पिछले 25 सालों में दुनिया भर में लोकतंत्र की स्थिति कमजोर हुई है और निरंकुश शासन या तानाशाही का समर्थन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। सबसे बुरा असर कमजोर लोकतंत्र वाले देशों में देखा गया है। पश्चिमी देशों में बाकी दुनिया की तुलना में लोकतंत्र को ज्यादा समर्थन मिला है। यह जानकारी वर्ल्ड वैल्यूज सर्वे और यूरोपियन वैल्यू सर्वे के विश्लेषण में सामने आई है। इनमें दुनिया भर में शासन व्यवस्था को लेकर लोगों की राय ली जाती है।
45% लोकतंत्र, 25% सैन्य शासन के समर्थन में
सर्वे के मुताबिक दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में तानाशाही या निरंकुश शासन का समर्थन बढ़ा है। 10% लोगों ने तो लोकतंत्र को बुरा तक बताया है। हालांकि, लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के समर्थक लोगों की संख्या इनसे करीब साढ़े चार गुना ज्यादा है। एक चौथाई लोगों ने सैनिक शासन का समर्थन किया है।
अमेरिका में सैन्य शासन के समर्थक 3 गुना बढ़े
चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिका, बांग्लादेश और फिलीपींस में सैन्य शासन के समर्थक बढ़े है। 1998 से अब तक इन देशों में सैन्य शासन का समर्थन करने वालों की संख्या तीन से पांच गुना तक बढ़ी है।
इराक और रूस में लोकतंत्र के समर्थक बढ़ रहे
- सद्दाम हुसैन की तानाशाही झेल चुके इराक में लोकतंत्र की मांग तेज हुई है। इराक में 10 में 4 लोगों ने लोकतांत्रिक सत्ता का समर्थन किया है। वहीं, रूस में लोकतंत्र को खराब बताने वालों की संख्या करीब दोगुना घट गई है।
- तानाशाही को सबसे ज्यादा समर्थन मेक्सिको में: तानाशाह या चुनावों की परवाह न करने वाले नेता को सबसे ज्यादा समर्थन मेक्सिको में मिला है। ऐसे लोगों की संख्या 39% से बढ़कर 70% हो गई है। वहीं न्यूजीलैंड में यह संख्या 2% घटकर 15% हो गई है।
- द इकोनॉमिस्ट टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2YE4rpp
0 Comments:
Post a Comment