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ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने तैयार किया कृत्रिम न्यूरॉन, हार्ट अटैक और अल्जाइमर्स के इलाज में मदद करेगा

हेल्थ डेस्क. ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने कृत्रिम न्यूरॉन तैयार किया है। उनका दावा है कि सिलिकॉन चिप के रूप में तैयार इस न्यूरॉन से हार्ट अटैक, अल्जाइमर्स(भूलने की बीमारी) का इलाज किया जा सकेगा।इसका इस्तेमाल शरीर में इम्प्लांट की जाने वाली मेडिकल डिवाइस में किया जाएगा।इसे तैयार करने वालेबाथ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बनाने के लिए बेहद ताकतवरमाइक्रो-प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाएगा।इंसान के शरीर में करोड़ों न्यूरॉन पाए जाते हैं, जिनका काम मस्तिष्क से सूचना का आदान-प्रदान और विश्लेषण करना है।

इमरजेंसी में कारगर साबित होगा

नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, कृत्रिम न्यूरॉन वास्तव में शरीर में मौजूद न्यूरॉन की तरह नर्वस सिस्टम के इलेक्ट्रिक सिग्नल को जवाब देगा। यह उस समय सबसे कारगर साबित होगा, जब प्राकृतिक न्यूरॉन काम करना बंद कर देंगे। रीढ़ की हड्डी में चोट लगने की स्थिति में भी कृत्रिम न्यूरॉन फायदेमंद साबित होगा।

बायो-सर्किट में आई खराबी को रिपेयर भी करेगा

कृत्रिम न्यूरॉन बायो-सर्किट में आई खराबी को रिपेयर भी कर सकेगा और शरीर में चल रहीं क्रियाओं को सामान्य रखने में मदद करेगा। हार्ट अटैक की स्थिति में दिमाग में मौजूद न्यूरॉन हृदय तक सिग्नल नहीं पहुंचा पाते हैं, इसलिए दिल रक्त पंप नहीं कर पाता। ऐसे मामलों में यह कारगर साबित होगा।

दो तरह के कृत्रिम न्यूरॉन तैयार किए गए

शोधकर्ताओं ने फिलहाल अभी दो तरह के हिप्पोकैम्पल और रेसीपिरेटरीन्यूरॉन तैयार किएहैं। इनमें एक दिमाग के हिप्पोकैम्पस हिस्से में पाया जाता है, जो याददाश्ततेज रखने में अहमभूमिकानिभाता है। रेसीपिरेटरीसांसों को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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British scientists designed the artificial neuron, this heart failure and will help in the treatment of Alzheimer's


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