नई दिल्ली. वित्तीय संकट के चलते रेलवे में यात्री किराया बढ़ाए जाने की अटकलों के बीच, बोर्ड के चेयरमैन बीके यादव ने भी यात्री किराए की दरों की समीक्षा की बात कही है। गुरुवार को यादव ने कहा- हम यात्री किराए की दरों की समीक्षा करने वाले हैं। माल भाड़ा पहले ही बहुत ज्यादा है। ऐसे में कोई रास्ता निकालना जरूरी है, ताकि हम सड़क की जगह रेलवे के जरिए ज्यादा माल ढुलाई कर सकें।
बोर्ड के चेयरमैन यादव ने कहा, “रेलवे के 13 लाख कर्मचारियोंसमेत दूसरे खर्चों पर करीब 2.18 लाख करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं, जबकि रेलवे की आमदनी ही करीब 2 लाख करोड़ रुपए है। आमदनी का 25% हिस्सा केवल पेंशन पर ही खर्च हो रहा है।” उन्होंने कहा- अगर वित्त मंत्रालय इसकी व्यवस्था कर दे, तो हमारा ऑपरेटिंग खर्च आमदनी का 70% रह जाएगा।
आमदनी बढ़ाने के उपाय खोज रहा रेलवे
यादव ने कहा कि रेलवे आमदनी बढ़ाने के उपायों पर चर्चा कर रहा है। मैं इस पर ज्यादा नहीं बोल सकता, क्योंकि यह संवेदनशील मुद्दा है। हालांकि रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय संकट का समाधान माल भाड़ा बढ़ाकर ही किया जा सकता है, लेकिन वर्तमान हालात में यह संभव नजर नहीं आता। ऐसे में यात्री किराया बढ़ोतरी होने के आसार हैं।
रेलवे का 50% हिस्सा सिंगल लाइन नेटवर्क
यादव ने यह भी बताया कि रेलवे के 34,000 किलोमीटर के नेटवर्क के 50% हिस्से में अभी तक सिंगल लाइन ही है, जबकि इससे माल ढुलाई का 96% हिस्सा मिलता है। उन्होंने कहा कि हमने 58 प्रोजेक्ट चिह्नित किए हैं, जिन पर केवल 8000 करोड़ रुपए खर्च करके माल ढुलाई बढ़ाई जा सकती है।
माल ढुलाई से कमाई में पिछड़ारेलवे
23 अक्टूबर को परिवहन क्षेत्र की ढांचागत सुविधाओं के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इस दौरान भी रेलवे के वित्तीय संकट का मुद्दा उठा था। नवंबर के आखिर तक माल ढुलाई से रेलवे की आमदनी भी घटी थी और कमाई लक्ष्य से 14600 करोड़ रुपए कम रही थी।
निजी हाथों में सौंपी जा सकती हैं ज्यादाट्रेन
रेलवे ने आमदनी बढ़ाने के लिए स्टेशनों के विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी, ज्यादा ट्रेन को निजी हाथों में सौंपने की योजना तैयारी की है। रेलवे बोर्ड में अब एक मेंबर को 'ऑपरेशन्स एंड बिजनेस डेवलपमेंट' की जिम्मेदारी दी जाएगी, जिसका काम रेलवे की क्षमता और आमदनी में इजाफा करना होगा।
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