
नई दिल्ली. देश के राजनीतिक दलों को चंदा, सदस्यता शुल्क और दान के तौर पर हर साल कुछ न कुछ आय होती है। लेकिन इस साल तो राजनीतिक पार्टियों की आय में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान देश की 25 पार्टियों की कमाई एक साल में 329 करोड़ रुपए से बढ़कर 1155 करोड़ रुपए के पार जा पहुंची है। सालभर में इसमें 251%का इजाफा हुआ है। खास बात यह है कि ये आंकड़े सिर्फ 25 पार्टियों के हैं।
इन पार्टियों के ऑडिट आंकड़े उपलब्ध नहीं
भाजपा, कांग्रेस, राकांपा, माकपा, द्रमुक, राजद, शिवसेना, तेलुगु देशम पार्टी जैसे 5 राष्ट्रीय और 30 क्षेत्रीय दलों की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है, जबकिचुनाव आयोग में रिपोर्ट पेशकरने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर 2019 तक थी। सिर्फ 3 राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय दलों ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट तय समय सीमा के भीतर जमा की है।
54% से ज्यादा आय सिर्फ टॉप तीन दलों की
जिन राजनीतिक दलों के उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है, उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सबसे ज्यादा आय ओडिशा की क्षेत्रीय पार्टी बीजू जनता दल ने घोषित की है। दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और तीसरे नंबर पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) है। इन तीनों पार्टियों की आय 630.67 करोड़ रुपए है, जो कुल पार्टियों की आय के 54% से भी ज्यादा है।
पार्टी | आय (रुपए में) | हिस्सेदारी |
---|---|---|
बीजेडी | 249.31 करोड़ | 21.44% |
तृणमूल कांग्रेस | 192.65 करोड़ | 16.56% |
टीआरएस | 188.71 करोड़ | 16.22% |
वाईएसआर कांग्रेस | 181.08 करोड़ | 15.57% |
सीपीएम | 100.96 करोड़ | 8.68% |
अन्य | 250.46 करोड़ | 21.53% |
17 दलों की आय बढ़ी, 3 की घटी, 2 के आंकड़े उपलब्ध नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 25 दलों का विश्लेषण किया गया है उनमें से 17 पार्टियों की आय में इजाफा हुआ है और 3 पार्टियों ने अपनी आय कम होने की बात कही है। इनमें शीर्ष 5 में सिर्फ माकपा की आय घटी है। बाकी दो पार्टियों के पिछले साल के आंकड़े उपलब्ध नहीं है, जिससे उनकी आय में कमी या बढ़ोतरी का अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
पार्टी | 2017-18 | 2018-19 |
---|---|---|
बीजेडी | 14.11 करोड़ | 249.31 करोड़ |
टीएमसी | 5.17 करोड़ | 192.65 करोड़ |
टीआरएस | 27.27 करोड़ | 188.71 करोड़ |
वाईएसआर कांग्रेस | 14.24 करोड़ | 181.08 करोड़ |
सीपीएम | 104.84 करोड़ | 100.96 करोड़ |
(रकम रुपए में)
50% से ज्यादा आय चुनावी बॉन्ड से
वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान इन 25 पार्टियों के सबसे ज्यादा आय चुनावी बॉन्ड्स से हुई है। इसका आंकड़ा 50 फीसदी से ज्यादा है। दान से इन पार्टियों को 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम मिली है, जो इन दलों की कुल आय का करीब 26 फीसदी है। इसके अलावा सदस्यता शुल्क व अन्य मदों से भी पार्टियों को कमाई हुई है।
आय का स्रोत आय (रुपए में)
- चुनावी बॉन्ड्स- 588 करोड़
- अन्य दान- 306 करोड़
- सदस्यता शुल्क- 141 करोड़
- एफडी व ब्याज- 116 करोड़
22 पार्टियों ने आय से कम, 6 दलों ने आय से ज्यादाखर्च किया
रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 के दौरान 3 राष्ट्रीय दलों को मिलाकर 22 पार्टियों ने अपनी आय से कम खर्च किया है। इसमें तृणमूल कांग्रेस सबसे ऊपर है। वहीं 6 पार्टियों ने अपनी आय से अधिक खर्च की जानकारी दी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 3 राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय दलों ने मिलाकर कुल 442.73 करोड़ रुपए खर्च किए।
पार्टी खर्च
- तृणमूल कांग्रेस- 94%
- एनडीपीपी- 87%
- टीआरएस- 84%
6 राजनीतिक दलों- सपा, शिरोमणि अकाली दल, इनेलो, मनसे, रालोदऔर एनपीएफ ने अपनी आय से अधिक खर्च किया है। वहीं, सपा ने आय से 17.12 करोड़ रुपए (50.65%) अधिक खर्च दिखाया है।
स्रोत- एडीआर
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