World Wide Facts

Technology

अमेरिका के अस्पतालों में स्टाफ की कमी; स्वास्थ्यकर्मियों का काम कर रहे कुक, गार्ड और सफाईकर्मी

अमेरिका कोरोनामहामारी की चपेट में है और न्यूयॉर्क इसका बड़ा सेंटर है। यहां के अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी की कमी हो गई है। हालात ये हैं कि शहर के ज्यादातर अस्पतालों में अब मरीजों के इलाज में नॉन-मेडिकल स्टाफ की मदद लेनी पड़ रही है।

इनमें कुक, रिसेप्शनिस्ट, सफाईकर्मी और सिक्योरिटी गार्ड प्रमुख हैं जिन्हें मरीजों के बेड चेक करने से साथ उनका मेडिकल रिकॉर्ड रखने की जिम्मेदारी दी गई है। वे मरीजों के इलाज में भी मदद कर रहे हैं। यही कर्मचारी मरीज के रिश्तेदारों के हॉस्पिटल में आने वाले फोन भी रिसीव कर रहे हैं। इनमें से कई संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं।

‘आप हर शाम 7 बजे लोगों को बाहर निकलकर तालियां बजाते देखते होंगे लेकिन ये सिर्फ डॉक्टरों और नर्सों के लिए है, न कि उनके लिए जो सफेद कपड़े नहीं पहनते लेकिन फिर भी हॉस्पिटल में काम कर रहे हैं।’ यह कहना है कि एनिडा बिकोट का, जिनके पति एडवर्ड बिकोट की संक्रमण के चलते बीते महीने मौत हो गई। वे ब्रुकलिन हॉस्पिटल सेंटर में स्ट्रेचर और व्हीलचेयर से मरीजों को लाने-ले जाने का काम करते थे। एडवर्ड उन 32 हॉस्पिटल कर्मचारियों में से एक थे जो न्यूयार्क में संक्रमित होने के चलते मारे गए।

इमरजेंसी रूम में काम करने नर्सों को एन-95 मास्क दिए: रिपोर्ट
आंकड़ों के मुताबिक, न्यूयार्क के हॉस्पिटलों में काम करने वाला 79% नॉन मेडिकल स्टाफ डॉक्टरों और नर्सों की मदद में लगा है। इमरजेंसी रूम में काम करने नर्सों को एन-95 मास्क दिए गए हैं, लेकिन नॉन मेडिकल स्टाफ के लिए वो भी उपलब्ध नहीं है। हॉस्पिटल कर्मचारी यूनियन के मुताबिक, हमारे पास सुरक्षा के लिए मास्क या ग्लव्स जैसे साधन नहीं है, क्योंकि यह डॉक्टरों और नर्सों को पहले दिए जा रहे हैं। यूनियन के अध्यक्ष कार्मेन चार्ल्स बताते हैं कि न्यूयार्क के अस्पतालों में 8500 नॉन-मेडिकल स्टाफ काम करता है जो खतरे में है।

कार्मेन के मुताबिक, ये सही है कि इस वक्त हमारी जरूरत है लेकिन किस कीमत पर? हमारी जान बचाने वाले मास्क, ग्लव्स कहां है? नॉन मेडिकल स्टाफ के विरोध को देखते हुए कुछ अस्पतालों में सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए हैं, लेकिन अभी भी इनकी संख्या न के बराबर है।

ट्रम्प फिर पलटे, अब कहा- 1 लाख मौतों की आशंका

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले महीने कोरोना से 60 हजार मौतें होने की आशंका जताई थी लेकिन अब इस बयान से पलट गए हैं। रविवार को फॉक्स न्यूज के साथ हुई टाउन हॉल मीटिंग में उन्होंने कहा कि ‘महामारी से हम 75, 80 हजार से 1 लाख लोगों को खोने वाले हैं। ये डरावना है लेकिन हम एक भी जान नहीं खोने देना चाहते।’ इसके साथ ही उन्होंने खुद का बचाव करते हुए कहा- ‘अगर हम समय पर कदम नहीं उठाते तो ये आंकड़ा 10 लाख पार हो सकता था। शायद 20 लाख लोग मारे जाते।’

ट्रम्प का नया चुनावी वादा- वैक्सीन लाएंगे, सुरक्षित भविष्य देंगे
इधर, ट्रम्प ने महामारी को देखते हुए अपने चुनावी अभियान में कोरोना वैक्सीन को भी शामिल कर लिया है। फॉक्स न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा- हम अगले साल तक कोरोना वैक्सीन तैयार कर लेंगे और हर अमेरिकी को वायरस से सुरक्षित करेंगे ताकि सभी को एक बेहतर भविष्य दे सकें। ट्रम्प के इन बयानों को अमेरिकी मीडिया में नए चुनावी वादे के तौर पर देखा जा रहा है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
न्यूयार्क के तकरीबन हर अस्पताल का नजारा ऐसा ही है। रोज संक्रमण के नए मामले मिल रहे हैं, मौतें हो रही हैं। -फाइल फोटो


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2zTHKny
Share:

Related Posts:

0 Comments:

Post a Comment

Definition List

header ads

Unordered List

3/Sports/post-list

Support

3/random/post-list