(पुणे से मंगेश फल्ले/मुंबई से चंद्रकांत शिंदे).देश में महाराष्ट्र में सबसे बुरे हालात हैं। यहां मरीजों की संख्या 193 हो गई है। सात की मौत हुई है। 323 अस्पतालों में हैं। राज्य में 17,295 लोग होम क्वारैंटाइन और 5928 संस्थाओं में क्वारैंटाइन में हैं। इस बीच विदेश यात्रा से लौटने वालों की गंभीर लापरवाही सामने आई है। अमेरिका, दुबई, लंदन, फ्रांस, जर्मनी से आए कई लोगों ने बुखार के लक्षणों को दबाने के लिए पैरासिटेमॉल का इस्तेमाल किया और मुंबई एयरपोर्ट पर बुखार कीजांच से बच निकले।
इधर कुछ लोगों को होम क्वारैंटाइन के बावजूद बाहर घूमते देखा गया है। इससे निपटने के लिए पुणे प्रशासन ने ‘फेशियल रिकग्निशन सिस्टम’ आधारित ऐप बनवाया है। 1276 लोगों पर 152 पुलिस टीमें नजर रख रही हैं। संदिग्ध लोगों को घड़ी के सामने खड़े होकर सेल्फी लेकर ऐप पर अपलोड करने का कहा गया है। उस समय की उसकी लोकेशन भी ऐप पर दर्ज हो जाती है। ऐसा दिन में दो बार करवाया जा रहा है। ऐसा न करने पर पुलिस को तत्काल उसकी अनुपस्थिति पता चलती है। इस ऐप के इस्तेमाल के अच्छे नतीजे आने के बाद महाराष्ट्र के अन्य जिलों में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
दिल्ली: चीन की स्थिति के आधार पर तैयारी की, रोज एक हजार मरीजों की भर्ती तक का प्लान
तैयारी के लिए दिल्ली सरकार की बनाई कमेटी के प्रमुख डॉ.एस.के.सरीन ने बताया कि चीन के पहले 1000 मरीजों की स्थिति के आधार पर तैयारी की है। वहां 1000 मरीजों में 140 को भर्ती होना पड़ा। 50 को आईसीयू और 23 को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी। एक मरीज 4 से 20 दिन भर्ती रहा। दिल्ली ने हर दिन 500 मरीज और हर दिन 1000 को भर्ती की जरूरत का प्लान बनाया है। निजी अस्पतालों की भी मदद लेनी होगी। एक दिन में 100 मरीज आते हैं तो 14 को भर्ती करना पड़ेगा और इसके लिए पांच आईसीयू बेड और करीब 2.3 वेंटिलेटर की जरूरत होगी। इसके लिए लोक नायक और राजीव गांधी सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में आईसीयू के 50-50 बेड और आइसोलेशन के 200-200 बेड तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर लोक नायक में एक हजार और राजीव गांधी में 400 बेड हो सकते हैं। जीटीबी, डीडीयू और अंबेडकर अस्पताल में भी व्यवस्था हैं। 26 एंबुलेंस अलग रखी गई हैं। जरूरत पढ़ने पर 90 और एंबुलेंस हैं। रोज 3000 जांच की तैयारी है। 10 अप्रैल तक लॉकडाउन रहा तो संख्या बढ़ने के क्रम में कमी आने लगेगी।
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