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सिब्बल बाेले- कोर्ट में जज तो 3-4 साल के लिए हैं पर हम 40 साल से हैं, धैर्य रखा करें; जस्टिस मिश्रा बाेले- 100 बार माफी मांगता हूं

नई दिल्ली.अंत भला तो सब भला। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को बार और बेंच के बीच पनपा विवाद जस्टिस अरुण मिश्रा के माफी मांगने के साथ ही खत्म हो गया। उन्होंने भावुक हाेते हुए कहा- ‘अगर मेरे व्यवहार से किसी को दुख पहुंचा है, तो मैं 100 बार माफी मांगता हूं। मैं बार का मां की तरह सम्मान करता हूं।’दरअसल, मंगलवार को जमीन अधिग्रहण से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान वकील गोपाल शंकरनारायणन और जस्टिस मिश्रा के बीच तीखी बहस हो गई थी। वकील गुस्से में कोर्ट रूम से बाहर आ गए थे। तब जस्टिस मिश्रा ने वकील के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट्स ऑन रिकाॅर्ड एसोसिएशन ने जस्टिस मिश्रा से संयम बरतने का अाग्रह करते हुए प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद गुरुवार काे कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, मुकुल रोहतगी और दुष्यंत दवे सहित कई वरिष्ठ वकील जस्टिस मिश्रा और जस्टिस एमआर शाह की बेंच के समक्ष पहुंचे। सिब्बल ने कहा- ‘हम चाहते हैं कि कोर्टरूम का डेकोरम बना रहे। हमें बार और बेंच के बीच इस न्यायिक संस्था की रक्षा करनी चाहिए। बार के कुछ सदस्य 40 साल से भी अधिक समय से यहां प्रैक्टिस कर रहे हैं, जबकि जज 3 या 4 सालों के लिए ही यहां आते हैं। आपको थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। हम आपके विरोधी नहीं हैं। हमारा अाग्रह है कि कोर्ट रूम में वकीलों से जिरह के दौरान विनम्र रहें।’

वहीं, सिंघवी ने कहा कि हम चाहते हैं कि आप हमारे संदेश को समझें। इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि बार के सदस्यों का घमंड संस्था को गलत राह पर ले जा रहा है। हमारे नजरअंदाज करने के रवैये को हमारी कमजोरी न समझा जाए। कुछ वकील इतना हल्ला कर देते हैं कि निर्णय लेना कठिन हो जाता है। जस्टिस शाह ने कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है, क्योंकि आप नहीं जानते कि हम किस दबाव में हैं। इसके बाद रोहतगी ने कहा कि बहुत से जूनियर वकील आपकी अदालत में पैरवी के लिए आने से डरते हैं।

जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि कुछ लोग और मीडिया मुझे अनावश्यक रूप से निशाना बना रहे हैं। मैं गंभीर दबाव में हूं। संभव है उसी दबाव में मैंने कुछ कहा हो। अगर कोई आहत हुआ है, तो मैं माफी मांगने को तैयार हूं। इस पर सिब्बल ने कहा कि हम आपसे माफी नहीं मंगवाना चाहते। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हम कई बार गलत हो सकते हैं, पर हमेशा नहीं। बार के सदस्यों में घमंड बढ़ रहा है। दोनों तरफ उचित व्यवहार की कमी होगी तो संस्था का अंत हो जाएगा। गोपाल शंकरनारायणन होनहार वकील हैं। मैंने उनसे दलीलाें में जज का नाम नहीं लेने काे कहा था। उन्हें समझाने की कोशिश की। मगर उन्होंने अनुमान लगाया कि कोर्ट द्वारा उन्हें सुना ही नहीं जा रहा। न्यायपालिका देश को नहीं बचा सकती। वे आप लोग हैं जो ऐसा करते हैं। इसमें कोई एरोगेंस नहीं होना चाहिए।



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Sibal Belle- The judge in the court is for 3-4 years but we are for 40 years, be patient; Justice Mishra Belle - I apologize 100 times


from Dainik Bhaskar /national/news/dispute-between-bar-and-bench-in-supreme-court-126216956.html
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