
नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मोदी सरकार को विपक्ष समेत सभी के साथ लेकर चलने की सलाह दी है। इंडिया फाउंडेशन की तरफ से रखे गए अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल लेक्चर में सोमवार को हिस्सा लेने पहुंचे प्रणब दा ने कहा कि हो सकता है कि लोगों ने किसी पार्टी को प्रचंड बहुमत दिया हो, लेकिन भारतीय चुनावों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं रहा, जब वोटर्स ने सिर्फ एक ही पार्टी का समर्थन किया हो। भारतीय मतदाताओं का यही संदेश राजनीतिक खिलाड़ियों ने कभी साफ तौर पर नहीं समझा। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि जब संसद में हमारे पास जबरदस्त बहुमत होता है, तो हमें लगता है कि हम सब कुछ कर सकते हैं। लेकिन यहां हम गलत होते हैं। लोगों ने पहले कई बार ऐसे नेताओं को सजा दी है।
प्रणब मुखर्जी ने आगे कहा, “चुनावों में जबरदस्त बहुमत मिलने का मतलब है कि आप स्थिर सरकार बना सकते हैं। जबकि लोकप्रिय बहुमत न मिलने से आप बहुसंख्यकवाद की सरकार नहीं बना सकते। यही हमारे संसदीय लोकतंत्र का संदेश और खूबसूरती है।
‘लोकसभा की सीटों की संख्या 1000 होनी चाहिए’
पूर्व राष्ट्रपति ने अपने भाषण के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में सीटें बढ़ाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि आखिरी बार लोकसभा में सीटें 1977 में बढ़ाई गई थीं। यह 1971 की जनगणना पर आधारित था, जो कि तब 55 करोड़ थी। आज जनसंख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है। इसलिए परिसीमन को बदलने की बड़ी जरूरत है। साथ ही लोकसभा की सीटें बढ़ाकर 1000 तक की जानी चाहिए।
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from Dainik Bhaskar /national/news/pranab-mukherjee-bats-for-raising-ls-strength-to-1000-cautions-against-majoritarianism-126310157.html
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