
बेंगलुरु. नागरिकता कानून को लेकर देश भर में हिंसक घटनाओं के बीच बेंगलुरु के टाउन हॉल से प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच से एक शांति की खबर है। यहां गुरुवार को लोग नागरिकता कानून का विरोध कर रहे थे। पुलिस प्रशासन लोगों को समझाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन, जब पीछे हटने को तैयार नहीं हुए तब स्थिति पर काबू पाने के लिए बेंगलुरु के डीसीपी (सेंट्रल) चेतन सिंह राठौर ने माइक से राष्ट्र गान गाना शुरू किया। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे सभी लोग राष्ट्र गान गाने लगे। राष्ट्र गान समापन के बाद अधिकांश प्रदर्शनकारी वहां से चले गए।
राष्ट्रगान से पहले डीसीपी चेतन सिंह राठौर ने प्रदर्शनकारियों को समझाया था कि भीड़ में हमारे बीच छिपे असामाजिक तत्व मौके का फायदा उठाते हैं और प्रशासन के बल प्रयोग में निर्दोष पिट जाते हैं। फिलहाल कर्नाटक के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों के चलते धारा 144 लागू है।
#WATCH Karnataka: DCP of Bengaluru(Central),Chetan Singh Rathore sings national anthem along with protesters present at the Town Hall in Bengaluru, when they were refusing to vacate the place. Protesters left peacefully after the national anthem was sung. #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/DLYsOw3UTP
— ANI (@ANI) December 19, 2019
क्या है नागरिकता कानून
नागरिकता कानून 1955 में आया था। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना अनिवार्य है। भारत में अवैध तरीके से दाखिल होने वाले लोगों को नागरिकता नहीं मिल सकती है। उन्हें वापस उनके देश भेजने या हिरासत में रखने के प्रावधान हैं। संशोधित कानून में पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता मिलने का समय घटाकर 11 साल से 6 साल किया गया है। मुस्लिमों और अन्य देशों के नागरिकों के लिए यह अवधि 11 साल ही रहेगी।
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