
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने प्रदेश में आंशिक रूप से इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं बहाल करने का फैसला किया है। मंगलवार देर शाम प्रदेश के कई हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल करने की अनुमति दी। इसके अलावा होटलों, यात्रा प्रतिष्ठानों और अस्पतालों समेत जरूरी सेवाएं प्रदान करने वाले सभी संस्थानों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा बहाल करने की अनुमति दी गई। यह आदेश 15 जनवरी से लागू होगी और 7 दिनों तक जारी रहेगा। प्रशासन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से केंद्र शासित प्रदेश में इंटरनेट पर लगी पाबंदी की समीक्षा करने को कहा था।
गृह विभाग ने बताया किजम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर और रियासी में ई-बैंकिंग समेत सुरक्षित वेबसाइट देखने के लिए पोस्ट पेड मोबाइलों पर 2जी इंटरनेट कनेक्टिविटी की अनुमति दी जाएगी। आदेश में कहा गया, “इंटरनेट सेवा प्रदाता आवश्यक सेवाओं वाले सभी संस्थानों, अस्पतालों, बैंकों के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों में ब्रॉडबैंड सुविधा (मैक बाइंडिंग के साथ) प्रदान करेंगे। इसमें सोशल मीडिया सेवा को बाहर रखा गया है।” प्रशासन ने कश्मीर में अतिरिक्त 400 इंटरनेट कियोस्क स्थापित किए जाने की अनुमति दी। कियोस्क ऐसे बूथ होते हैं, जिनमें इंटरनेट काम करता है ताकि जरूरी काम निपटाए जा सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इंटरनेट पाबंदियों पर समीक्षा करने को कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को कश्मीर में इंटरनेट पर 5 महीने 4 दिन से जारी रोक और वहां लागू धारा-144 पर पर फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने कहा था कि इंटरनेट संविधान के अनुच्छेद-19 के तहत लोगों का मौलिक अधिकार है। यानी यह जीने के हक जैसा ही जरूरी है। इंटरनेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सरकार से सभी पाबंदियों की 7 दिन के अंदर समीक्षा करने और इसके आदेश को सार्वजनिक करने के निर्देश दिए। फैसला जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने सुनाया। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद प्रदेश में इटंरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी।
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