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नागरिकता संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश होगा, कांग्रेस देशभर में पार्टी मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेगी

नई दिल्ली.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार दोपहर नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 राज्यसभा में पेश करेंगे। यह बिल सोमवार आधी रात को लोकसभा से पास हो चुका है। विपक्षी दल और पूर्वोत्तर के राज्य विधेयक के विरोध में हैं। मंगलवार को असम और त्रिपुरा में कई जगहों पर प्रदर्शन और आगजनी भी हुई। कांग्रेस इस बिल के विरोध में आज देशव्यापी धरना प्रदर्शन करेगी। पार्टी ने अपनी राज्य ईकाइयों से कहा है कि नागरिकता बिल के विरोध में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालयों के बाहर प्रदर्शन करें।

लोकसभा में विधेयकपर करीब 14 घंटे तक बहस हुई थी। इसके पक्ष में 311 और विपक्ष में 80 वोट पड़े थे। विपक्षी दलों ने बिल को धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाला बताया। गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब में कहा था कि यह बिल यातनाओं से मुक्ति का दस्तावेज है और भारतीय मुस्लिमों का इससे कोई लेना-देना नहीं है। शाह ने कहा कि यह बिल केवल 3 देशों से प्रताड़ित होकर भारत आए अल्पसंख्यकों के लिए है और इन देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं, क्योंकि वहां का राष्ट्रीय धर्म ही इस्लाम है। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी नागरिकता बिल लोकसभा से पारित हुआ था, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण राज्यसभा में अटक गया था।

वॉकआउट करना मोदी सरकारके समर्थन का सबसे आसान रास्ता: दिग्विजय

कांग्रेस के राज्यसभा सांसददिग्विजय सिंह ने कहा, ''यह रोचक होगा कि जो पार्टियां संघ और भाजपा की विचारधारा के खिलाफ हैं, उनका उच्च सदन में नागरिकता बिल पर वोटिंग में क्या रुख रहता है। चर्चा के दौरान वॉकआउट करना मोदी सरकार को समर्थन देने का सबसे आसान रास्ता है। नीतीशजी और रामविलासजी आप लोहिया के सिद्धांतों को मानते हैं तो थोड़ा सोचिए।

राज्यसभा का गणित...

राज्यसभा में भी बिल के समर्थन में बहुमत से 7 ज्यादा सांसद

240 सांसद

5 रिक्त सीटें

कुल सीटें- 245

121 बहुमत का आंकड़ा

128 सांसद समर्थन में

110 सांसद खिलाफ

2 सांसदों का रुख साफ नहीं

समर्थन में:भाजपा- 83, बीजेडी-7, अन्ना द्रमुक-11, जेडीयू-6, नामित- 4, अकाली दल- 3, शिवसेना-3, आजाद व अन्य- 11

इनमें पूर्वोत्तर के 2 सांसद शामिल नहीं हैं, जिन्होंने रुख साफ नहीं किया है। ये 2 सांसद वोटिंग के दौरान वॉकआउट करते हैं तो बहुमत का आंकड़ा 120 रह जाएगा।

विरोध में:कांग्रेस-46, टीएमसी-13, सपा-9, वामदल-6, डीएमके-5, टीआरएस-6, बसपा-4 और अन्य-21

कांग्रेस के मोतीलाल वोरा बीमारी की वजह से गैरहाजिर रह सकते हैं। अन्य दलों के सांसद भी गैरहाजिर रहे तो बहुमत का आंकड़ा और कम हो जाएगा। वैसे भी बिल के समर्थन में पर्याप्त सांसद हैं, इसलिए बिल आसानी से पारित हो सकता है।

Q&A में समझें नागरिकता संशोधन विधेयक...

1. नागरिकता कानून कब आया, वर्तमान में इसका स्वरूप कैसा है?

जवाब:यह कानून 1955 में आया। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना अनिवार्य है।

2. क्या इस कानून के तहत अवैध तरीके से दाखिल हुए लोगों को भी नागरिकता मिल सकती है?

जवाब:भारत में अवैध तरीके से दाखिल होने वाले लोगों को नागरिकता नहीं मिल सकती है। उन्हें वापस उनके देश भेजने या हिरासत में रखने के प्रावधान हैं।

3. सरकार क्या संशोधन करने जा रही है?

जवाब:संशोधित विधेयक में पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता मिलने का समय घटाकर 11 साल से 6 साल किया गया है। मुस्लिमों और अन्य देशों के नागरिकों के लिए यह अवधि 11 साल ही रहेगी।

4. विपक्ष क्यों विरोध कर रहा?

जवाब:इसके 2 बड़े कारण हैं। पहला- इस बिल को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया जा रहा है क्योंकि पड़ोसी देशों से आए 6 धर्मों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने में ढील दी जा रही है लेकिन मुस्लिमों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। दूसरा- पूर्वोत्तरराज्यों का विरोध है कि यदि नागरिकता बिल संसद में पास होता है बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिंदुओं को नागरिकता देने से यहां के मूल निवासियों के अधिकार खत्म होंगे। इससे राज्यों की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत पर संकट आ जाएगा।

6. इस बिल के पक्ष में सरकार के क्या तर्क हैं?

जवाब:सरकार का कहना है कि पड़ोसी देशों में बड़ी संख्या में गैर-मुस्लिमों को धर्म के आधार पर उत्पीड़न झेलना पड़ा है और इस डर के कारण कई अल्पसंख्यकों ने भारत में शरण लेकर रखी है। इन्हें नागरिकता देकर जरूरी सुविधाएं दी जानी चाहिए।

7. बिना दस्तावेजों के रहने वाले गैर-मुस्लिमों को भी क्या नागरिकता मिल सकती है?

जवाब:जिन्होंने 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया है या उनके दस्तावेजों की वैधता समाप्त हो गई है, उन्हें भी भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की सुविधा रहेगी। बिना वैध दस्तावेजों के पाए गए मुस्लिमों को जेल का निर्वासित किए जाने का प्रावधान ही रहेगा।



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Amit Shah | Parliment [Updates]; Amit Shah to table Citizenship Amendment Bill in Rajya Sabha Today News


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