पुणे/कोट्टक्कल. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को पुणे में कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले ही देश में रह सकेंगे।क्या इस देश को हम धर्मशाला बनाएंगे? उधर, पूर्वप्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा किअप्रवासियों की वजह से देश में कई समस्याएं होती हैं, उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 54वें राज्य सम्मेलन में प्रधान ने कहा कि हमें अप्रवासियों को लेकर स्थिति स्पष्ट करना होगा। उनके लिए भारत माता की जय बोलना अनिवार्य होगा। क्या भगत सिंह और नेता जी सुभाष चंद्र बोस का बलिदान बेकार जाएगा? क्या लोगों ने स्वतंत्रता के लिए इसलिए लड़ाई की ताकि आजादी के 70 साल बाद देश इस पर विचार करेगा की नागरिकता गिने या न गिने?
सीएए, एनआरसी और एनपीआर को स्वीकार नहीं किया जा सकता: देवेगौड़ा
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने केरल के कोट्टक्कल में शनिवार कोकहा कि अप्रवासी 1960 और 1970 के दशक से असम की सांस्कृतिक जमीन पर रहे हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है। उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर को स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह देश की मौजूदा स्थिति में उचित नहीं है।
‘नीतीश कुमार और नवीन पटनायक ने भी नागरिकता कानून का विरोध किया है’
उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने जो बयान दिया है उससे अल्पसंख्यकों को कई समस्याएं हुईं हैं।कुछ हिंदुओं ने भी नागरिकता कानून का विरोध किया है। देश के कुछ बड़े नेता बिहार के मुखयमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी कानून का विरोध किया है।
बेरोजगारी बढ़ गई है: देवेगौड़ा
देश की आर्थिक स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि छोटे देश होने के बावजूद कई सारे लोगों ने बांग्लादेश और श्रीलंका में विकास के बारे में बात कर रहे हैं। रुपये का मूल्य नीचे गिरा है। बेरोजगारी बढ़ गई है। किसानों की हालत खराब हो गई है।
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