
नई दिल्ली.भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली विधानसभा सीट से सुनील यादव को प्रत्याशी बनाया। यादव खुद मानते हैं कि जब उनके नाम की घोषणा हुई तो कई लोगों ने कहा कि भाजपा ने केजरीवाल को वॉकओवर दे दिया। दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में यादव ने कई अहम सवालों के जवाब दिए। कहा- इंदिरा और राहुल गांधी जैसे बड़े नाम भी तो चुनाव हारे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि वो केजरीवाल के खिलाफ 25 हजार वोट से चुनाव जीतेंगे। सुनील से बातचीत के प्रमुख अंश।
1. आप केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। क्या आपको पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी नहीं दे दी?
सीएम के खिलाफ लड़ना चुनौती तो होता है लेकिन मेरे केस में थोड़ा सा अलग है। केजरीवाल जी सेलेब्रिटी हो सकते हैं। वीवीआईपी हो सकते हैं। लेकिन, वो जब यहां आए थे तो एक आम आदमी बनकर ही आए थे। उन्होंने शीला दीक्षित को चैलेंज किया था। लेकिन, बीते 5 साल में वो सेलेब्रिटी बन गए। बड़े आदमी हो गए। नई दिल्ली विधानसभा में न उनका कोई घर है और न दफ्तर। उनके तो एनडीएमसी वाले क्वार्टर में भी ताला लगा रहता है। क्षेत्र की जनता के लिए एक चिट्ठी तक नहीं लिख सके। लोग तो चुनाव का इंतजार कर रहे थे कि कब चुनाव हों और हम केजरीवाल को हराएं।
2. क्या सुनील यादव दबाव महसूस कर रहे हैं?
मुझे टिकट मिलने के बाद ‘आप’ के लोगों ने ही कहा कि केजरीवाल को तो वॉकओवर मिल गया। उनके खिलाफ भाजपा ने ऐसे आदमी को टिकट दे दिया, जिसे कोई जानता तक नहीं है। हो सकता है कि मुझे पूरी दिल्ली में सब न जानते हों। लेकिन, नई दिल्ली विधानसभा के घर-घर से मैं वाकिफ हूं। मंडल अध्यक्ष से लेकर कई पदों पर रहा। इतनी पॉपुलैरिटी तो है कि केजरीवाल जी को इस बार हरा दूंगा।
3. आपके पास केजरीवाल को हराने का क्या प्लान है?
किसी प्लान बनाने की जरूरत नहीं है। वो गाजियाबाद में रहते थे। शीला दीक्षित को हराने के मकसद से यहां आए। लोग जानते हैं कि केजरीवाल यहां के नहीं हैं। वो सिर्फ चुनाव लड़ने आ गए। इसलिए कोई ज्यादा बड़ा चैलेंज नहीं हैं। उन्होंने क्षेत्र में कोई काम नहीं किया। इंदिरा गांधी और राहुल गांधी जैसे बड़े नाम भी चुनाव हारे हैं। जिसके अंदर घमंड, अहंकार और झूठ आ जाता है। उसका अंत वैसे ही होता है, जैसे इन लोगों का हुआ।
4. बिजली, पानी, स्कूल, स्वास्थ्य में जो काम 'आप' ने किया है, उसे कैसे देख रहे हैं?
बिजली-पानी में गुमराह किया गया। टोंटी से पानी देने की बात कही थी। लोग यहां गंदा पानी पी रहे हैं। 200 यूनिट से कम वालों के भी बिल आ रहे हैं। नई दिल्ली विधानसभा में न पानी फ्री है और न बिजली। केजरीवाल कोशिश करते तो ये हो सकता था। उन्होंने ध्यान नहीं दिया। इसलिए यहां फ्री कोई मुद्दा नहीं।
5. आरोप हैं कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं। इसलिए हिंदू-मुस्लिम करवाया जा रहा है?
शाहीन बाग में भारत के टुकड़े के नारे लग रहे हैं। सीएए आने के बाद से वहां विरोध चल रहा है। केजरीवाल इसका समर्थन कर रहे हैं। हम शाहीन बाग करवाने वाले कौन होते हैं। इकट्ठा ये लोग करवाते हैं। इन्होंने वहां जिन्ना वाली आजादी के नारे लगवाए। ऐसा होने पर भाजपा तो विरोध करेगी ही। क्योंकि राष्ट्रवादी पार्टी है। हम विरोध करते हैं तो इनको लगता है कि हम शाहीन बाग पर राजनीति कर रहे हैं।
6. क्या यह चुनाव हिंदू-मुस्लिम में बंट गया है?
शाहीन बाग में मुट्ठीभर लोग हैं। इन्हें मनीष सिसौदिया और आम आदमी पार्टी सपोर्ट कर रही है। आम आदमी पार्टी के लोग ही वहां गोली चला रहे हैं। ये हमारा नहीं, इनका मुद्दा है। हम सिर्फ मोदीजी के नाम और उनके काम पर चुनाव लड़ रहे हैं।
7. दावा है कि स्कूलों में बहुत अच्छा काम हुआ। दूसरे राज्य दिल्ली के मॉडल को फॉलो कर रहे हैं?
ये सरासर गलत है। इन्होंने सिर्फ मनीष सिसौदिया की विधानसभा के चार स्कूलों को रिनोवेट करवाया है। रिनोवेट करने में एक कमरे पर 27 लाख रुपए खर्च किए गए। नई दिल्ली विधानसभा में एनडीएमसी के स्कूल हैं। उनमें कोई काम नहीं किया। नौकरी किसी को नहीं दिलवा पाए। यहां जनता ने केजरीवाल सरकार को नकार दिया है।
8. नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में आने वाले मतदाता आप को वोट क्यों दे?
मैं नई दिल्ली विधानसभा में ही रहता हूं। यहीं पैदा हुआ। मेरे मुद्दे भी क्षेत्रीय हैं। सरकारी कॉलोनियों, नौकरियों और घाटों का मुद्दा है। इन्हीं को लेकर मैं क्षेत्र के लोगों के पास जा रहा हूं। क्षेत्र के लोग इन्हीं का समाधान चाहते हैं। नई दिल्ली में कोई भी मुझ से कभी भी मिल सकता है।
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