आजवर्ल्ड बाइसिकल डे हैं। कोरोना के इस संकट काल में जब सारे पहिये लगभग थम गए, तो लोगों को साइकिल फिर से अच्छी लगने लगी। अमेरिका जैसे देश में जहां बीते दो महीनों मेंइसकी बिक्री दुगुनी हो गई।भारत में सैकड़ों मजदूर शहरों की बेदर्दी से परेशान होकर अपनेगांवों की ओर साइकिल पर ही निकल पड़े।
बिहार की बेटी ज्योतिअपने पिता को लेकर हजार किलोमीटर निकलपड़ी ताे कहीं पूरा परिवार ही साइकिल पर नजर आया।
इतिहास के पन्नों में सुविधा वाली साइकिल
ये तो हुई आज की बात, लेकिन साइकिल का सफर223 साल पुरानाहो चुका है।साइकिल बनाने के पीछे पहली सोच साधन और सुविधा की थी जो अब सेहत से जुड़ गई है। 1817 में पहली बार जर्मन ड्यूक शासक की सेवा में लगे एक सरकारी अफसरकार्ल वॉन ड्रैस ने दुनिया की पहली दो पहिया साइकिल बनाई थी। इसे ही बाइसिकल कहा गया और उस वक्त नाम दिया गया - ड्रैसिनी। इसका मतलब था एक हल्का वाहन जो आपको बिना मोटर के एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सके।
अब बात सेहत की
साइकिल का रूप भले बदल गया हो, पर आज भी इसका कोईविकल्प नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर तमाम रिसर्च बताती हैं किरोजाना 30-40 मिनट की साइक्लिंग शरीर को फिट बनाकर तन और मन दोनों की परेशानियोंसे छुटाकारा दिला सकती है।
साइक्लिंग से कॉर्टिसोल का लेवल बढ़ता है
अच्छी बात ये है कि साइकिल चलाने से शरीर में फील गुड कराने वाले हैप्पीनेस हार्मोन कॉर्टिसोल का लेवल भी बढ़ता है। शरीर की चर्बी गलाने में तो ये कमाल करती है और आप इसकी मदद से महीने भर में लगभग दो किलो तक वजन कम कर सकते हैं।
आज के दिन की बात करें तो,यूनाइटेड नेशंस की जनरल असेम्बली ने 12 अप्रैल, 2018 को एक रेजोल्यूशन पास किया। फैसला हुआ कि सभी सदस्य देश हर साल 3 जून को वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाएंगे।
कोरोना अनलॉकडाउन शुरू हो गया, लेकिन अपनी आदत को बनाए रख करअब आगे साइकिल चलानेसे क्या फायदे हो सकते हैं, बता रही हैंफिटनेस एक्सपर्ट नेहा शाह -
1. नहीं होगा जोड़ों का दर्द
नियमित साइकिल चलाने का सबसे बड़ा फायदा है कि जोड़ों का दर्द काफी हद तक कम हो जाता है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि साइक्लिंग के वक्त यह ध्यान रखें कि आपके जोड़90 डिग्री पर मूव हो रहे हों।
2. एंजाइटी- डिप्रेशन से मुक्ति
साइक्लिंग के सिर्फ शारीरिक फायदे नहीं हैं। बल्कि, मानसिक तौर पर भी साइकिल के कई फायदे हैं। अगर आप डिप्रेशन या एंजाइटी से परेशान हैं, तो साइक्लिंग शुरू कर दें।
3. हार्टअटैक का खतरा कम
रेगुलर साइकलिंग करने से हार्ट अटैक, एबनॉर्मल हार्ट रिदम्स, हार्ट फेलियर जैसी कार्डिडियोवस्क्यूलरडिसीज का खतरा भी न के बराबर होता है।
4.साइक्लिंग से इम्युनिटी क्योंबढ़ती है ?
2018 में जर्नल द एजिंग सेल में छपीरिसर्चरिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि साइकिल चलाने वालोंकी इम्युनिटी पॉवर अन्य लोगों की तुलना में अधिक होती है। जब हम सुबह-सुबह खुली हवा में साइक्लिंग करते हैं तो शरीर ठंड का सामना करता है। थोड़ी देर बाद शरीर गर्म होता है और फिर अत्याधिक गर्मी भी झेलता है। ठंड और गर्मी झेलने कीयह प्रक्रिया शरीर की टी-सेल्स को ताकत देती है और हम मौसम के साथ बीमारियों के प्रति भीज्यादा ताकतवर बन जाते हैं।
5. अन्य वर्कआउट से बेहतर क्यों है साइक्लिंग ?
साइकिल चलाने की उपयोगिता बताते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के एजिंग इंस्टीट्यूट के प्रो जैनेट लॉर्ड कहते हैं कि साइकिल चलाने से बॉडी फैट और कोलेस्टेरॉल का लेवल ठीक बना रहता है और आप खुद को जवानमहसूस करते हैं।
स्वीमिंग, जिम, रनिंग जैसे वर्कआउट के कई माध्यम हैं। लेकिन, साइक्लिंग करना इन सबसे बेहतर इसलिए है क्योंकि यह आपके रुटीन में आसानी से फिट हो जाता है। उदाहरण के लिए जिम, स्वीमिंग पूल, स्पोर्ट्स के लिए आपको अलग से समय निकालना होता है। जबकि साइक्लिंग आप ऑफिस, बाजार, स्कूल, कॉलेज जाते वक्त भी कर सकते हैं।
6. क्या साइक्लिंग के दौरान मास्क जरूरी है ?
अगर इनडोर साइक्लिंग कर रहे हैं तो मास्क की जरूरत नहीं है। लेकिन, यदि ऐसे खुली जगह मेंसाइक्लिंग कर रहे हैं जहां भीड़ हैतो मास्क पहनना जरूरी है।
7. कितनी देर साइक्लिंग करनी चाहिए?
यह रुटीन पर निर्भर करता है। अगर आप कोई अन्य फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं तो कम से कम सप्ताह में 5 दिन (रोज 40 मिनट) साइक्लिंग करना जरूरी है। वहीं अगर आप जिम या किसी तरह का दूसरा वर्कआउट करते हैं तो 15 मिनट साइक्लिंग करना भीकाफी है।
8. साइक्लिंग का कैलोरी कनेक्शन ?
साइक्लिंग कासबसे बड़ा फायदा कैलोरी बर्न करना और वेट लॉस ही माना जाता है। रिसर्च डेटा से पता चलता है कि एक साल तक सप्ताह के 6 दिन साइकिल चलाने से आप करीब 2 लाख कैलोरी जला सकते हैं। इतनी कैलोरी करीब 26 किलो वजन कम करने के बराबर होती है।
इसे दिन और वजन के हिसाब से देखें तो 80 किलो का एक व्यक्ति हर रोज एक घंटा साइकिल चलाकर 650 कैलोरी घटा सकता है, यानि आप हर दिन एक घंटा साइकिल चलाकर 71 ग्राम वजन घटा सकते हैं।
दुनिया नीदरलैंड्स से सीखें साइकिल चलाना
- नीदरलैंड्स में साइकिल चलाना गर्व समझा जाता है और ये वहां की संस्कृति का हिस्सा है। डच राजधानी एम्सटर्डम को दुनिया की साइकिल कैपिटल भी कहा जाता है। यहां लगभग हर नागरिक के पास अपनी साइकिल है और पूरे देश में इसे चलाने के लिए अलग ट्रैक और पार्किंग की व्यवस्था है।
- इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट पॉलिसी एनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 40% लोग छुट्टी के दिनों में साइकिल इस्तेमाल करते हैं। नीदरलैंड्स में कुल ट्रिप्स में से 30% ट्रिप्स साइकिल से की जाती हैं, जबकि दुनिया के दूसरे देशों में यह मात्र 1 से 5 फीसदी तक है।
- नीदरलैंड के 11 बड़े नौकरी देने वाले संस्थान साइकिलिंग की आदत को बढ़ावा देने के लिए साइकिलों को फाइनेंस भी करते हैं। दो साल पहले यहां केउट्रेच शहर में दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल पार्किंग तैयार हो गई है। इस तीन मंजिला पार्किंग में 12500 साइकिलें पार्क करने की जगह है।
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