
श्रीहरिकोटा. वायुसेना की मदद के लिए इसरो बुधवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से ऐसा उपग्रह लाॅन्च करेगा, जाे बादलों और घने अंधेरे में भी साफ तस्वीरें ले सकेगा। बालाकोट स्ट्राइक के लिए एयरफोर्स ने प्लेनेट लैब इंक से जारी तस्वीरों को घटना के कई दिन बाद सबूत के तौर पर पेश किया था। इसरो बुधवार को दोपहर 3.25 बजे रीसैट-2बीआर1 नाम का उपग्रह पीएसएलवी सी-48 रॉकेट से प्रक्षेपित करेगा।
लाॅन्चिंग के लिए मंगलवार शाम 4.40 बजे काउंटडाउन शुरू हो चुका है। रॉकेट लाॅन्चिंग पैड-2 पर तैयार खड़ा है। इसरो के मुताबिक यह रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है। इसमें एक्स बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार है, जो पांच साल तक सीमावर्ती इलाकों में आतंकी गतिविधियों और घुसपैठ पर नजर रखेगा। इसमें 0.35 मीटर रिजोल्यूशन का कैमरा है। ये 35 सेंटीमीटर की दूरी पर दो चीजों की अलग-अलग और स्पष्ट पहचान कर सकता है।
इसके अंतरिक्ष में तैनात होने के बाद भारत की रडार इमेजिंग क्षमता में कई गुुना इजाफा हो जाएगा। इस प्रक्षेपण में भारतीय उपग्रह के साथ 9 अन्य उपग्रह भी छोड़े जाएंगे। इनमें अमेरिका के छह और जापान, इटली व इजरायल के एक-एक नैनो सैटेलाइट भी शामिल हैं। प्रक्षेपण के 17वें मिनट में 628 किलोग्राम के रीसैट 2बीआर-1 उपग्रह को पीएसएलवी का चौथा चरण 578 किमी दूर पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर देगा।
रिसैट-2 बीआर1 की लॉन्चिंग के बाद इसरो इस सीरीज का तीसरा रिसैट-2 बीआर 2 इसी महीने के अंत तक लाॅन्च करेगा। इसके बाद एक अाैर सैटेलाइट लाॅन्च होगा। सुरक्षा एजेंसियों को एक दिन में किसी एक स्थान पर सतत निगरानी के लिए अंतरिक्ष में कम से कम चार रीसैट की जरूरत होगी। एेसे में किसी एनकाउंटर या घुसपैठ के समय ये चाराें सैटेलाइट उपयाेगी हाेंगे।
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from Dainik Bhaskar /national/news/launch-of-risat-2br1-through-pslv-c48-126258801.html
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