नई दिल्ली (अमित कुमार निरंजन).जानलेवा कोरोनावायरस की चुनौती से निपटने के लिए दुनियाभर के मेडिकल साइंटिस्ट और टेक्निकल एक्सपर्ट तमाम प्रयासों में जुटे हुए हैं। देश में मानव संसाधन विकास मंत्रालय(एमएचआरडी) और अखिल भारतीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद(एआईसीटीई) द्वारा कोराना पर कराए गए आइडियाथॉन में कई इनोवेशन सामने आए। ये सभी साधन इजी टू यूज और इजी टू मूव हैं। मुंबई के एक स्टार्ट अप ने दिल की धड़कन और लंग्स में मौजूद फ्लूइड जांचने वाली डिवाइस बनाई है, जो कोरोना के लक्षणों की 90% तक सही जानकारी सिर्फ पांचमिनट में दे सकती है। वहीं, सेना के लिए रोबोट बनाने वाले पुणे के स्टार्टअप ने वेंटिलेटर की तरह ऑक्सीजन देने वाली इजी टू मूव डिवाइस बनाई है, जिसे अंबू एयर नाम दिया गया है। एमएचआरडी के इनोवेशन सेल डायरेक्टर डॉ मोहित गंभीर ने बताया कि आइडियाथॉन में आए इनोवेशन के बारे में डीएसटी और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड से जानकारी साझा की गई है। उन्होंने इनपर काम भी शुरु कर दिया है।
ईजी टू यूज और ईजी टू मूव हैं: ये इनोवेटिव मेडिकल इंस्ट्रूमेंट
मुंबई स्थित अभया इन्फॉर्मेशनटेक्नॉलॉजी एलएलपी स्टार्टअप के सीईओ तरक वीएस नागराज ने बताया कि हमने हार्ट बीट और लंग्स में फ्लूइड टेस्ट के लिए एक खास डिवाइस विकसित की है। इसमें एक छोटा साउपकरण छाती पर लगाया जाता है। इसका नाम हार्टबीट है,जो धड़कनों की गणना और लंग्स में मौजूद फ्लूइड का आंकलन करता है। इसका डाटा मोबाइल एप के माध्यम से मिलता है। यह एप मरीज और डॉक्टर दोनों के पास होता है। जो छाती पर लगे डिवाइस का डाटा ब्लूटूथ से एप में कनेक्ट होकर क्लाउड के माध्यम से कहीं भी बैठे डॉक्टर को मिल जाएगा। एप में मौजूद एआई अस्थायी डॉक्टर की भूमिका निभाता है जो ह्रदयऔर लंग्स में होने वाली किसी भी खराबी के बारे में खुद ही डॉक्टर को सूचित कर देता है।
पुणे :वेंटिलेटर की तरह कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को देगा ऑक्सजीन
सेना के लिए रोबोट तैयार करने वाले स्टार्टअप कॉम्बेट रोबोटिक्स इंडिया ने वेंटिलेटर जैसी डिवाइस तैयार की है। पुणे स्थित इस कंपनी के सीईओ गनेश पंडित सूर्यवंशी ने बताया कि हमने ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री में उपयोग होने वाले पार्ट्स की मदद की वेंटिलेटर की तरह काम करने वाला अंबू एयर बनाया है। यह बिजली और बैटरी दोनों से चलता है। कोरोना प्रभावित मरीज को सांस लेने में मुश्किल होने पर शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। अंबू एयर में मरीज को रखने पर उसे ऑक्सीजन की आपूर्ति तुरंत शुरू हो जाती है। यह डिवाईस वेंटिलेटर की तुलना में छोटी और हल्की होने से इजी टू मूव है। गनेश ने बताया कि यदि हमें प्रशासन और सरकार से मैन्युफैक्चरिंग के मामले में सपोर्ट मिले तो 100 अंबू एयर प्रतिदिन तैयार हो सकते हैं।
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