नई दिल्ली.नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों में हिंसा और नेताओं के भड़काऊ बयानों को लेकर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस मुरलीधरन का ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने बुधवार देर रात इसका नोटिफिकेशन जारी किया। इससे पहले जस्टिस मुरलीधरन ने 3 घंटे तक सुनवाई के दौरान पुलिस कमिश्नर को भड़काऊ भाषणों के सभी वीडियो देखने और एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। आज इस मामले में चीफ जस्टिस डीएन पटेल की कोर्ट में सुनवाई होगी।
जस्टिस मुरलीधरन ने दिल्ली की हिंसा में जख्मी लोगों को सुरक्षा और बेहतर इलाज के लिए मंगलवार आधी रात को अपने घर पर सुनवाई की थी। साथ ही पुलिस को आदेश दिया था कि वह मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता दे और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराए। इसके बाद दिन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा और भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई के लिए दायर याचिका पर पुलिस को फटकार लगाई थी। पुलिस से पूछा- क्या हिंसा भड़काने वालों पर तुरंत एफआईआर दर्ज करना जरूरी नहीं है? हिंसा रोकने के लिए तुरंत कड़े कदम उठाने की जरूरत है। हम दिल्ली में 1984 जैसे हालात नहीं बनने देंगे। इसलिए जो जेड सिक्योरिटी वाले नेता हैं, वे लोगों के बीच जाएं। उन्हें समझाएं, ताकि उनमें भरोसा कायम हो सके।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मरने वालों की संख्या 27 हुई
दिल्ली में सीएए को लेकर हुई हिंसा में बुधवार को 14 और लोगों ने अस्पतालों में दम तोड़ा। इसी के साथ मरने वालों की संख्या 27 हो गई है। 250 लोग जख्मी हैं। छिटपुट हिंसा छोड़ दें तो बुधवार को दिल्ली शांति की ओर लौटती दिखी। पीएम नरेंद्र मोदी ने भाईचारा बनाए रखने की अपील की।
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