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इस स्टूडियो में जिएं 80 के दशक का दौर, सेलिब्रिटी की तरह होंगे फोटोशूट

टोक्यो.जापान में एक फोटो स्टूडियो लोगों को 80 के दशक का दौर जीने का मौका दे रहा है। मालूम हो कि 80 के दशक के मध्य में जापान की अर्थव्यवस्था अच्छेदौर से गुजर रही थी। स्टॉक मार्केट और रियल एस्टेट की कीमतों में जबरदस्त उछाल के साथ तब एक और चीज पॉपुलर हुई थी, वह थी वहां होने वाले फोटोशूट। टोक्यो के आसाकुसा स्थित मारुबेल स्टूडियो में तब पॉप स्टार और फिल्म स्टार्स के होने वाले शूट के पोस्टकार्ड्स म्यूजिक स्टोर्स में खूब बिकते थे। जिस फैन के पास अपने फेवरेट पॉप स्टार की मारुबेल स्टूडियो में खिंचवाई हुई जितनी ज्यादा फोटो होती थीं, उसे उतना बड़ा फैन माना जाता था। अब लोग इस स्टूडियो में उस दौर के वैसे ही फोटोशूट करवा सकते हैं जिसमें उन्हें किसी सेलिब्रिटी की तरह ही ट्रीट किया जाएगा।

स्मार्टफोन के दौर में लोग स्टूडियो जाकर फोटो खिंचवाना भूले
फोटोशूट के लिए लोगों को अपॉयन्टमेंट देकर एक दिन चुन लिया जाता है। जिस दिन शूट होता है, उस दिन कस्टमर को उसकी पसंद की दो ड्रेसेज दी जाती हैं। कस्टमर अपनी मर्जी से जो चाहे ड्रेस चुन सकते हैं, चाहे वह सामुराई योद्धा की हो या किसी पॉपुलर पॉप स्टार की। स्टूडियो में ही सेलिब्रिटी की तरह मेकअप मैन और स्टाइलिस्ट उसे तैयार करते हैं।

फोटोशूट करवाते समयसेलिब्स जैसा महसूस होता है

मारुबल का यह पैकेज लेने वाली नातसुकी नामक लड़की ने बताया, वाकई यह किसी रॉयल ट्रीटमेंट से कम नहीं। वहां फोटोशूट करवाते समय बिल्कुल ऐसा महसूस होता है कि जैसे हम भी सेलिब्स जैसे ही हैं। मुझे याद है मैंने अपने पैकेज में एक ड्रेस टॉम ब्वाइश लुक वाली लड़की की चुनी थी और दूसरा लुक 80 की मशहूर पॉप स्टार सीको मातसुदा का था। यकीन मानें, दोनों लुक वाली फोटो देखकर एकबारगी तो मैं खुद को ही पहचान नहीं पा रही थी।

मारुबल कापैकेजआज की पीढ़ी कोउस दौर के बारे में सिखाएगा

मैं तो नॉर्मल कपड़े पहनकर स्टूडियो गई थी। वहां ड्रेसेज सिलेक्ट कीं और उसके बाद सारी टेंशन वहां के लोगों की। मैं फोटो खिंचवाते समय थोड़ा घबरा रही थी लेकिन फोटोग्राफर बार-बार कह रहा था-घबराइए नहीं, कैमरे के सामने देखें, आपके फैंस को लगेगा कि आप उनकी ही तरफ देख रहे हैं। शूट खत्म होते ही मुझे मेरी फोटोज का पूरा डेटा पेनड्राइव में मिल गया और साथ ही 20 प्रिंटआउट्स भी बिल्कुल वैसे जैसे 80 के दशक में सेलिब्स के होते थे। वह पूरा दिन 80 के दौर को जीने का था जिसे मैंने बाखूबी जिया। वैसे भी स्मार्टफोन के दौर में लोग फोटो स्टूडियो जाकर तस्वीरें खिंचवाना भूल गए हैं, ऐसे में मारुबल का यह पैकेज कम से कम आज की पीढ़ी को कुछ तो उस दौर के बारे में सिखाएगा।



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मारुबेल स्टूडियो में होने वाले शूट


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