
नई दिल्ली. भारत छोड़कर भागेदुष्कर्म केआरोपी नित्यानंद ने इक्वाडोर के पास एक टापू खरीदकर उसे स्वतंत्र देश घोषित कर दिया। नित्यानंद ने kailaasa.org वेबसाइट बनाई और इसके जरिए संदेश दिया कि दुनियाभर के प्रताड़ित हिंदू यहां आकर रह सकते हैं। सवाल उठ रहा है कि एक टापू को देश घोषित करने वाले नित्यानंद पर भारत में जो केस चल रहे हैं, उनका क्या होगा? अब भारत क्या कदम उठा सकता है और क्या एक देश बनाकर दुष्कर्म का आरोपी सुरक्षित हो गया है? दैनिक भास्कर ऐप ने पूर्व विदेश सचिव शशांक मनोहर से बातचीत की। उन्होंने बताया कि टापू को स्वतंत्र देश घोषित कर देने भर से उसे मान्यता नहीं मिल सकती। कोई देश मान्यता देता भी है तो नित्यानंद का पासपोर्ट उसी देश में लागू होगा। भारत उस देश पर भी कार्रवाई के लिए दबाव डाल सकता है।
‘नित्यानंद की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल की मदद से सकता है भारत’
- अगर कोई व्यक्ति किसी निर्जन द्वीप को खरीदकर वहां रहना चाहता है, तो रह सकता है। उसके पास जितने दिन के लिए संसाधन होंगे, उतने समय तक वहां रह सकता है।
- अगर नित्यानंद को वहां (कैलासा) सेबाहर आना-जाना है, तो पासपोर्ट की जरूरत होगी। अगर वह भारत का पासपोर्ट इस्तेमाल करता है, तो भारतीय कानून उस पर लागू होंगे।
- जिस देश से नित्यानंद गुजर रहा होगा, भारत वहां की सरकार से उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए कह सकती है। उसकी गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल की मदद भी ली जा सकती है।
- इंटरपोल के जरिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराकरउसकी गिरफ्तारी कराई जा सकती है।
‘भारत अपराधी के तौर पर चिह्नित कर कार्रवाई की अनुशंसा कर सकता है’
शशांक ने बताया किनया देश बनाने पर उसे यूएन की सदस्यता मिलना भी मुश्किल है, क्योंकि इसकी सदस्यता के कई नियम-कायदे होते हैं। इसके अलावा ऐसा प्रस्ताव आने पर एकदम से निर्णय नहीं लिया जाता। भारत उस प्रक्रिया के दौरान भी आपत्ति जता सकता है। साथ ही भारत उसे अपराधी बताकर कार्रवाई की अनुशंसा कर सकता है।
वेबसाइट में दावा- यह बिना सीमाओं का देश
बताया जा रहा है कि‘कैलासा’ इक्वाडोर के पास स्थित है। इसकीवेबसाइट में कहा गया हैकियह बिना सीमाओं का देश है। इसे वैसे लोगोंने बसाया है, जिन्हें अपने ही देश से निष्कासित कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि यह दुनिया का पहला हिंदू राष्ट्र है।कैलासा अभियान की शुरुआतअमेरिका में हुई। इसकी अगुवाई हिंदू आदि शैव अल्पसंख्यक समुदाय कर रहा है। यह दुनियाभर के सताए हुए हिंदुओं और हिंदू बनने के इच्छुक लोगों के लिए सुरक्षित स्थान है। चाहे उनकी लिंग, नस्ल, समुदाय, जाति और पंथ कुछ भी हो। वे यहां शांति से रह सकते हैं और निंदा, हस्तक्षेप व हिंसा से मुक्त रहते हुए अपनी आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति को अभिव्यक्त कर सकते हैं।
‘कैलासा’ का अपना ध्वज भी
वेबसाइट में कहा गया है कि इस हिंदू राष्ट्र का अपना ध्वज भी है। इसे ‘ऋषभ ध्वज’ कहा गया है। इसमें भगवान शिव के वाहन नंदी के साथ नित्यानंद भी नजर आ रहे हैं। इस देश में शिक्षा, वित्त, वाणिज्य जैसे कई सरकारी विभाग भी होंगे। इनके अलावा कैलाश में एक ‘प्रबुद्ध नागरिकता विभाग’ भी होगा, जो सनातन हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम करेगा।
संयुक्त राष्ट्र का दर्जा मिलना बड़ी शर्त
कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन को स्वायत्त देश घोषित कर सकता है। लेकिन, सवाल ये है कि उसे अलग देश कौन मानेगा। खुद को आजाद मुल्क कहने के लिए किसी भी अन्य देश द्वारा मान्यता दिया जाना जरूरी है। दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो गैर मान्यता प्राप्त हैं। जैसे कोसोव, दक्षिण ओस्सेटिया (दोनों सर्बिया का हिस्सा हैं), सोमालीलैंड। ये किसी अन्य देश की सीमा में स्थित हैं। इन्हें संयुक्त राष्ट्र से देश का दर्जा हासिल नहीं है। हालांकि, कोसोव को अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों का समर्थन हासिल है। जबकि रूस इसे सर्बिया का हिस्सामानता है। संयुक्त राष्ट्र की मान्यता और सदस्यता नए देश के लिए सबसे बड़ी शर्त है।
- नित्यानंद का पासपोर्ट सितंबर 2018 में एक्सपायर हुआ
- नित्यानंद का 2010 में तमिल फिल्म एक्ट्रेस रंजीता के साथ आपत्तिजनक वीडियो लीक हुआ था।
- दुष्कर्म के आराेपाें के बादनित्यानंद नेपाल के रास्ते त्रिनिदाद भाग गया था।
- कर्नाटक में दर्ज दुष्कर्म के एक मामले में नित्यानंदवांछित है।नित्यानंद 2018 के अंत में जमानत का फायदा उठाते हुए देश से भाग गया था।
- गुजरात के आश्रम में लड़कियाें के शाेषण और बच्चाें काे बंधक बनाने के मामले में भी पुलिस उसे तलाश रही है।
- उसका पासपोर्ट सितंबर 2018 में खत्म हो चुका है।
इंदौर के युवक ने भी नया देश बनाने का दावा किया था
इंदौर के रहने वाले वेब डेवलपर सुयश ने सूडान और मिस्र के बीच 2072 स्क्वेयर किमी में फैली जगह को अपना देश घोषित कर यूएन सेइसे मान्यता देने की मांग की थी। उनके मुताबिक इस जगह पर फिलहाल किसी का मालिकाना हक नहीं है। सुयश ने इसे किंगडम ऑफ दीक्षित नाम देकर अपने पापा को इसका राष्ट्रपति और छिपकली को राष्ट्रीय पशु घोषित किया था।

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