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राम मंदिर परिसर में बनेगा आंदोलन में जान गंवाने वाले कारसेवकों का शहीद स्तम्भ

लखनऊ. अयोध्या की 67.73 एकड़ जमीन पर भव्य राम मंदिर के साथ शहीद स्तम्भ भी बनेगा,जिसके जरिए मंदिर निर्माण के लिए शहीद कारसेवकों को श्रद्धांजलि देने के साथ सदा के लिए उनका नाम मंदिर परिसर से जुड़ जाएगा। इस स्तम्भ में शरद कोठारी और रामकुमार कोठारी-कोलकत्ता, वासुदेव गुप्ता, राजेन्द्र धरकार, रमेश पांडेय-अयोध्या जैसे अनेक शहीद कारसेवकों के नाम दर्ज किए जाएंगे, जिनकी1989 और 1992 के आंदोलन में जान गई।

इनके अलावा राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वाले दाऊ दयाल खन्ना- मेरठ, विजय राजे सिंधिया- ग्वालियर, परमहंस रामचंद्र दास- अयोध्या, महंत अवैद्यनाथ- गोरखपुर, स्वामी वामदेवजी महाराज- वृंदावन, रज्जू भैय्या- प्रयागराज, मोरोपंत पिंगले- नागपुर, कुपसी सुदर्शन- नागपुर, अशोक सिंहल- प्रयागराज, आचार्य गिरिराज किशोर- दिल्ली, ओंकार भावे- दिल्ली, मफल सिंह- दिल्ली, जगद्गुरू पुरूषोत्तमाचार्य- अयोध्या, महेश नारायण सिंह- अयोध्या, श्रीषचन्द्र दीक्षित- लखनऊ, ठाकुर गुरजन सिंह- प्रयागराज, ओम प्रकाशजी- लखनऊ, बीएल शर्मा "प्रेम"- दिल्ली, देवकीनंदन अग्रवाल- प्रयागराज समेत तमाम वरिष्ठ पदाधिकारियों के नाम की पट्टिका भी लगेगी।

राम मंदिर आंदोलन का पूरा इतिहास भी शिलापट्ट पर दर्ज किया जाएगा।

यह मंदिर आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने का सही तरीका: विहिप
विहिप के अवध प्रांत के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में जिन लोगों ने कुर्बानी दी है, उनको श्रद्धांजलि देने का यह एक बेहतर तरीका है। कारसेवकों ने घर परिवार की फिक्र न करते हुए अपने आप को भगवान राम को समर्पित कर दिया। विहिप सूत्रों का कहना है कि मंदिर निर्माण के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले कारसेवकों और आंदोलन को नेतृत्व देने वाले महापुरुषों के लिए स्तम्भ का निर्माण होगा।



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अयोध्या मॉडल की प्रतिकृति। -फाइल फोटो


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