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रोंगटे खड़े कर देती है स्पीलबर्ग की शिंडलर्स लिस्ट, लाइफ इज ब्यूटीफुल में नजर आता है पिता का संघर्ष

हॉलीवुड डेस्क. भारत मेंडिंटेशन सेंटर को लेकर बहस चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने कहा था कि डिटेंशन सेंटरबनाए जाने की खबरें अफवाह हैं। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सेंटर बनाए जाने पर सफाई दी। दरअसल, इमिग्रेशन कैम्प या डिंटेशन सेंटर वह जगह होती है, जहां वीजा उल्लंघन, अवैध प्रवेश या अनधिकृत तरीकों से देश में आने वाले लोगों को रखा जाता है।हॉलीवुड में कुछ मशहूरफिल्में बनी हैं जिन्होंनेडिटेंशन सेंटरकी हकीकत को पर्दे पर गंभीरता से दिखाया गया है। दूसरी ओर, बॉलीवुडमें अब तक इस मुद्देपरकोई फिल्म नहीं बनी।

सबसे ज्यादा बात होती है 16 साल पहले आई'शिंडलर्स लिस्ट' की

डिंटेशन सेंटर्स की बहस में सबसे पहले नाजी कैम्प और स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म'शिंडलर्स लिस्ट' याद आती है। 1993 में रिलीज हुई'शिंडलर्स लिस्ट' ने 7 कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड प्राप्त किए थे और इसे स्पीलबर्ग की सर्वश्रेष्ठ फिल्म कहा जाता है।कलर फिल्मों के दौर में ऑस्कर जीतने वाली यह पहली ब्लैक एंड व्हाईट फिल्म थी। 'सरहद पार सिनेमा' किताब के लेखक राकेश मित्तल ने फिल्म कीसमीक्षा करते हुए लिखा है कि,'शिंडलर्स लिस्ट' दूसरे विश्व युद्ध और नाजी सेना के अत्याचारों पर बनी सबसे बेहतरीन फिल्म है। इसमें यहूदियों पर हुई क्रूरता को बेहद बारीकी और गंभीरता से दिखाया गया।

फिल्म शिंडलर्स लिस्ट में पौलेंड की ओलिविया डेब्रोवस्का नाम की तीन साल की लड़की ने भी काम किया था।
रेड कोट पहने सबसे आगे रहने वाली इस बच्ची ने वादा किया था कि वह 18 साल की होने से पहले यह फिल्म नहीं देखेगी।

यह फिल्म चेकोस्लोवाकिया के एक बिजनेसमैन की वास्तविक कहानी है, जो 1100 पोलिशयहूदियों को अपने कारखाने में काम देकरनाजियों के चंगुल से बचाता है। वह शुरुआत में अपने कारखाने में यहूदियों से बेदर्दी से काम लेता था लेकिन बाद में जब उसने नाजी कैम्प में उन पर भीषण अत्याचार देखे तो उसका मन बदल गया। इसके बाद वह उन्हें बचाने में जुट गया और अपनी जरूरत से ज्यादा लोगों के नाम एक लिस्ट में देकर उन्हें कारखाने में काम के बहाने कैम्प से निकालने लगा।स्पीलबर्ग ने इस फिल्म की शूटिंगपोलैंड के उसीयहूदी शहर क्रेको की उन जगहों पर कीजहां यहूदियों को यातनाएं दी गईं थीं।

इस फिल्म को12 श्रेणियों में ऑस्कर के लिए नामांकित किया गया था, जिनमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म और निर्देशक सहित सात श्रेणियों में इसे पुरस्कृत किया गया।फिल्म नेलागत से 15 गुना ज्यादा कमाई की औरइसे विश्व सिनेमा के इतिहास की महानतम फिल्मों की सूची में रखा गया। दुनिया के लगभग हरफिल्म इंस्टीट्यूट केकोर्स में शामिल की गई है।



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These films tell the truth of detention centers, the life of prisoners passes in panic


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