जकार्ता .इंडोनेशिया में अगले साल से सरकारी अफसरों की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से युक्त राेबाेट काम करते दिखेंगे। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि अार्थिक हालात दुरुस्त करने के लिए उनके सचिवालय और कार्मिक मंत्रालय में अधिकारियों की चार में से दो रैंक हटाकर उनकी जगह एआई का उपयोग शुरू कर दिया जाएगा। जनवरी 2020 से यह फैसला लागू हो जाएगा। राष्ट्रपति विडोडो का कहना है कि इस फैसले से नौकरशाही चुस्त होगी और विदेशी निवेश बढ़ेगा।
यह प्रस्ताव इसी महीने संसद में पेश किया जाएगा। प्रस्ताव लागू होते ही इंडोनेशिया सरकारी कामकाज में एआई का अधिकृत रूप से इस्तेमाल करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। हालांकि, इस प्रस्ताव का विरोध भी हो रहा है। विडोडो ने रविवार को कई कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने अपने 5 साल के दूसरे कार्यकाल का एजेंडा स्पष्ट करते हुए कहा- ‘अब वक्त आ गया है बदलाव का। हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य है दक्षिण पूर्वी एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता कम करके उसका स्वरूप बदलना। हमें इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे उन्नत टेक्नोलाॅजी की तरफ बढ़ना चाहिए। इस तरह के बदलाव के लिए हमें विदेशी निवेश की जरूरत होगी।
ऐसे हालात में मुझे दर्जनों बेतुके नियमों को ठीक कर और लाल फीताशाही को कम कर कारोबारी माहौल को सुधारने की कोशिश करनी होगी। और मैं हर हाल में इसे पूरा करूंगा।’ उधर, विपक्षी दल के नेता पूर्व जनरल प्राबोवो सुबियान्तो ने कहा कि नौकरियों को कम करने के बजाय सरकार को रोजगार पैदा करने की योजना पर काम करना चाहिए। यह प्रस्ताव आर्थिक सुधारों के लिए एक चुनौती बन जाएगा।
रोबोट कामकाज के लिए पूरी तरह तैयार, नाम रखा- आलिया
इंडोनेशिया में सरकारी कामकाज में एआई के इस्तेमाल की तैयारी 5 साल से चल रही है। इसके लिए आलिया नामक रोबोट बनाया गया है। इसमें चार श्रेणियों के कामकाज की प्रोग्रामिंग कर ली गई है। इंडोनेशिया के रिसर्च-डेवलपमेंट मामलों के मंत्री बंबांग ब्रोडजोनगोरो ने कहा कि हमने कई स्टार्ट-अप तैयार किए हैं जो जापान, भारत और कोरिया जैसे देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
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