नई दिल्ली. कोरोनावायरस को रोकने के लिए 21 दिन तक देश में लॉकडाउन है। यह 24 मार्च रात 12 बजे से लागू हो गया है और 14 अप्रैल तक लागू रहेगा। 21 दिन के लॉकडाउन के पीछे भी वजह है और वो ये कि कोई व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित है या नहीं, इसका पता 14 दिन के अंदर कभी भी लग सकता है। उसके बाद 5 से 7 दिन के अंदर दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। देश में कोरोनावायरस अभी दूसरी स्टेज में है और तीसरी स्टेज की तरफ जा रहा है। इससे बचने के लिए ही लॉकडाउन लगाया गया है। अगर लॉकडाउन नहीं होता, तो कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ने का खतरा है। इन सबके अलावा 4 और कारण हैं, जिस वजह से देश में लॉकडाउन बहुत जरूरी है....
पहला कारण : हर 1 किमी के दायरे में 450 से ज्यादा लोग
देश में 137 करोड़ से ज्यादा की आबादी रहती है। सबसे ज्यादा आबादी के मामले में हम चीन के बाद दूसरे नंबर पर हैं। लेकिन, पॉपुलेशन डेंसिटी के मामले में हम चीन और पाकिस्तान से भी आगे हैं। वर्ल्ड बैंक के आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश में हर 1 किमी के दायरे में 455 लोग रहते हैं। वहीं, चीन में ये आंकड़ा 148 और पाकिस्तान में 275 का है। अगर लोग घर पर नहीं रुकेंगे, तो देश में कोरोना के आंकड़े बहुत डरावने वाले बन सकते हैं।
दूसरा कारण : हमारे यहां हर घर में औसतन 5 लोग
अनुमान के मुताबिक, देश में हर घर में औसतन 5 लोग रहते हैं। वहीं, करीब 40% भारतीय परिवार जॉइंट फैमिली में रहते हैं। ज्यादातर भारतीय घरों में तीन पीढ़ियां एक साथ रहती हैं। 75% भारतीय दो कमरे से भी छोटे घर में रहते हैं। अगर परिवार में एक व्यक्ति भी बाहर जाकर किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आता है तो उससे परिवार के बाकी लोग भी संक्रमित हो सकते हैं।
तीसरा कारण : रोजाना ट्रेन से 2.5 करोड़ यात्री सफर करते हैं
लॉकडाउन में 31 मार्च तक यात्रीट्रेनों को भी बंद कर दिया गया है। ट्रेनों को बंद करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, 1918 में जब भारत में स्पेनिश फ्लू फैला था, तब भी इस फ्लू को फैलाने में रेलवे की अहम भूमिका थी। रेल मंत्रालय की 2018-19 की रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान सालभर में 844 करोड़ यात्रियों ने सफर किया था। वहीं, रोजाना 2.5 करोड़ यात्री रेल सफर करते हैं।
चौथा कारण : एक कोरोना पॉजिटिव 3 को संक्रमित कर सकता है
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 25% मामलों में लोगों को ये पता ही नहीं चलता कि वे कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे लोग अनजाने में ही दूसरों की ही संक्रमित कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के मुताबिक, कोरोनावायरस से संक्रमित एक व्यक्ति औसतन 3 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
लॉकडाउन का क्या फायदा?
- इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कोरोनावायरस पर फरवरी के आखिरी में एक स्टडी की थी। इस स्टडी में मैथमेटिकल कैलकुलेशन के जरिए अनुमान लगाया गया था कि अगर सख्ती से सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारैंटाइन या लॉकडाउन किया गया तो इससे कोरोना के मामलों में 89% तक कमी आ सकती है।
- ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर नाइल्स बेकर ने अपनी किताब 'मॉडलिंग टू इन्फॉर्म इंफेक्शियस डिसीज कंट्रोल' में भी कोरोना से लड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को सबसे बड़ा हथियार बताया है। उन्होंने दावा किया है कि अगर 25% लोग भी मिलना-जुलना आधा कर दें तो इस संक्रमण को 81% तक कम किया जा सकता है।
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