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सफलता एक पड़ाव है, मंजिल नहीं; हर रोज जीतना है तो इनोवेशन को आदत बनाओ

मार्टिन लूथर किंग ने कहा है- ‘जीवन का सबसे स्थायी और अहम सवाल है- आप दूसरों के लिए क्या कर रहे हैं?’ स्टीव जॉब्स का भी इस पर अटूट भरोसा था। यही मोटो एपल की नींव भी है। हमारा फोकस टेक्नोलॉजी की मदद से जिंदगी को आसान बनाना है। हमारा मकसद है कुछ नया करना और बाजार में नए बेंचमार्क स्थापित करना। रोज जीतना है तो इनोवेशन करते रहना जरूरी है। इसे आदत बनाना होगा। व्यक्तिगत और प्रोफेशनल, दोनों स्तर पर जुनून होना जरूरी है। सिर्फ इनोवेशन ही जीवन को बेहतर बना सकता है। हम हाई-एंड टेक्नोलॉजी को भी आम यूजर के इस्तेमाल लायक बनाते हैं।

मेरा मानना है कि हर कंपनी में संकट का दौर आता है। ऐसे में शांत रहकर समाधान तलाशना जरूरी हो जाता है। एपल में भी दो बड़े मौके आए, जब मैंने इन्हीं गुणों पर भरोसा किया। स्टीव के निधन से मैं टूट गया था। बतौर सीईओ मैंने सिर्फ स्टीव के विजन को आगे बढ़ाया है। स्टीव अक्सर कहते थे, यदि आपने बहुत महान काम किया है तो उस पर बैठे नहीं रहना चाहिए। उतना ही महान दूसरा लक्ष्य तलाशना और उस पर आगे बढ़ना चाहिए।

हमारे सामने बढ़ती मैन्यूफैक्चरिंग लागत बड़ा मुद्दा बनती जा रही थी। विरोध के बावजूद तय किया कि मैन्यूफैक्चरिंग नहीं करेंगे। चीन-ताइवान से कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग शुरू की। हमने ग्लोबल सप्लाई चेन को मजबूत किया। इससे शिपिंग क्षमता भी बढ़ी। यह रणनीति कारगर रही। आज दुनिया के कोने-कोने में एपल है, जो इसी विजन की सफलता है।

एपल में अकेला कोई कुछ नहीं कर सकता। मैं दो चीजों में विश्वास करता हूं। एक है ‘डिग्निटी ऑफ लेबर’। छोटे-छोटे काम आपको किसी व्यवसाय के अहम पहलू सिखा सकते हैं और लोगों के जीवन को छूने में मदद कर सकते हैं। दूसरा है- प्रोफेशन और पर्सनल लाइफ में सामंजस्य बिठाना। इसके लिए मैं रोज तड़के 3ः45 बजे उठता हूं। मेडिटेशन करता हूं। एक घंटा जिम में बिताता हूं। ई-मेल्स का जवाब देता हूं, यूजर्स के फीडबैक देखता हूं ताकि नया पर्सपेक्टिव मिल सके। रोज सुबह 8ः10 बजे ऑफिस जाता हूं। दिन में 15-20 मीटिंग्स होती हैं। काम कब खत्म होगा, इसका वक्त तय नहीं है। फिर भी रात 8-9 बजे सो जाता हूं। अक्सर पूछा जाता है कि एक दिन में इतना सब कैसे कर लेते हैं, तो मेरा इतना ही जवाब है कि अपना शेड्यूल बनाएं और उसका सम्मान करें। सब कुछ संभव है।



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Tim Cook: Apple CEO Tim Cook Bhaskar Exclusive Updates On Long-Term Success and Reinvent Yourself


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सीडीएस कई मामलों में गेम चेंजर साबित होंगे, उन्हें सहयोगियों की मदद की जरूरत होगी

नई दिल्ली (रिटायर्ड ले.ज.सतीश दुआ). नया साल। नई शुरुआत। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत को जल्द ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) मिलेगा। इस साल के अंत में सरकार ने जनरल बिपिन रावत को सीडीएस के रूप में नियुक्त कर दिया। अब सैन्य मामलों का नया विभाग बनाया गया है, जिसे सीडीएस लीड करेंगे। सीडीएस कई मामलों में गेम चेंजर साबित होंगे। इसका कारण है कि वे चार अलग स्तरों पर काम करेंगे या कहा जाए कि वे चार भूमिकाएं निभाएंगे। वे लीडरशिप के नए आयाम स्थापित करेंगे। सैन्य मामलों के विभाग प्रमुख होने के नाते समयांतराल में सशस्त्र बलों के बीच एकीकरण स्थापित करेंगे।

हालांकि, सीडीएस के पास सचिव के समान पूरे अधिकार तो नहीं होंगे लेकिन वे सचिव से सीनियर होंगे।

सीडीएस तीनों सेनाओं से संबंधित मामलों पर सलाह देंगे

प्रमुख सैन्य सलाहकार होने के नाते वे शीर्षनेतृत्व को तीनों सेनाओं से संबंधित मामलों पर सलाह देंगे। इनमेंनेशनल सिक्युरिटी काउंसिल,न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी औरडिफेंस प्लानिंग कमेटी शामिल है। फिलहालसेना की तीनों अंग मतलब थल सेना, नौसेना और वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय में अपने-अपने कार्यालय बना रखे हैं। नई प्रक्रिया में अब से यह कार्यालय सैन्य विभाग के अंतर्गत होंगे, जो सीधे रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेगा। इससे निर्णय प्रक्रिया में तेजी आएगी।

सीडीएस और रक्षा सचिव दोनों हीरक्षा मंत्री को रिपोर्ट देंगे

सीडीएस सैन्य सलाहकार होंगे। हालांकि,रक्षा सचिव और उनके रोल को लेकर संशय है। कारण कि यह दोनों ही रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेंगे। रक्षा विभाग के अंतर्गत रक्षा उत्पादन, डीआरडीओ, रिटायर्ड कर्मचारियों का कल्याण विभाग शामिल है।सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी ऑपरेशन के दौरान एकजुटता को बढ़ाना है। इसमें लॉजिस्टिक, कम्युनिकेशन, सपोर्ट सर्विस, रिपेयर और मेंटेंनेंस, ट्रेनिंग एंड ट्रांसपोर्ट जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

इसका परिणाम यह होगा कि संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो पाएगा। इस स्तर पर उन्हें भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा। उन्हें एक ऐसा ढांचा तैयार करना होगा जो समयसीमा में बेहतर तालमेल के साथ काम कर सके। सीडीएस सिस्टम को स्थिरता और निरंतरता देंगे। यह नए ढांचे के निर्माण और प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है।

सीडीएस की मौजूदगी रक्षा के मामले में हमें अलग स्तर पर ले जाएगी

यह एक बड़ा कदम है। हमारे देश की सुरक्षा के मामले में बड़ा कदम साबित होगा। ताकत के मामले में यह हमें बेहतर स्थिति में लेकर जाएगा। नए सेटअप को स्थापित करना आसान काम नहीं होगा। यह हमारे देश के लिए कोई आसान सफर नहीं होगा। पहले सीडीएस को बेहतर नींव रखना होगी। उन्हें सहयोगियों से सहयोग की जरूरत होगी। इनमें तीनों सेना के प्रमुख के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय और प्रधान नेतृत्व भी शामिल होगा।

-लेखक पूर्व सैन्य अधिकारी हैं, जो चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के तौर पर रिटायर हुए हैं।



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सीडीएस जनरल बिपिन रावत।


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आतंक पर अंकुश से घाटी में नई उम्मीद, 14 हजार करोड़ के निवेश से बदलेगी फिजा

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में नए साल की सुबह अनुच्छेद 370 हटाए जाने का 150वां दिन है। इस नए केंद्रशासित प्रदेश में कारोबार को छोड़ दें तो 5 अगस्त से अब तक यहां काफी कुछ सामान्य होता दिख रहा है। स्कूल-अस्पताल पहले जैसी स्थिति में आ चुके हैं। कारोबार का केंद्र माने जाने वाले श्रीनगर के लालचौक इलाके में पर्यटकों के इंतजार में बाजार सज चुके हैं। हालांकि, पर्यटकों की आवाजाही 2018 के दिसंबर के मुकाबले 10% भी नहीं है। 5 अगस्त के बाद लगातार 100 दिन तक इक्का-दुक्का स्कूल में ही बच्चे दिखे थे, वे भी गिने-चुने। लेकिन, अब सिलेबस कवर करने की होड़ में बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं। इस शैक्षणिक सत्र के कुल 90 दिन बचे हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि आधा सिलेबस बाकी है।

कारोबार की बात करें तो साल के आखिरी महीने में पीस हॉलीडे लिमिटेड के 55 वर्षीय चेयरमैन फिदा खान अपने ऑफिस में बैठे-बैठे पिछले पांच महीने मेें हुए नुकसान का गणित लगा रहे हैं। 50 से ज्यादा बुकिंग रद्द होने से उनकी कंपनी 25 लाख रु. के घाटे में है। हालांकि, 2020 से उन्हें काफी उम्मीदें हैं। वे कहते हैं ‘2019 में बहुत कुछ खोया, लेकिन अब हमें इंटरनेट चाहिए। इसके बिना पर्यटक घाटी की स्थितियों को लेकर चिंतित हैं।’ अभी सिर्फ कारगिल में इंटरनेट शुरू किया गया है। इस बीच सुकून की सबसे बड़ी बात यह है कि घाटी में 43 बड़ी कंपनियों ने 14 हजार करोड़ से अधिक के निवेश की इच्छा जताई है, जिसमें टूरिज्म और एजुकेशन प्रमुख हैं। अगर सबकुछ अच्छा रहा तो नए साल में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के नए मौके मिलेंगे।

जान का नुकसान कम; नए चुनाव पर संशय बरकरार...

बाजार: 18 हजार करोड़ का नुकसान, अब पूरा दिन दुकानें खुलने लगी हैं
कश्मीर चैंबर ऑफकॉमर्स का दावा है कि 150 दिन में 18 हजार करोड़ रु. का नुकसान हुआ है। जामा मार्केट जैसे व्यस्त बाजार अब भी बंद हैं। हालांकि, ज्यादातर जगह दुकानें खुल चुकी हैं।

अस्पताल: पैलेट गन से चोट के केस मामूली, पहले सैकड़ों केस आते थे
शेर-ए-कश्मीर अस्पताल की ओपीडी में रोज 3500 मरीज आ रहे हैं, जो पिछले साल जितने हैं। 150 दिन में पैलेट गन से चोट के दर्जनभर केस आए। पिछले साल ऐसे सैकड़ों केस थे।

तनाव: जहां पहले ज्यादा प्रदर्शन होते थे, 5 अगस्त से वहां शांति
सोपोर जैसे अशांत क्षेत्रों में अलगाववादियों के प्रदर्शन होते थे, पर 5 अगस्त के बाद वहां से एेसी खबरें नहीं आई हैं। लेकिन, श्रीनगर के पास सौरा में लोगों ने विरोध में सड़कें खोद दी हैं।

आवाजाही: 3,450 बसें सिर्फ श्रीनगर जिले में बंद थीं, अब चलने लगी हैं
कश्मीर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के चेयरमैन शब्बीर अहमद ने कहा- ‘तीन महीने तक सिर्फ श्रीनगर जिले में 3,450 बसें नहीं चलीं। अब चलने लगी हैं।’ होटल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का मानना है कि पर्यटक बहुत कम हैं। लेकिन, इंडस्ट्री की तैयारियां पूरी हैं। गुलमर्ग जैसे इलाकों में अगले एक महीने तक पर्यटकों के लिए कई तरह के आयोजन होने जा रहे हैं। लोग फोन तो कर रहे हैं, लेकिन बुकिंग काफी कम है।

मीडिया: अंदरूनी कश्मीर से खबरें नहीं आ रहीं, लोकल अखबार बंद हैं
कश्मीर प्रेस क्लब ने कहा- ‘इंटरनेट बंद होने से अंदरूनी कश्मीर से खबरें ही नहीं आ रही हैं। लोकल अखबारों को एडिशन टालने पड़ रहे हैं। कई जगह मीडिया बैन है, जहां पहले नहीं था।’

आतंक: 5 अगस्त के बाद दर्जनभर मुठभेड़, जिनमें 18 आतंकी मारे गए
सुरक्षा के लिहाज से घाटी ज्यादा सुरक्षित हुई है। 5 अगस्त के बाद आतंकियों के साथ दर्जनभर ही मुठभेड़ हुईं, जिनमें 18 आतंकी मारे गए। पहले हफ्तेभर में ही दर्जनों मुठभेड़ आम थीं।

...और चुनाव: इसी साल वोटिंग हो सकती है, पर स्थानीय नेता तैयार नहीं
संभव है कि इस साल चुनाव हों। हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला कहते हैं कि मौजूदा हालात चुनाव के लिए सही नहीं है। उनकी पार्टी चुनाव का विरोध करेगी।



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Kashmir 2020 [Updates]; Dainik Bhaskar Ground Report Of Kashmir After 150 Days Of Article 370


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दुनिया की पहली स्मार्ट हाईस्पीड ट्रेन, यह ड्राइवरलेस; 5जी समेत हर सुविधा रोबोट देगा

बीजिंग. चीन ने 56,496 करोड़ रुपए की लागत से दुनिया की पहली स्मार्ट और हाईस्पीड ट्रेन शुरू की है, जो ड्राइवरलेस है। 350 किमी की रफ्तार से चलने वाली इस ट्रेन में 5जी सिग्नल, वायरलैस चार्जिंग और स्मार्ट लाइटिंग समेत हर सुविधाएं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़ी हैं। सोमवार को बीजिंग से झांगजियाकौ के बीच 174 किमी का सफर इस ट्रेन ने 10 स्टॉप के साथ 47 मिनट में पूरा किया।

इस ट्रेन की सबसे खास बात यह है कि इसके संचालन में इस्तेमाल की जाने हर तकनीक, यहां तक कि जीपीएस सिस्टम भी चीन का उपयोग में लाया गया। इस ट्रेन को खास तौर पर 2022 के शीतकालीन ओलिंपिक के लिए शुरू किया गया है क्योंकि इन दोनों शहरों में इस खेल का आयोजन किया जाना है।

सिर्फ एक कर्मचारी नियुक्त
चीन का दावा है कि यह दुनिया की पहली ऐसी 'स्मार्ट हाई-स्पीड ट्रेन है जो पूरी तरह स्वचालित है। इसे चलाने के लिए किसी ऑपरेटर को नहीं रखा गया है। केवल एक व्यक्ति ड्राइवर बोर्ड पर होगा जो सिर्फ आपात स्थिति पर नजर रखेगा। इस ट्रेन के मेंटेन और रिपेयरिंग का काम भी रोबोट करेंगे।

सभी जगह रोबोट सेवा दे रहे हैं
चाइना रेलवे सेवेंथ ग्रुप परियोजना के इंजीनियर दि केमेंग ने कहा कि इस ट्रेन के लिए इस रूट के ट्रैक और मशीनों को पूरी तरह बदल दिया गया है। ट्रेन के अंदर और इसके सभी स्टॉपेज पर रोबोट अपनी सेवाएं दे रहे हैं। चीन का रेलवे नेटवर्क 139,000 किमी का है। यह दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है।



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ट्रेन में चीन का अपना जीपीएस सिस्टम है।


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296 साल बाद 5 ग्रहों के साथ नए साल की शुरुआत, अगले 500 साल नहीं बनेगा ऐसा संयोग

जीवन मंत्र डेस्क. नया साल 2020 ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति और शुभ संयोग में शुरू हो रहा है। साल का पहला सूर्योदय 2 शुभ योगों में होगा। 1 जनवरी 2020 को सूर्योदय के समय धनु लग्न रहेगा वहींपद्म और रवियोग भी बन रहे हैं। इनके साथ ही धनु राशि में सूर्य, बुध, बृहस्पति, शनि और केतु भी रहेंगे। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य पं गणेश मिश्रा के अनुसार ग्रहों की ऐसी स्थिति 296 साल पहले 1 जनवरी 1723 को बनी थी। अब अगले 500 सालों तक ग्रहों की ऐसी स्थिति नहीं बनेगी। सितारों की ये स्थिति देश में बड़े बदलाव होने का संकेत दे रही है। सितारों की ये स्थिति से देश के राजनितिक और आर्थिक स्थिति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। ज्योतिषीय नजरिये से नया साल देश की उन्नति और मजबूती वाला रहेगा।

कई सालों में बनती है ग्रहों की ऐसी स्थिति

नए साल की शुरुआत में बुध, शनि और बृहस्पति धनु राशि में सूर्य के साथ होने से अस्त रहेंगे। जिससे इन 3 ग्रहों का शुभ और अशुभ असर कम हो जाएगा। इनके साथ ही सूर्य और केतु पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में रहेंगे। वहीं बुध और गुरू मूल नक्षत्र में एकसाथ हैं। इस तरह एक ही नक्षत्र में ग्रहों की युति बहुत ही कम बनती है। राहु को छोड़कर सभी ग्रह वृश्चिक से कुंभ राशि तक रहेंगे।

धनु लग्न में आरंभ होगा नया साल

धनु राशि में पांच ग्रहों के होने से शिक्षा के क्षेत्र में विकास होगा। दलहन और तिलहन के दाम कम हो सकते हैं। देश हित के लिए कड़े कानून और फैसले होंगे, जिससे जनता की परेशानियां बढ़ सकती हैं। देश में उच्च पद पर स्थिति प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति असन्तोष एवं आक्रोश की स्थितियां भी बन सकती हैं, लेकिन विद्रोह नहीं होगा। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेगा। वहीं पश्चिमी प्रदेशों में उपद्रव की होने की संभावना बनेगी। पांच ग्रहों का योग पड़ोसी देशों में लगे सीमान्त राज्यों में उत्पात और उपद्रव बढ़ाने वाला रहेगा।

बुधवार को तिथि और नक्षत्रों का शुभ संयोग

नया साल षष्ठी तिथि को प्रारम्भ हो रहा है। षष्ठी तिथि की सामान्य संज्ञा नन्दा है, इसका विशेष नाम कीर्ति है। जिससे विश्व स्तर पर राष्ट्र का प्रभाव बढ़ेगा और पड़ोसी देशों में व्याकुलता बढ़ेगी एवं वो देश हताश होकर तनावपूर्ण स्थितियां बनाने की कोशिश करेंगे। बुधवार होने से फसलों का उत्पादन अच्छा होगा। निर्यात में बढ़ोत्तरी होगी। फल एवं सब्जियों के दाम पूरे साल अनुकूल रहेंगे, क्योंकि बुध वाणिज्य और व्यापार का कारक ग्रह है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र होने से देश में जल, सिंचाई और नदियों से जुड़ी बड़ी योजनाओं पर फैसले हो सकते हैं। वहीं तैतिल करण होने से प्रशासन और सैनिको के लिए पूरा साल श्रेष्ठ रहेगा।

जब 1723 में बने थे ये ग्रह योग तो भारत में हुई थी ये घटनाएं

  • 5 ग्रहों की युति बनने से सन 1723 में देश के कई राज्यों और सीमाओं पर उथल-पुथल हुई थी। 296 साल बाद फिर उसी तरह की ग्रह-स्थिति बनने से साल 2020 में भी देश के वर्तमान राज्यों और पड़ोसी देशों से जुड़ी बड़ी घटना होने के संकेत हैं।
  • 1723 मुगल, निजाम और मराठा शासन ( वर्तमान के महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हैदराबाद और पंजाब ) के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 1723 में हुआ था।
  • 1723 में औरंगजेब की सेना के योद्धा दोस्त मोहम्मद खान ने मध्यप्रदेश के सिहोर, आष्टा, खिलचीपुर और गिन्नौर को जीता था और भोपाल में नवाबी शासन शुरू किया था।
  • इसी साल 1723 में हैदराबाद के निजाम ने भोपाल पर हमला कर दिया और औरंगजेब के दोस्त मुहम्मद खान को निजाम का आधिपत्य स्वीकार करना पड़ा। इसी साल 12 अप्रैल 1723 में मुगलवंश के 12 वें बादशाह नेकसियर का निधन हुआ था।
  • पेशवा बाजीराव ने मालवा पर आक्रमण किया था। वहीं शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास जी की मृत्यु भी इसी साल हुई थी। 1723 में पेशवा बाजीराव ने अपने सेनपतियों होल्कर, पंवार और सिंधिया को मालवा के आक्रमण पर भेजा था। जो कि सफल हुआ था।

4 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्यग्रहण होंगे 2020 में

इस बार नए साल में 6 ग्रहण लगने वाले हैं। पहला ग्रहण 2020 में 10 जनवरी को ही लगेगा। अंतिम ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा। इस नए साल में 4 चंद्रग्रहण और 2 सूर्यग्रहण होंगे। जिन देशों या जगहों पर ग्रहण दिखाई देते हैं वहीं पर उनका असर होता है। ग्रहण के प्रभाव से राजनैतिक और भौगोलिक बदलाव तो होते ही है साथ ही आम लोगों की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर भी इनका असर पड़ता है।

अधिकमास होना देश के लिए शुभ

  • जिस वर्ष अधिक मास होता है वो साल देश और जनता के लिए शुभ फल वाला होता है। अधिक यानी पुरुषोत्तम मास होने से धर्म और कर्म और अर्थ यानी आर्थिक मामलों में तरक्की होती है। हिंदू कैलेंडर और पंचांग गणना के अनुसार 3 साल में एक बार आधिक मास होता है। इस माह के प्रभाव से देश में शांति होती है एवं देश प्रगति करता है। देश की जनता ईमानदारी से धर्म और अपने कर्तव्यों का पालन करती है।
  • सौरमास 365 दिन का होता है जबकि चंद्रमास 354 दिन का होता है। इससे हर साल 11 दिन का अंतर आता है, जो तीन साल में बढ़कर एक माह से कुछ अधिक हो जाता है। यह 32 माह 16 दिन के अंतराल से हर तीसरे साल में होता है। इस अंतर को सही करने के लिए अधिमास की व्यवस्था की गई है।
  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस अधिमास का कोई स्वामी न होने से देवताओं ने इसे अशुद्ध माना और इसमें कोई भी मांगलिक कार्य कैसे करें, इस संशय में पड़ गए। तब वे भगवान विष्णु के पास गए तो उन्होंने कहा कि आज से मैं इस अधिमास को अपना नाम देता हूं। उन्होंने इसे पुरुषोत्तम मास कहा। तब से इस माह में भागवत कथा व अन्य मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हुआ।


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टहनी छोड़ें, पानी में उतरें! उतरना ही चाहिए! जीतना आप तभी शुरू करते हैं

मुझे लगता है कि ज़िंदगी में कई लम्हात ऐसे भी आते हैं जब बहुत से डर, बहुत-सी दुश्वारियां सामने होती हैं। जीने का माद्दा दिखाए बिना लोग शाख़ों पर बैठे-बैठे ही सूख जाते हैं, हजारों ख़्वाहिशें लिये...सूखे बिना अपने डर, अपनी हदों से कैसे बाहर निकल सकते हैं? इस बात का मुकम्मल जवाब तो यही है- टहनी छोड़ें पानी में उतरें! उतरना ही चाहिए! जीतना आप तभी शुरू करते हैं।

मेरा ख़याल है कि री-इनवेंशन के लिए ज़रूरी है कि यह भीतर से हो तभी फ़र्क़ दिखाई देगा। मैंने ‘परिचय’, ‘आंधी’, ‘माचिस’ जैसे कई तजुर्बात किए। ख़ुद को री-इनवेंट करना आसान नहीं है, मुमकिन ज़रूर है! हालांकि न इसका कोई ग्रामर है न फ़िक्स फ़ॉर्मूला! री-इनवेंशन की शुरुआत ख़ुद के बदलाव से की जा सकती है। बाहरी बदलाव तो सिर्फ़ ज़ाहिराना है। अंदरूनी किया तो बाहर भी ज़ाहिर हो जाएगा। री-इनवेंट करने के लिए आपको सारे एंटीने खुले रखने पड़ते हैं। सोचने के लिए, समझने के लिए ताकि आप हालात को भी देखें, ज़रूरियात को भी देखें और उसी को रिसीव करें जो वक़्त की पुकार है।

वैसे आदमी जब खु़द को रिपीट करने लगता है तो मेंटल ब्लॉक आता है, यहीं ख़ुद को री-इनवेंट करने की ज़रूरत पड़ती है। ज़िंदगी को लेकर मेरा फ़लसफ़ा है कि हर चीज़ में लॉजिक ढूंढ़ेंगे तो जिएंगे कहां से? इतनी आसान होती ज़िंदगी कि ग्रामर में पढ़ी जा सकती तो ग्रामर की किताब सामने रखकर जी लेते हम सब...ज़िंदगी की खू़बसूरती ही यही है कि वह अनकही है, अनजान है। कौन जानता है अगले पल क्या होगा?

मुझसे कई बार पूछा जाता है कि क्या आपने ज़िंदगी में सबकुछ पा लिया है? मेरा जवाब होता है-नहीं! ऐसा नहीं है। बहुत कुछ जानने की तमन्ना है। ज़िंदगी अभी भी नए-नए रास्ते खोल रही है। आपकी तरह बहुत सारी इच्छाएं मेरी भी हैं। जैसे, अब आप एस्ट्रोनॉट तो नहीं बन सकते, लेकिन क्या अंतरिक्ष में सैर करने का जी भी नहीं चाहता। स्पेस-स्टेशन में अंतरिक्ष यात्री 6 महीने रहते हैं। मैं कल्पना करता हूं कि वो वहां से नीचे ज़मीन को देख रहे हैं गोले की तरह...ये बात सोचकर भी कमाल लगती है कि आप ऐसी जगह पर हैं जहां से पूरा ग्लोब नजर आ रहा है, सूरज और सितारे भी नज़र आ रहे हैं। तो सीखने-सिखाने की कवायद तो ताउम्र चलती है। ज़िंदगी हर कदम पर आपको सिखाएगी, आपको सीखना पड़ेगा। यही री-इनवेंशन है और इसकी शुरुआत करना ही जागना और जीत की तरफ कदम बढ़ाना है।



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Gulzar: Legendary writer-poet-filmmaker गुलज़ार [Gulzar] On How to Win and Self Improvement


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सीडीएस कई मामलों में गेम चेंजर साबित होंगे, उन्हें सहयोगियों की मदद की जरूरत होगी

नई दिल्ली (रिटायर्ड ले.ज.सतीश दुआ). नया साल। नई शुरुआत। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत को जल्द ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) मिलेगा। इस साल के अंत में सरकार ने जनरल बिपिन रावत को सीडीएस के रूप में नियुक्त कर दिया। अब सैन्य मामलों का नया विभाग बनाया गया है, जिसे सीडीएस लीड करेंगे। सीडीएस कई मामलों में गेम चेंजर साबित होंगे। इसका कारण है कि वे चार अलग स्तरों पर काम करेंगे या कहा जाए कि वे चार भूमिकाएं निभाएंगे। वे लीडरशिप के नए आयाम स्थापित करेंगे। सैन्य मामलों के विभाग प्रमुख होने के नाते समयांतराल में सशस्त्र बलों के बीच एकीकरण स्थापित करेंगे।

हालांकि, सीडीएस के पास सचिव के समान पूरे अधिकार तो नहीं होंगे लेकिन वे सचिव से सीनियर होंगे।

सीडीएस तीनों सेनाओं से संबंधित मामलों पर सलाह देंगे

प्रमुख सैन्य सलाहकार होने के नाते वे शीर्षनेतृत्व को तीनों सेनाओं से संबंधित मामलों पर सलाह देंगे। इनमेंनेशनल सिक्युरिटी काउंसिल,न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी औरडिफेंस प्लानिंग कमेटी शामिल है। फिलहालसेना की तीनों अंग मतलब थल सेना, नौसेना और वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय में अपने-अपने कार्यालय बना रखे हैं। नई प्रक्रिया में अब से यह कार्यालय सैन्य विभाग के अंतर्गत होंगे, जो सीधे रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेगा। इससे निर्णय प्रक्रिया में तेजी आएगी।

सीडीएस और रक्षा सचिव दोनों हीरक्षा मंत्री को रिपोर्ट देंगे

सीडीएस सैन्य सलाहकार होंगे। हालांकि,रक्षा सचिव और उनके रोल को लेकर संशय है। कारण कि यह दोनों ही रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेंगे। रक्षा विभाग के अंतर्गत रक्षा उत्पादन, डीआरडीओ, रिटायर्ड कर्मचारियों का कल्याण विभाग शामिल है।सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी ऑपरेशन के दौरान एकजुटता को बढ़ाना है। इसमें लॉजिस्टिक, कम्युनिकेशन, सपोर्ट सर्विस, रिपेयर और मेंटेंनेंस, ट्रेनिंग एंड ट्रांसपोर्ट जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

इसका परिणाम यह होगा कि संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो पाएगा। इस स्तर पर उन्हें भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा। उन्हें एक ऐसा ढांचा तैयार करना होगा जो समयसीमा में बेहतर तालमेल के साथ काम कर सके। सीडीएस सिस्टम को स्थिरता और निरंतरता देंगे। यह नए ढांचे के निर्माण और प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है।

सीडीएस की मौजूदगी रक्षा के मामले में हमें अलग स्तर पर ले जाएगी

यह एक बड़ा कदम है। हमारे देश की सुरक्षा के मामले में बड़ा कदम साबित होगा। ताकत के मामले में यह हमें बेहतर स्थिति में लेकर जाएगा। नए सेटअप को स्थापित करना आसान काम नहीं होगा। यह हमारे देश के लिए कोई आसान सफर नहीं होगा। पहले सीडीएस को बेहतर नींव रखना होगी। उन्हें सहयोगियों से सहयोग की जरूरत होगी। इनमें तीनों सेना के प्रमुख के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय और प्रधान नेतृत्व भी शामिल होगा।

-लेखक पूर्व सैन्य अधिकारी हैं, जो चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के तौर पर रिटायर हुए हैं।



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सीडीएस जनरल बिपिन रावत।


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सीडीएस कई मामलों में गेम चेंजर साबित होंगे, उन्हें सहयोगियों की मदद की जरूरत होगी

नई दिल्ली (रिटायर्ड ले.ज.सतीश दुआ). नया साल। नई शुरुआत। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत को जल्द ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) मिलेगा। इस साल के अंत में सरकार ने जनरल बिपिन रावत को सीडीएस के रूप में नियुक्त कर दिया। अब सैन्य मामलों का नया विभाग बनाया गया है, जिसे सीडीएस लीड करेंगे। सीडीएस कई मामलों में गेम चेंजर साबित होंगे। इसका कारण है कि वे चार अलग स्तरों पर काम करेंगे या कहा जाए कि वे चार भूमिकाएं निभाएंगे। वे लीडरशिप के नए आयाम स्थापित करेंगे। सैन्य मामलों के विभाग प्रमुख होने के नाते समयांतराल में सशस्त्र बलों के बीच एकीकरण स्थापित करेंगे।

हालांकि, सीडीएस के पास सचिव के समान पूरे अधिकार तो नहीं होंगे लेकिन वे सचिव से सीनियर होंगे।

सीडीएस तीनों सेनाओं से संबंधित मामलों पर सलाह देंगे

प्रमुख सैन्य सलाहकार होने के नाते वे शीर्षनेतृत्व को तीनों सेनाओं से संबंधित मामलों पर सलाह देंगे। इनमेंनेशनल सिक्युरिटी काउंसिल,न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी औरडिफेंस प्लानिंग कमेटी शामिल है। फिलहालसेना की तीनों अंग मतलब थल सेना, नौसेना और वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय में अपने-अपने कार्यालय बना रखे हैं। नई प्रक्रिया में अब से यह कार्यालय सैन्य विभाग के अंतर्गत होंगे, जो सीधे रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेगा। इससे निर्णय प्रक्रिया में तेजी आएगी।

सीडीएस और रक्षा सचिव दोनों हीरक्षा मंत्री को रिपोर्ट देंगे

सीडीएस सैन्य सलाहकार होंगे। हालांकि,रक्षा सचिव और उनके रोल को लेकर संशय है। कारण कि यह दोनों ही रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेंगे। रक्षा विभाग के अंतर्गत रक्षा उत्पादन, डीआरडीओ, रिटायर्ड कर्मचारियों का कल्याण विभाग शामिल है।सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी ऑपरेशन के दौरान एकजुटता को बढ़ाना है। इसमें लॉजिस्टिक, कम्युनिकेशन, सपोर्ट सर्विस, रिपेयर और मेंटेंनेंस, ट्रेनिंग एंड ट्रांसपोर्ट जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

इसका परिणाम यह होगा कि संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो पाएगा। इस स्तर पर उन्हें भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा। उन्हें एक ऐसा ढांचा तैयार करना होगा जो समयसीमा में बेहतर तालमेल के साथ काम कर सके। सीडीएस सिस्टम को स्थिरता और निरंतरता देंगे। यह नए ढांचे के निर्माण और प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है।

सीडीएस की मौजूदगी रक्षा के मामले में हमें अलग स्तर पर ले जाएगी

यह एक बड़ा कदम है। हमारे देश की सुरक्षा के मामले में बड़ा कदम साबित होगा। ताकत के मामले में यह हमें बेहतर स्थिति में लेकर जाएगा। नए सेटअप को स्थापित करना आसान काम नहीं होगा। यह हमारे देश के लिए कोई आसान सफर नहीं होगा। पहले सीडीएस को बेहतर नींव रखना होगी। उन्हें सहयोगियों से सहयोग की जरूरत होगी। इनमें तीनों सेना के प्रमुख के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय और प्रधान नेतृत्व भी शामिल होगा।

-लेखक पूर्व सैन्य अधिकारी हैं, जो चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के तौर पर रिटायर हुए हैं।



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सीडीएस जनरल बिपिन रावत।


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आतंक पर अंकुश से घाटी में नई उम्मीद, 14 हजार करोड़ के निवेश से बदलेगी फिजा

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में नए साल की सुबह अनुच्छेद 370 हटाए जाने का 150वां दिन है। इस नए केंद्रशासित प्रदेश में कारोबार को छोड़ दें तो 5 अगस्त से अब तक यहां काफी कुछ सामान्य होता दिख रहा है। स्कूल-अस्पताल पहले जैसी स्थिति में आ चुके हैं। कारोबार का केंद्र माने जाने वाले श्रीनगर के लालचौक इलाके में पर्यटकों के इंतजार में बाजार सज चुके हैं। हालांकि, पर्यटकों की आवाजाही 2018 के दिसंबर के मुकाबले 10% भी नहीं है। 5 अगस्त के बाद लगातार 100 दिन तक इक्का-दुक्का स्कूल में ही बच्चे दिखे थे, वे भी गिने-चुने। लेकिन, अब सिलेबस कवर करने की होड़ में बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं। इस शैक्षणिक सत्र के कुल 90 दिन बचे हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि आधा सिलेबस बाकी है।

कारोबार की बात करें तो साल के आखिरी महीने में पीस हॉलीडे लिमिटेड के 55 वर्षीय चेयरमैन फिदा खान अपने ऑफिस में बैठे-बैठे पिछले पांच महीने मेें हुए नुकसान का गणित लगा रहे हैं। 50 से ज्यादा बुकिंग रद्द होने से उनकी कंपनी 25 लाख रु. के घाटे में है। हालांकि, 2020 से उन्हें काफी उम्मीदें हैं। वे कहते हैं ‘2019 में बहुत कुछ खोया, लेकिन अब हमें इंटरनेट चाहिए। इसके बिना पर्यटक घाटी की स्थितियों को लेकर चिंतित हैं।’ अभी सिर्फ कारगिल में इंटरनेट शुरू किया गया है। इस बीच सुकून की सबसे बड़ी बात यह है कि घाटी में 43 बड़ी कंपनियों ने 14 हजार करोड़ से अधिक के निवेश की इच्छा जताई है, जिसमें टूरिज्म और एजुकेशन प्रमुख हैं। अगर सबकुछ अच्छा रहा तो नए साल में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के नए मौके मिलेंगे।

जान का नुकसान कम; नए चुनाव पर संशय बरकरार...

बाजार: 18 हजार करोड़ का नुकसान, अब पूरा दिन दुकानें खुलने लगी हैं
कश्मीर चैंबर ऑफकॉमर्स का दावा है कि 150 दिन में 18 हजार करोड़ रु. का नुकसान हुआ है। जामा मार्केट जैसे व्यस्त बाजार अब भी बंद हैं। हालांकि, ज्यादातर जगह दुकानें खुल चुकी हैं।

अस्पताल: पैलेट गन से चोट के केस मामूली, पहले सैकड़ों केस आते थे
शेर-ए-कश्मीर अस्पताल की ओपीडी में रोज 3500 मरीज आ रहे हैं, जो पिछले साल जितने हैं। 150 दिन में पैलेट गन से चोट के दर्जनभर केस आए। पिछले साल ऐसे सैकड़ों केस थे।

तनाव: जहां पहले ज्यादा प्रदर्शन होते थे, 5 अगस्त से वहां शांति
सोपोर जैसे अशांत क्षेत्रों में अलगाववादियों के प्रदर्शन होते थे, पर 5 अगस्त के बाद वहां से एेसी खबरें नहीं आई हैं। लेकिन, श्रीनगर के पास सौरा में लोगों ने विरोध में सड़कें खोद दी हैं।

आवाजाही: 3,450 बसें सिर्फ श्रीनगर जिले में बंद थीं, अब चलने लगी हैं
कश्मीर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के चेयरमैन शब्बीर अहमद ने कहा- ‘तीन महीने तक सिर्फ श्रीनगर जिले में 3,450 बसें नहीं चलीं। अब चलने लगी हैं।’ होटल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का मानना है कि पर्यटक बहुत कम हैं। लेकिन, इंडस्ट्री की तैयारियां पूरी हैं। गुलमर्ग जैसे इलाकों में अगले एक महीने तक पर्यटकों के लिए कई तरह के आयोजन होने जा रहे हैं। लोग फोन तो कर रहे हैं, लेकिन बुकिंग काफी कम है।

मीडिया: अंदरूनी कश्मीर से खबरें नहीं आ रहीं, लोकल अखबार बंद हैं
कश्मीर प्रेस क्लब ने कहा- ‘इंटरनेट बंद होने से अंदरूनी कश्मीर से खबरें ही नहीं आ रही हैं। लोकल अखबारों को एडिशन टालने पड़ रहे हैं। कई जगह मीडिया बैन है, जहां पहले नहीं था।’

आतंक: 5 अगस्त के बाद दर्जनभर मुठभेड़, जिनमें 18 आतंकी मारे गए
सुरक्षा के लिहाज से घाटी ज्यादा सुरक्षित हुई है। 5 अगस्त के बाद आतंकियों के साथ दर्जनभर ही मुठभेड़ हुईं, जिनमें 18 आतंकी मारे गए। पहले हफ्तेभर में ही दर्जनों मुठभेड़ आम थीं।

...और चुनाव: इसी साल वोटिंग हो सकती है, पर स्थानीय नेता तैयार नहीं
संभव है कि इस साल चुनाव हों। हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला कहते हैं कि मौजूदा हालात चुनाव के लिए सही नहीं है। उनकी पार्टी चुनाव का विरोध करेगी।



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Kashmir 2020 [Updates]; Dainik Bhaskar Ground Report Of Kashmir After 150 Days Of Article 370


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भारत के पास ओलिंपिक में 12 साल बाद गोल्ड जीतने का मौका, 13 साल बाद टी-20 विश्व चैंपियन बनने की चुनौती

खेल डेस्क. भारत खेल की दुनिया में नए साल में कई चुनौतियों का सामना करेगा। क्रिकेट में दूसरी बार टी-20 चैंपियन तो पांचवीं बार अंडर-19 का सरताज बनने का मौका होगा। वहीं, ओलिंपिक में 12 साल बाद गोल्ड जीतने की उम्मीद है। पिछले सालों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो भारत के लिए 13 साल बाद टी-20 चैंपियन बनने की राह आसान नहीं है। क्योंकि आईसीसी टूर्नामेंट में उसका रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है।

भारत आखिरी बार 2013 में इंग्लैंड को हराकर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीता था। इसके बाद वह आईसीसी के तीन बड़े टूर्नामेंट हारा है। इसमें 2014 टी-20 विश्व कप फाइनल, 2015 क्रिकेट विश्व कप सेमीफाइनल और 2017 चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल है।

भारत को इकलौता व्यक्तिगत स्वर्ण 2008 बीजिंग ओलिंपिक में मिला था
भारत के लिए 12 साल बाद ओलिंपिक में स्वर्ण जीतने का मौका है। 2008 बीजिंग ओलिंपिक में शूटर अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में यह उपलब्धि हासिल की थी। पदकों के लिहाज से 2012 लंदन ओलिंपिक देश के लिए सबसे सफल खेल रहे। इसमें भारत ने 6 पदक जीते थे। कुश्ती और निशानेबाजी में दो-दो और मुक्केबाजी-बैडमिंटन में 1-1 पदक मिले थे।

अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में गोल्ड जीता था

निशानेबाजी में भारत को 15 ओलिंपिक कोटा मिले
टोक्यो में सौरभ चौधरी और मनु भाकर पर सबकी नजरें टिकी हैं। सौरभ ने 2019 में आईएसएसएफ विश्व कप में 6 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज पर निशाना साधा है। वहीं, मनु भाकर ने इस साल शूटिंग विश्व कप में 5 और दोहा एशियाई चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण पदक जीते। इस बार देश के 15 निशानेबाजों ने टोक्यो ओलिंपिक का टिकट कटाया है।

बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में मेडल मांगे देश

  • पीवी सिंधु 2019 में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर भारत की पहली वर्ल्ड चैंपियन बनीं। 2016 रियो ओलिंपिक में सिंधु सिल्वर मेडल जीती थीं।
  • एमसी मैरीकॉम ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 51 किग्रा में ब्रॉन्ज जीता। यह उनका 8वां मेडल था। वे 4 वेट कैटेगरी (45, 46, 48, 51) में मेडल जीतने वाली भी पहली मुक्केबाज हैं।
  • भारत ने 2008, 2012 ओलिंपिक खेलों में कुश्ती में पदक जीते। इस बार भी बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट से उम्मीद है।
रियो में कटी 'चांदी', टोक्यो में गोल्ड चमकेगा

पांचवीं बार अंडर-19 विश्व जीतने की चुनौती
अंडर-19 का 13वां विश्व कप जनवरी में दक्षिण अफ्रीका में खेला जाएगा। 4 बार के चैंपियन भारत के पास पांचवीं बार खिताब जीतने का मौका है। फरवरी 2018 में खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराया था।भारत का पहला मुकाबला श्रीलंका से 19 जनवरी को होगा।

भारतीय महिला टीम 3 बार टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचीं
ऑस्ट्रेलिया में 2020 फरवरी-मार्च में सातवां महिला टी-20 विश्व कप खेला जाएगा। भारत 3 बार इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचा है। आखिरी बार 2016 में उसे इंग्लैंड ने सेमीफाइनल में हराया था। इससे पहले 2009 और 2010 में भी भारत आखिरी चार में पहुंचा था। अब तक हुए 6 टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 4 बार ऑस्ट्रेलिया जीता है। वह मौजूदा चैंपियन भी है।

मौजूदा चैंपियन भारत 7 बार एशिया कप जीता है

भारत अब तक सबसे ज्यादा 7 बार एशिया कप (6 बार वनडे, 1 टी-20) जीत चुका है। इस बार पाकिस्तान इसकी मेजबानी कर रहा है। हालांकि, भारत के खेलने पर संशय है। 2016 में पहली बार टी-20 फॉर्मेट में भारत, बांग्लादेश को हराकर चैंपियन बना था। वहीं, 2018 (वनडे फॉर्मेट) के फाइनल में भी भारत ने बांग्लादेश को शिकस्त दी थी।

एशिया कप में टीम इंडिया लगाएगी जीत की हैट्रिक

भारत के पास 13 साल बाद टी-20 विश्व चैंपियन बनने का मौका
अब तक 6 बार आईसीसी टी-20 विश्व कप का आयोजन हो चुका है। भारत ने पाकिस्तान को हराकर 2007 में पहला संस्करण जीता था। टीम इंडिया 2014 में भी इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचीं थी। लेकिन श्रीलंका के हाथों हारकर बाहर हो गई। श्रीलंका इकलौती टीम है, जो 3 बार टी-20 विश्व कप (पुरुष) का फाइनल खेली है। वह एक बार चैंपियन बनी।

भारत 3 बड़े देशों के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज खेलेगा
भारत साल के पहले तीन महीने में 3 टीमों के खिलाफ वनडे, टी-20 और टेस्ट सीरीज खेलेगा। शुरुआत जनवरी में श्रीलंका के खिलाफ 3 मैचों की टी-20 सीरीज से होगी। इसके बाद भारत, ऑस्ट्रेलिया से 3 वनडे खेलेगा। जनवरी-फरवरी में भारत न्यूजीलैंड जाएगा। यहां 2 टेस्ट, 5 टी-20 और 3 वनडे की सीरीज होगी। मार्च में दक्षिण अफ्रीका भारत दौरे पर आएगा। दोनों देशों के बीच 3 वनडे खेले जाएंगे।



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बेजान दारूवाला बता रहे हैं आपके लिए कैसा रहेगा नया साल, किन लोगों का साथ देगा भाग्य

जीवन मंत्र डेस्क। नया साल 2020 शुरू हो गया है। ये साल कुछ राशियों के लिए लाभदायक रहने वाला है, जबकि कुछ लोगों को कड़ी मेहनत करनी होगी। इस साल शनि, राहु-केतु का राशि परिर्वतन होने वाला है। ज्योतिष के नजरिए से इन ग्रहों का राशि बदलना काफी खास होता है। शनि 23 जनवरी को धनु से मकर में प्रवेश करेगा। 22 सितंबर को राहु मिथुन से वृषभ में और केतु धनु से वृश्चिक में प्रवेश करेगा। यहां जानिए बेजान दारूवाला के अनुसार कुंडली राशि के आधार पर आपके लिए कैसा रहेगा नया साल 2020...

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Rashifal 2020: Rashifal 2020 Today Horoscope 2020, Rashifal 2020 For Sabhi Rashi Ke Liye (Tula, Dhanu, Kanya, Meen, Kark, Mesh Vrishchik, Kumbh) Rashifal 2020 For Each Zodiac Sign (Aries, Taurus, Virgo, Sagittarius, Aquarius, Leo)


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सुबह कहती है जो बीत गया, उसे भूल जाओ; हर दिन को नया अर्थ देने से ज्यादा सुंदर जीवन में कुछ नहीं: अमिताभ बच्चन

टाट्रा. स्लोवाकिया-पोलैंड की सीमा पर माउंटेन रेंज टाट्रा। बीती 9 दिसंबर की रात जब हम यहां पहुंचे तो बर्फीले तूफान ने घेर लिया। पारा माइनस 14 डिग्री जा पहुंचा। अगले दिन यहीं पर फिल्म ‘चेहरे’ के लिए बच्चन साहब पर एक दृश्य फिल्माया जाना था। मैं उनकी सेहत को लेकर चिंतित था। पर अगली सुबह वे सबसे पहले लोकेशन पर पहुंचे। सात दिन उनके साथ रहने के दौरान मैंने कभी तड़के तो कभी आधी रात भी उनसे जाना कि 77 की उम्र में भी वे खुद को री-इनवेंट कैसे करते हैं। पढ़िए उन्हीं की जुबानी-

इंडस्ट्री में मुझे 50 साल हो गए हैं। मैं आज भी यह अनुभव करता हूूं कि हर सुबह सिखाती है, कि रात बीतने और सुबह होने के बीच अंधेरा मिट चुका है। हर दिन कुछ नया सीखने, कुछ भूलने, पुरानी आदतें छोड़ने और कुछ नया रचने का अपूर्व अवसर लेकर आता है। अगर मन में यह गूंजबस गई तो विश्वास हो जाता है कि जो भी करेंगे, कदम जीत की ओर ही बढ़ेंगे। मेरा मानना है कि हर दिन एक आशीर्वाद है, जो भरपूर ऊर्जा लेकर आता है। विचारों का यही क्रम हर दिन सकारात्मकता और रचनात्मकता से भरपूर रखता है। मैं इसे अनुभव करता हूं।

सुबह की ताजा हवा की तरह युवा भी मुझे सिखाते हैं। नई सदी का युवा मानता है कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है और मैं उनकी इस खूबी का प्रशंसक हूं। वास्तव में युवाओं की जोखिम लेने की भावना और उनका साहस मुझे हमेशा आकर्षित करता है। मुझे उम्मीद है कि युवा इसी तरह अभय रहेंगे और इसमें कोई संशय नहीं है। बस वे व्यस्त रहें, खूब सोचें और स्वयं पर भरोसा करें। अपने लक्ष्य पर अडिग रहें।

मेरा मानना है कि जब कमिटमेंट के साथ मन में संकल्प होता है तो कोई बाधा रोक नहीं सकती। फिर चाहे आपकी उम्र ज्यादा हो, बर्फीला तूफान हो या पारा माइनस 14 डिग्री से नीचे ही क्याें ना चला गया हो। जो वचन खुद को दिया है, उसे तो पूरा करना है। मैं तो एक ही बात मानता हूं कि उम्र सिर्फ एक खयाल है। शरीर हर समय ऊर्जावान रहने में सक्षम है, बस मन कमजोर न होने पाए। इस तरह जीवन को हर दिन एक नया अर्थ देने से अधिक खूबसूरत और कुछ भी नहीं है। इसीलिए जिंदगी के आखिरी दिन तक ऊर्जावान होकर काम करना है। कर्म करते जाना है। सफलता कब स्थाई हुई है। उतार-चढ़ाव से सब को गुजरना है। इस मामले में मैं भी किसी से अलग नहीं हूं। जब आप अपने काम में आनंद तलाश लेते हैं तो जिंदगी सफलता-असफलता के पैमानों से परे निकल जाती है। यही सबसे बड़ी जीत है।

ईमानदारी से निर्णय लें और उस राह पर आगे बढ़ें
सभी की तरह मैं भी जीवन में दुख और दर्द से गुजरा हूं। यह जरूरी नहीं है कि इंसान यदि जी रहा है तो किसी निश्चित प्रेरणा की वजह से ही जी रहा है। जीवन की कुछ आकांक्षाएं हैं तो कुछ आवश्यकताएं भी। उन्हें निभाने के लिए ईमानदारी से बहुत सारे निर्णय लेने के बाद हम उस राह पर चलना शुरू कर देते हैं। मेरी प्रेरणा यह रही है कि मैं नेक इंसान की तरह जिऊं।



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Amitabh Bachchan; Bollywood megastar Dadasaheb Phalke Awardee Amitabh Bachchan Bhaskar Exclusive On Reinvent Yourself Successfully


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जापान के ओकिनावा में लोग 100 साल तक जीते हैं, वहां रोज जीने और जीतने की वजह देते हैं इकिगाई के 4 सवाल

टोक्यो.खुद को री-इनवेंट करने और भविष्य के लिए तैयार करने की जापानी जीवन संस्कृति इकिगाई है। यह एक जीवन मंत्र है, जिसे परिवार के बुजुर्ग हर बच्चे को सिखाते हैं। सरल शब्दों में कहें तो इकिगाई का मतलब है- सुबह उठने का कारण। यानी हर सुबह हर व्यक्ति के सामने चार बातें साफ होनी चाहिए- अपनी पसंद, अपना सबसे बड़ा गुण, अपनी जिम्मेदारियां और अपना काम। ये चार चीजें जीवन का लक्ष्य और उद्देश्य स्पष्ट कर देती हैं। यानी आप अपने लिए हर दिन एक नया लक्ष्य तय करते हैं और उसे हासिल करके ही मानते हैं। अगले दिन आपके सामने फिर एक नई ऊंचाई और उसे हासिल करने की संतुष्टि होती है। जीवन में सफलता का यह चक्र आपको ताउम्र युवा और तरोताजा रखता है।

हर सुबह खुद से चार सवाल पूछकर आप भी अपनी इकिगाई यानी हर सुबह उठने की वजह जान सकते हैं। इन सवालों के जवाब जीवन में सफलता या असफलता दोनों की वजहें आपके सामने ले आएंगे। इससे आपको खुद को री-इनवेंट करने में सहूलियत मिलेगी...



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New Year 2020 | Bhaskar 2020: Japan Okinawa, Know Why People In Okinawa Japan Live Longer


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माइनस 40 डिग्री पर डटे हैं सेना के जवान, 12 हजार फीट पर स्थित बेस कैम्प तक जा सकेंगे पर्यटक

2020 की भास्कर की थीम है- खुद को री-इनवेंट करने का साल। उठो, जागो क्योंकि रोज जीतना है... ख्वाहिश! यकीन! और उम्मीद को मुट्ठी में रखें। हर दिन के लिए तैयार रहें।ठीक वैसे, जैसे सियाचिन के मोर्चे पर माइनस 40 डिग्री में तैनात हमारे फौजी।भास्कर सियाचिन पहुंचा तो जवानों को देख यह एहसास हुआ कि मुश्किलें हमेशा खुद को परखने का मौका देती हैं, खुद को री-इनवेंट करना सिखाती हैं। यह तस्वीर इसलिए भी खास है क्योंकि सियाचिन अब आम लोगों के लिए भी खुलने जा रहा है।सेना ने भास्कर पाठकों के लिए यह तस्वीर विशेष रूप से उपलब्ध कराई है। यहां एक तरफ पाक तो दूसरी तरफ चीन के कब्जे वाला अक्साई चिन है।

भास्कर लाइव

सियाचिन के दरवाजे आम लोगों के लिए इस साल से खुलने जा रहे हैं।पर्यटकों को सिर्फ दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र के बेस कैम्प तक जाने की इजाजत मिलेगी।पर्यटक 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन बेस कैम्प तक जा सकेंगे। पर्यटक पहले लेह से खारदूंगला पास होते हुए पनामिक गांव पहुंचेंगे। यहां रात बिताकर अगले दिन 80 किमी दूर सियाचिन बेस कैम्प पहुंचेंगे। यहां सिर्फ दो घंटे रुकने की अनुमति होगी। ये तस्वीर 18,875 फीट की ऊंचाई पर मौजूद सैन्य चौकी कीहै।

मैं अभी सियाचिन बेस कैम्प में खड़ा हूं, जहां तापमान माइनस 30 से माइनस 40 डिग्री के बीच में है। चारों तरफ बर्फ से ढंकी ऊंची पहाड़ियां और सुइयों की तरह चुभती बर्फीली हवाएं चल रही हैं। यहीं पास में बैटल ऑफ स्कूल है, जहां जवानों को दो महीने की ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे 22 हजार फीट की ऊंचाई में रहने लायक खुद के शरीर को एडजस्ट कर सकें।

बेस कैम्प लौटने से पहले वजन 10 से 12 किलो कम हो जाता है
सियाचिन में सैनिकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती खराब मौसम और ऑक्सीजन की कमी है। सियाचिन में जवानों की तैनाती 3-3 माह के लिए होती है। जवान ट्रैकिंग कर वापस लौटते हैं। जब वे बेसकैंप लौटते हैं, तो उनका वजन 10 से 12 किलो कम हो जाता है। ऐसा मौसम के कारण होता है। टूरिज्म मंत्रालय नॉर्थ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक अनिल ओराव ने बताया कि ‘सियाचिन में पर्यटकों के लिए क्या सुविधाएं हैं और क्या करनी बाकी है, यह देखने जनवरी के आखिरी हफ्ते में हमारी टीम सियाचिन जाएगी। यह आने-जाने से लेकर पर्यटकों को घुमाने तक का सारा प्लान बनाएगी। फिर इसका प्रमोशन शुरू किया जाएगा।’

पर्यटकों का सफर लेह से शुरू होगा
पर्यटकों को सिर्फ सियाचिन बेस कैम्प तक ही जाने की अनुमति होगी, जिसका सफर लेह से शुरू होगा। लेह से खारदूगंला पास होते हुए 155 किमी दूर सासोमा गांव पहुंचना होगा। यहां पर्यटकों को रात में रुकना पड़ेगा ताकि वे खुद को मौसम के लिहाज से ढाल सकें। यहां से बेस कैम्प 60 किमी की दूर है। लेह से बेस कैम्प तक यात्रा का पूरा इंतजाम टूरिज्म मंत्रालय और सेना करेगी।



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Siachen Glacier 2020: Bhaskar Live Today News Updates; Indian Army at Minus 40 degree temperature in Siachen
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भाजपा थमेगी, बढ़ेगी या घटेगी? क्या भारत जीतेगा टी-20 वर्ल्ड कप? 2020 में इन सवालों के मिलेंगे जवाब

नई दिल्ली. राजनीति और खेल जैसे क्षेत्रों के लिए नया साल अहम होगा। 2020 में दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव होंगे। साल पूरा होने से पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता में वापसी करेंगे या वहां की जनता किसी नए नेता को अगला राष्ट्रपति चुनेगी, यह भी नवंबर तक साफ हो जाएगा। वहीं, जुलाई-अगस्त में जापान में होने वाले ओलिंपिक और अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में भारत के प्रदर्शन पर नजर रहेगी।



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Questions for 2020: Nirbhaya Rape Convicts Hanged Date, BJP Delhi-Bihar Vidha Sabha Election, 2020 ICC Men's T20 World Cup, Donald Trump 2020 presidential campaign


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