ड छीन लिया था। इसके साथ ही एक सोने और एक चांदी की अंगूठी, कपड़े और जूते भी छीन लिए थे। दुष्कर्मियों ने निर्भया का नोकिया मोबाइल और पर्स भी छीन लिया था। वे निर्भया और उसके दोस्त की घड़ी भी ले गए थे।’’

दोषियों ने सामान आपस में बांट लिया था

16 दिसंबर 2012 को ही निर्भया के साथ गैंगरेप करने से पहले इन 6 दोषियों ने एक और व्यक्ति (राम आधार) से भी लूट-पाट की थी। राम आधार उसी बस में यात्रा कर रहा था। बाद में करीब 9 बजे निर्भया और उसका दोस्त बस में सवार हुए। गैंगरेप और लूटपाट करने के बाद उनसे जो भी सामान मिला, सभी दोषियों ने आपस में बांट लिया था। मुख्य दोषी राम सिंह ने निर्भया का डेबिट कार्ड और नाबालिग दोषी ने 1100 रुपए रख लिए थे।

दोषियों के पास निर्भया और उसके दोस्त का क्या सामान मिला था?

दोषी

कब, कहां से पकड़ाया?

निर्भया और उसके दोस्त का क्या सामान मिला?

राम सिंह (बस ड्राइवर और मुख्य आरोपी)

17 दिसंबर 2012, रविदास कैंप, आरके पुरम, दिल्ली

निर्भया की मां आशा देवी के नाम का डेबिट कार्ड।

मुकेश सिंह (राम सिंह का सगा भाई, बस का क्लीनर)

18 दिसंबर 2012, करौली, राजस्थान

निर्भया के दोस्त का सैमसंग स्मार्टफोन।

अक्षय सिंह ठाकुर (बस हेल्पर)

21 दिसंबर 2012, औरंगाबाद, बिहार

निर्भया के दोस्त की चांदी और सोने की अंगूठी।

विनय शर्मा (असिस्टेंट जिम इंस्ट्रक्टर)

18 दिसंबर 2012, रविदास कैंप, आरके पुरम, दिल्ली

निर्भया के दोस्त के जूते। निर्भया का नोकिया मोबाइल फोन।

पवन गुप्ता (फ्रूट सेलर)

18 दिसंबर 2012, रविदास कैंप, आरके पुरम, दिल्ली

निर्भया के दोस्त की सोनाटा घड़ी और 1000 रुपए।

निर्भया दोषियों के नाम भी बताए थे

  • निर्भया ने मौत से पहले तीन बार बयान दिया था। पहला बयान 16 दिसंबर की रात को ही सफरजंग अस्पताल की डॉ. रश्मि आहूजा को दिया। दूसरा बयान 21 दिसंबर को एसडीएम उषा चतुर्वेदी और तीसरा बयान 25 दिसंबर को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार के सामने दिया। दो बयानों में निर्भया ने दोषियों के नाम भी बताए थे। एसडीएम उषा चतुर्वेदी ने जब दोषियों के नाम पूछे तो निर्भया ने बताया- "वे राम सिंह, ठाकुर, राजू, मुकेश, पवन, विनय आदि नाम ले रहे थे।"

  • निर्भया के दोस्त ने 17 दिसंबर 2012 को बयान दर्ज कराया था। उसमें उसने भी दोषियों के नाम- राम सिंह, ठाकुर, राजू, पवन, विनय और मुकेश बताए थे। इसके साथ ही निर्भया के दोस्त ने इन सभी दोषियों को पहचाना भी था।



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