मॉस्को. रूस में राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के विरोधी 23 साल के युवक को पुलिस नेजबरन आर्कटिक बेस भेज दिया है। उसके समर्थकों ने बुधवार को मॉस्को में प्रदर्शन किया और युवक के रिहाई की मांग की। कुछ लोगों ने पुलिस मुख्यालय के सामने भी प्रदर्शन किया।
रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी ने बुधवार को कहा कि उनके एक सहयोगी को जबरन एक साल के सैन्य सेवा के लिए आर्कटिक भेज दिया गया है। जबकि उनकी मेडिकल कंडिशन सही नहीं थी। न ही उन्हें कोई बेसिक ट्रेनिंग दी गई थी। रुस्लान श्वेद्दीनोव सोमवार से ही लापता है। वह नवलीन के भ्रष्टाचार-रोधी फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर थे।
जानकारी के मुताबिक, उनके लापता होने से पहले पुलिस ने उनके फ्लैट्स में तोड़फोड़ किया था। साथ ही उनके फोन का सिम कार्ड भी डिसेबल कर दिया था। नवलनी ने रूस की सरकार पर अपहरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रुस्लानको गैरकानूनी तरीके से कैद करके रखा गया है।
मोबाइल रखने की मनाही
श्वेद्दीनोव को मंगलवार को आर्कटिक महासागर के उत्तर में मास्को से लगभग 2,000 किमी दूर स्थित नोवाया जेमल्या सैन्य अड्डे पर देखा गया। नवलनी ने कहा कि उसे एक साल की सैन्य सेवा के दौरान मोबाइल फोन रखने से भी रोक दिया गया है।
युवा सेना में जाने से बचने के उपाय करते हैं
रूस में 18 से 27 साल के युवाओं को आम तौर पर एक साल की सैन्य सेवा प्रदान करनी होती है। हालांकि, कई लोग इससे बचने के उपाय भी खोजते हैं। रूसी सेना ने श्वेद्दीनोव पर सैन्य सेवा से बचने के लिए लंबे समय तक मसौदा तैयार करने का आरोप लगाया। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यदि उसने सेना में भर्ती होने से बचने के उपाय किए हैं तो उसने रूसी संघ के कानून को तोड़ा है।
‘सैन्य सेवा के लिए भेजना लोगों को प्रतिबंधित करने का तरीका’
उधर, नवलनी ने कहा कि सेना में सेवा करना बस लोगों को प्रतिबंधित करने का एक तरीका बन गया है। नवेलनी की प्रवक्ता और श्वेद्दीनोव के साथ काम करने वाली किरा यर्मिश ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि प्रोजेक्ट मैनेजर ने हाल ही में मॉस्को शहर की संसद में विपक्षी सांसदों के लिए काम किया था। शायद यही कारण है कि उसे आर्कटिक बेस पर भेज दिया गया।
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