जयपुर.राजस्थान में चार शहर ऐसे हो गए हैं, जिनमें कोरोना का कम्यूनिटी इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है। भीलवाड़ा में तो कम्यूनिटी इंफेक्शन फैल चुका है और वहां स्थिति फेज तीन में पहुंच चुकी है। अन्य शहर जयपुर, जोधपुर और झुंझुनूंहैं। भीलवाड़ा में गुरुवार को एक वृद्ध की मौत हो चुकी है। उनकी मौत के साथ शाम तक खबर आई कि उनके बेटे और पोती भी पाॅजीटिव हैं। इससे दहशत और बढ़ गई। भीलवाड़ा की सीमाएं एक सप्ताह से सील हैं, इसके बावजूद कोरोना के खाैफ के कारण बड़ी संख्या में भागकर दूसरे जिलों में जा चुके हैं, उनसे भी कम्यूनिटी इंफेक्शन का खतरा है। अब तक प्रदेश में कुल 43 कोरोना पाॅजीटिव पाए गए, जिनमें से अकेले भीलवाड़ा में ही 19 हैं। इतना ही नहीं भीलवाड़ा देश का पहला एपिक सेंटर है, जिसमें 457 सैंपल में से 19 पाॅजीटिव पाए गए। यह औसत में सर्वाधिक है। पूरे झुंझूनूं की स्क्रीनिंग होने के बाद एक सप्ताह में फिर से लगातार दो दिन पाॅजीटिव पाए जाने से कम्यूनिटी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
सिटी के 77 हजार घरों का तीसरी बार सर्वे करना पड़ रहाै, 133 विदेश से आए लोग हाई रिस्क पर
भीलवाड़ा में 11 हजार लोग संदिग्ध हैं, जिनमें से 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया है। उन पर अब पहरा बिठाया जाएगा। इस पूरे जिले के कम्यूनिटी इंफेक्शन की जड़ भीलवाड़ा का बांगड़ अस्पताल है। इसके डाॅक्टर मित्तल को पता चल गया था कि कोरोना इंफेक्शन फैल रहा है, फिर भी ओपीडी संक्रमित होने के बावजूद 7 हजार लोगों को डाक्टरों के संपर्क में आने दिया गया। यह कुल 86 बेड का अस्पताल है और उससे ज्यादा मरीज भर्ती करते रहे। इस कारण इंफेक्शन एक से दूसरे में फैलता गया। हालात ऐसे बन गए कि सिटी के 77 हजार घरों का तीसरी बार सर्वे करना पड़ रहा है। 650 को आइसोलेशन में लेकर सैंपलिंग की जा रही। 149 मरीज हाई रिस्क पर है। 133 विदेश से आए।
निजी अस्पताल का डॉक्टर है कम्यूनिटी संक्रमण का जिम्मेदार: स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्रीरघु शर्मा ने कहा कि भीलवाड़ा में सब गड़बड़ी एक निजी अस्पताल की है। उसी से संक्रमण फैला। हम भीलवाड़ा के 18.5 लाख लोगों का सर्वे करवा चुक हैं। 11 हजार संदिग्ध हैं। जिले से बाहर भागे लोगों को भी ट्रेस करवा रहे हैं। भीलवाड़ा के सीएमएचओ और टीम बहुत मेहनत कर रहे हैं। 332 दल लगा रखे हैं। वहां ही सबसे अधिक कम्यूनिटी स्प्रेड का खतरा है।
भीलवाड़ा : कोरोना से संक्रमित 2 मौतों से बढ़ीं पूरे राजस्थान की चिंताएं
जयपुर. संक्रमित दो लोगों की मौत ने पूरे राजस्थान की चिंताएं बढ़ा दी हैं। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ कह रहे हैं कि कम्यूनिटी संक्रमण का यह खतरा पूरे राजस्थान के लिए बड़ी और घातक चुनौती है। वहीं दूसरी ओर झुंझुनू और जयपुर के रामगंज में भी यही हालात खड़े हो गए हैं। यहां भी एक व्यक्ति ने अपने 22 परिजनों समेत 200 से ज्यादा लोगों को संकट में डाल दिया है। राजस्थान में अब 43 लोग पॉजीटिव पाए गए हैं। भीलवाड़ा ने कोरोना से जुड़ी उस मिथ को तोड़ दिया कि हमारे देश में अधिकतर संक्रमण विदेशियों के कारण हुए। यहां तो एक डॉक्टर के घर पर विदेश से आए कुछ मेहमानों के कारण पहले वह खुद संक्रमित हुआ। और फिर उसने एक-एक कर पूरे शहर को चपेट में ले लिया।
दिनभर जारी रही कोरोना से जंग
- भीलवाड़ा के बाद जयपुर के रामगंज क्षेत्र के कुछ हिस्सों में लगा कर्फ्यू। हालात चिंताग्रस्त।
- भीलवाड़ा में संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए पांच निजी अस्पतालों का अधिग्रहण किया गया है।
- रामगंज (जयपुर), झुंझुनू के कुछ इलाकों और पूरे भीलवाड़ा में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
- भीलवाड़ा के सटे संभागों जैसे अजमेर, राजसमंद, कोटा, बूंदी आदि क्षेत्रों में सर्वे और स्क्रीनिंग टीमें भेजकर पहचान की जा रही है कि यहां से कितने लोग इन जगहों पर गए हैं।
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