वॉशिंगटन. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चांद पर क्रैश हुए चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को ढूंढ निकाला है। नासा ने सोमवार को अपने लूनर रिकॉनसें ऑर्बिटर (एलआरओ) से ली गई तस्वीरें रिलीज कीं। इनमें लैंडर के टकराने वाले दुर्घटनास्थल (क्रैश पॉइंट) से लेकर जहां तक उसका मलबा फैला है उस क्षेत्र को दिखाया गया है।
7 सितंबर को चांद की सतह पर क्रैश हुआ विक्रम लैंडर
चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की 7 सितंबर को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जानी थी। हालांकि, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से 2.1 किमी पहले ही एजेंसी का लैंडर से संपर्क टूट गया था। विक्रम लैंडर 2 सितंबर को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से अलग हुआ था।
भारतीय प्रोग्रामर से सबूत मिलने के बाद नासा ने की खोज
तस्वीर में ग्रीन डॉट्स से विक्रम लैंडर का मलबा रेखांकित किया गया है। वहीं ब्लू डॉट्स से चांद की सतह में क्रैश के बाद आए फर्क को दिखाया गया है। ‘एस’ अक्षर के जरिए लैंडर के उस मलबे को दिखाया गया है जिसकी पहचान वैज्ञानिक शनमुग सुब्रमण्यम ने की। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, सुब्रमण्यम भारतीय कंप्यूटर प्रोग्रामर और मैकेनिकल इंजीनियर हैं।
नासा के मुताबिक, शनमुग सुब्रमण्यम ने चांद की सतह पर मलबे की पहचान करने के बाद ही नासा के एलआरओ प्रोजेक्ट से संपर्क किया। उनके दिए सबूतों के आधार पर एलआरओ टीम ने चांद की सतह की क्रैश के पहले और बाद की फोटोज का विश्लेषण किया। यहीं से पुष्टि हुई कि चांद पर पड़ा मलबा चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का है।
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