
वॉशिंगटन/बीजिंग.दुनिया के 120 देश और तकरीबन सभी महाद्वीप कोरोनावायरस की चपेट में हैं। इससे अब तक 1.25 लाख से ज्यादा व्यक्ति संक्रमित हैं जबकि 4600 लोग मारे जा चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोनावायरस का फैलाव बेहद तेजी से हो रहा है। प्रभावित देशों में इसकी संख्या 3 गुना बढ़ रही है। चीन के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित देश इटली है। यहां 24 घंटे में 168 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया है। यहां अब तक 631 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 10 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।
- चीन के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित इटली है। यहां 24 घंटे में 168 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया है। अब तक 631 की मौत हुई है, जबकि 10 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं।
- अमेरिका में कोरोनावायरस से अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। न्यूयॉर्क में नेशनल गार्ड्स को उतार दिया गया है। अमेरिका ने ईरान की जेलों में बंद अपने कैदियों को भी जल्द रिहा करने की मांग की है।
- ब्रिटेन में 8 लोगों की मौत हुई है, वहीं 450 से ज्यादा लोग चपेट में हैं। स्वास्थ्य मंत्री नादिन डोरिस भी वायरस से संक्रमित हो गई हैं।
- चीन में पिछले 24 घंटों में 22 लोगों की मौत हुई है। अब तक 3136 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 80,778 लोग संक्रमित हैैं। चीन में वुहान को छोड़कर दो दिन में कहीं से कोई नया मामला सामने नहीं आया। वुहान में कुछ उद्योग भी शुरू हो गए हैं।
महामारी: एक ही समय में दुनियाभर के लोग प्रभावित होते हैं
मेडिकल साइंस की भाषा में महामारी उस संक्रामक बीमारी को कहते हैं जिससे एक ही समय में दुनियाभर के लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हो सकते हैं। ताजा उदाहरण साल 2009 में फैला स्वाइन फ्लू है। इससे दुनिया में लाखों लोगों की मौत हुई थी। किसी नए वायरस के जरिए फैलने वाली महामारी खतरनाक होती है क्योंकि ये लोगों में आसानी से फैल सकती है और ज्यादा वक्त तक मौजूद रह सकती है।
पिछली 4 सदियों की बड़ी महामारी और इनसे मौतें
- (प्लेग-1720) में पूरी दुनिया में प्लेग फैला था। इसे ग्रेट प्लेग ऑफ मार्सिले कहा जाता है। प्लेग से 1 लाख मौतें हुई थीं। कुछ महीनों में ही 50 हजार लोग मारे गए। बाकी 50 हजार अगले 2 साल में मर गए।
- (कॉलेरा-1820) में एशियाई देशों में कॉलेरा ने फैला। इसकी चपेट में जापान, खाड़ी देश, भारत, बैंकॉक, मनीला, जावा, ओमान, चीन, मॉरिशस, सीरिया आए। सिर्फ जावा में 1 लाख लोगों की मौत हुई थी।
- (स्पैनिश फ्लू- 1920) इसका सबसे ज्यादा असर 1920 में देखने को मिला। पूरी दुनिया में 2 से 5 करोड़ के बीच लोग मारे गए थे।
- (स्वाइन फ्लू-2009) 2009 में फैला था। इससे दुनियाभर में करीब 6 लाख लोगों की मौत हुई थी। 11 साल बाद भी इस पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है।
- (इबोला-2014) पश्चिम अफ्रीकी देशों गिनी, सियेरा लियोन और नाइजीरिया में इबोला फैला था। इससे करीब 12 हजार मौतें हुई थीं।
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