बीजिंग. नए सांस्कृतिक पर्यटन पर काम कर रहे चीन ने पिंगटांग और लुओडियान नामक दो काउंटी को जोड़ने के लिए दुनिया का सबसे ऊंचा पिगटांग ग्रांड कंक्रीट टावर ब्रिज तैयार किया है। दक्षिण-पश्चिम चीन के गियाझोऊ प्रांत में स्थित इन दोनों पहाड़ी क्षेत्रों तक अब सुगमता से पहुंचा जा सकेगा।
2135 मीटर लंबे इस ब्रिज पर मंगलवार से यातायात शुरू होगा। इस ब्रिज से जुड़े 93 किमी लंबे पिंगटांग-लुओडिआन एक्सप्रेसवे का भी उद्घाटन होगा। एक्सप्रेसवे और ब्रिज बनने से दोनों क्षेत्रों के बीच की दूरी तय करने का समय ढाई घंटे से घटकर एक घंटा रह जाएगा।
यह ब्रिज तीन टावर पर खड़ा है
काओडु नदी घाटी में 332 मीटर ऊपर बना यह ब्रिज तीन टावर पर खड़ा है। इसकी ऊंचाई 110 मंजिला इमारत के बराबर है। दरअसल, चीन पहाड़ी प्रांतों की गरीबी दूर करने के लिए वहां पर्यटन सुविधाएं बढ़ा रहा है। यह ब्रिज इसी कवायद का हिस्सा है। इस पर 2016 में काम शुरू हुआ था। इस ब्रिज पर वाहन 80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे।
- इस पर वाहन 80 किमी की रफ्तार से दौड़ सकेंगे
- 1500 करोड़ रुपए लागत आई
- ब्रिज 2135 मीटर लंबा है
- ब्रिज काओडु नदी घाटी में 332 मीटर ऊपर बना है
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