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विहिप के मॉडल पर नहीं, शंखेश्वर और प्रेम मंदिर जैसा भव्य और 1111 फीट ऊंचा राम मंदिर बनाना चाहते हैं संत

अयोध्या. 9 नवंबर को अयोध्या मामले में आए ऐतिहासिक फैसले मेंसुप्रीम कोर्ट ने सरकार को मंदिर के लिए न्यास बनाने कानिर्देश दिए थे। न्यास अभी भले ही न बनाहो, लेकिन संतों ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का खाका खींचना शुरू कर दिया है। संत चाहते हैं किरामलला जन्मभूमि मंदिर 1111 फीट ऊंचा बने। वेइसे कच्छ के शंखेश्वर और वृंदावन के प्रेम मंदिर जैसा भव्य बनाना चाहते हैं। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य और भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती ने बताया कि अयोध्या का रामलला मंदिर विश्व का सबसे विशाल मंदिर बनेगा।

विहिप का मॉडल पुराना
डॉ. वेदांती ने बताया कि विहिप ने मंदिर का जो मॉडल बनवाया था, वह 30 साल पहले का है। अब जमाना बदल गया है। दिल्ली में भव्य मंदिर का खाका खींचा जा रहा है। इसलिए कुछ नेताओं ने विभिन्न जगहों पर मंदिरों को देखने के लिए मुझे भेजा था। गुजरात के कच्छ जिले के मांडवी तहसील में शंखेश्वर मंदिर और वृंदावन केप्रेम मंदिर की दिव्यता और भव्यता सबसे अच्छी दिखी। मैंने इसी तरह का मंदिर अयोध्या में भी बनाने का प्रस्ताव दिया है।

ट्रस्ट को लेकर संतों में कोई मतभेद नहीं
वेदांती ने कहा ट्रस्ट को लेकर संतों में कोई आपसी मतभेद नहीं है। सभी चाहते हैं अयोध्या में भव्यमंदिर का निर्माण श्रीरामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अगुवाई में हो। नया ट्रस्ट तय करेगा कि मंदिर कैसा और किसे बनाना है। मंदिर में रामजन्मभूमि में तराशे गए पत्थर और शिलाएं लगाई जाएंगी, उनकी उपेक्षा नहीं होगी।



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डॉ. वेदांती ने कहा कि राम मंदिर में तराशे गए पत्थर और शिलाएं भी लगेंगी, उनकी उपेक्षा नहीं होगी।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य और भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती।


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